Sudeep Pharma IPO: GMP ने लगाई छलांग, ₹93 से ₹117 पहुंचा, पैसा लगाने से पहले जान लें कंपनी से जुड़े ये रिस्क
Sudeep Pharma IPO 21 नवंबर से खुलने जा रहा है. यह इश्यू ₹895 करोड़ का है. इसमें फ्रेश् इश्यू और ऑफर फॉर सेल दोानों शामिल हैं. इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP भी फर्राटे भर रहा है. इससे निवेशकों को अच्छी लिस्टिंग गेन की उम्मीद है. हालांकि कंपनी से जुड़े कुछ रिस्क भी है, तो क्या हैं वो चुनौतियां जानिए डिटेल.
Sudeep Pharma IPO: आईपीओ मार्केट में जल्द ही एक और फार्मा कंपनी की एंट्री हो रही है. जिसका नाम Sudeep Pharma है. ये 21 नवंबर को अपना IPO ला रही है. कंपनी का यह मेगा इश्यू बाजार में लॉन्च से पहले ही चर्चा में है. क्योंकि इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP अभी से उछल रहा है. यही वजह है कि ये महज दो दिनों में ही ₹93 से ₹117 पर पहुंच गया है. अगर आप भी इसमें पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो कंपनी से जुड़े रिस्क और IPO डिटेल्स चेक कर लें.
प्राइस बैंड और लॉट साइज
Sudeep Pharma का IPO कुल ₹895 करोड़ का है, जिसमें ₹95 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹800 करोड़ का ऑफर फॉर सेल शामिल है. इसका प्राइस बैंड ₹563 से ₹593 प्रति शेयर तय किया गया है. इसके एक लॉट में न्यूनतम 25 शेयर शामिल होंगे. यह इश्यू 21 नवंबर से 25 नवंबर तक खुलेगा, जबकि शेयरों की संभावित लिस्टिंग 28 नवंबर 2025 को हो सकती है.
GMP भर रहा उड़ान
Sudeep Pharma IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP जबरदस्त छलांग लगा रहा है. 18 नवंबर को ये 93 रुपये था, जो 19 नवंबर को उछलकर ₹117 पर पहुंच गया. इंवेस्टरगेन के मुताबिक इसकी अनुमानित लिस्टिंग प्राइस लगभग ₹710 हो सकती है. इसमें 19.73% का लिस्टिंग गेन मिल रहा है.
कंपनी से जुड़े रिस्क
चुनिंदा ग्राहकों पर निर्भरता
Sudeep Pharma अपनी आमदनी के बड़े हिस्से के लिए कुछ चुनिंदा ग्राहकों पर निर्भर है. उसके शीर्ष पांच ग्राहक हर वर्ष कुल रेवेन्यू का 27% से 35% तक योगदान देते रहे हैं. सबसे बड़े ग्राहक का योगदान भी 8% से लेकर 14% तक रहा है. मगर इनमें से किसी भी बड़े ग्राहक के हटने पर इसका वित्तीय प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है.
सेंग्मेंट में उतार-चढ़ाव
कंपनी की आमदनी मुख्य रूप से फार्मास्युटिकल, फूड और न्यूट्रिशन सेगमेंट से आती है, जिससे इसका रेवेन्यू काफी हद तक इस इंडस्ट्री के उतार–चढ़ाव पर निर्भर रहता है.
सीमित एरिया में विस्तार
कंपनी की उत्पादन इकाइयों का बड़ा हिस्सा वडोदरा, गुजरात में स्थित है और नया प्लांट भी यहीं बन रहा है. अगर इन एरिया में किसी भी तरह की क्षेत्रीय बाधा आती है तो इसका सीधा असर कंपनी के संचालन पर पड़ सकता है.
वैश्विक नियमों का असर
कंपनी का बड़ा हिस्सा निर्यात बाजारों से आता है, जो 2023 से 2025 के बीच 58% से 68% के बीच रहा है. अगर वैश्विक बाजारों में नियमों के बदलाव, टैरिफ या अन्य व्यापारिक रुकावटें आती हैं, तो इसका कंपनी की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
Latest Stories
Gallard Steel vs Excelsoft IPO: एक का लुढ़का GMP, दूसरे का स्थिर, दांव से पहले जान लें किसमें कमाई के चांस ज्यादा
भारतीय IPO मार्केट के लिए सबसे बड़ा साल होगा 2026! ओयो, NSE से लेकर फ्लिपकार्ट तक कतार में, जियो पर सभी की नजरें
₹877 करोड़ वाले IPO को आखिरी दिन मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, GMP ने लगाई लंबी छलांग; कहां पहुंचा लिस्टिंग गेन?
