PPF, ELSS, NPS, ULIP… किसमें है सबसे ज्यादा मुनाफा, ₹12500 के निवेश पर मिल सकता है 63 लाख, टैक्स फ्री में बेहतर कौन

लंबी अवधि में वेल्थ जनरेशन के लिए सही निवेश रणनीति जरूरी है. टैक्स-बचत और बेहतर रिटर्न के संतुलन से आप अपने वित्तीय लक्ष्य आसानी से पा सकते हैं. ELSS, PPF, ULIP और NPS जैसे विकल्प न सिर्फ टैक्स में बचत कराते हैं, बल्कि 15-20 साल में आपकी बचत को लाखों में बदल सकते हैं.

ELSS vs PPF vs ULIP vs NPS Image Credit: @AI/Money9live

ELSS vs PPF vs ULIP vs NPS: लंबी अवधि में पैसे बढ़ाने के लिए स्मार्ट प्लानिंग जरूरी है. टैक्सपेयर्स को ऐसे निवेश विकल्प चुनने चाहिए, जो लगातार पैसे बढ़ाने में मदद करें और टैक्स-फ्री भी हों. प्रत्येक निवेश में जोखिम, रिटर्न, अवधि और टैक्स लाभ अलग-अलग होते हैं. इन अंतरों को समझकर बैलेंस्ड पोर्टफोलियो बनाएं, तभी वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है.

इक्विटी-आधारित ऑप्शन आपको हाई रिटर्न दे सकता है, जबकि फिक्स्ड इनकम वाले स्टेबिलिटी प्रदान करते हैं. विभिन्न निवेशों पर टैक्स कैसे लागू होता है, यह जानकर नेट रिटर्न बढ़ाया जा सकता है. कुछ में टैक्स कटौती मिलती है, तो कुछ में वृद्धि या निकासी टैक्स फ्री होती है. 15 साल तक बचत के लिए ELSS, PPF, ULIP या NPS जैसे विकल्प अपना सकते हैं.

ELSS (Equity Linked Savings Scheme)

ELSS एक टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड है, जो मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करता है. इसमें 3 साल या अधिक का लॉक-इन होता है. यानी तीन साल से पहले पैसा निकालने पर एक्सट्रा चार्ज लगता है. रिटर्न बाजार की स्थिति पर निर्भर करते हैं, लेकिन औसतन 12 फीसदी वार्षिक रिटर्न देखा गया है.

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक कटौती का दावा करने का प्रावधान है. हालांकि, यदि एक वित्त वर्ष में मुनाफा 1.25 लाख रुपये से अधिक हो, तो उस पर टैक्स लगता है.

PPF (Public Provident Fund)

PPF एक सरकारी समर्थित सेविंग स्कीम है, जो गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है. इसमें 15 साल का लॉक-इन होता है. धारा 80C की सीमा में प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक लाभ का दावा कर सकते हैं. रिटर्न और मैच्योरिटी राशि पूरी तरह टैक्स-फ्री है. वर्तमान में 7.1 फीसदी निश्चित रिटर्न मिल रहा है.

ULIPs (Unit Linked Insurance Plans)

ULIPs में बीमा और निवेश दोनों शामिल होते हैं. प्रीमियम का एक हिस्सा लाइफ कवर प्रदान करता है, जबकि शेष बाजार-लिंक्ड फंड्स में निवेश होता है. रिटर्न बाजार पर निर्भर हैं, लेकिन उच्च रिटर्न होने पर भी कॉर्पस पूरा नहीं दिखता, क्योंकि हिडन चार्ज इसे कम कर देते हैं.

मान लें 90 फीसदी निवेश वृद्धि में, शेष बीमा में.

2021 के बाद जारी पॉलिसी में, यदि सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से अधिक हो, तो मैच्योरिटी टैक्स-फ्री नहीं है. प्रीमियम पर धारा 80C में कटौती मिलती है.

NPS (National Pension System)

NPS एक रिटायरमेंट-आधारित योजना है. इसमें इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स और सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करें. मैच्योरिटी पर 60फीसदी कॉर्पस एकमुश्त निकालें, शेष 40फीसदी एन्युटी में डालकर पेंशन प्राप्त करें. इसका ट्रेक रिकॉर्ड है कि NPS ने औसतन 10फीसदी रिटर्न दिया है.

इसमें 60 फीसदी (लगभग 31.4 लाख रुपये) टैक्स-फ्री निकाल सकते हैं. शेष 21 लाख रुपये से मासिक पेंशन मिलेगी, जो आय की तरह टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्सेबल है.

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