इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट, 7172 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार, इन 7 कंपनियों पर रखें नजर
भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के तहत 7,172 करोड़ रुपये के 17 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. इससे 65,111 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन का अनुमान है. सरकार का लक्ष्य हाई-वैल्यू कम्पोनेंट्स में आत्मनिर्भरता और मजबूत सप्लाई चेन तैयार करना है. इसका 7 कंपनियों को खासतौर पर फायदा मिल सकता है.
भारत ने हाई-वैल्यू इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट्स की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के तहत 7,172 करोड़ रुपये के कुल 17 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में मजबूत स्थान दिलाने की दिशा में अहम मानी जा रही है.
क्या है केंद्र की योजना?
ECMS के दूसरे ट्रेंच में स्वीकृत ये 17 प्रोजेक्ट्स मिलकर कुल 65,111 करोड़ रुपये का उत्पादन करेंगे. इसके बाद ECMS के तहत कुल स्वीकृत प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. ये प्रोजेक्ट्स 9 राज्यों में लगाए जाएंगे और इनमें कैमरा मॉड्यूल, कनेक्टर्स, मल्टी-लेयर PCB, ऑसिलेटर्स और एनक्लोजर्स जैसे हाई-वैल्यू कम्पोनेंट्स शामिल हैं.
इन कंपनियों को मिलेगा फायदा
ECMS के तहत जिन कंपनियों में को इसका फायदा मिलेगा, उनमें Jabil Circuit India, Aequs Consumer Products, Uno Minda, ASUX Safety Components India, Zetfab India, TE Connectivity India और Meena Electrotech जैसी बड़ी और उभरती कंपनियां शामिल हैं.
भारत बनेगा वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स की स्वीकृति दिखाती है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपने दिखाया है कि भारत कैसे एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा. इसके साथ ही यह भी जोर दिया कि आने वाले समय में भारत को तीन क्षेत्रों पर मजबूती से फोकस करना होगा. पहला, ग्लोबल स्टैंडर्ड के डिजाइन, सिक्स सिग्मा क्वालिटी, स्वदेशी सप्लायर नेटवर्क को बढ़ावा, उन्होंने कहा कि क्वालिटी सिस्टम अब हर प्रोजेक्ट के मूल्यांकन का मुख्य हिस्सा होंगे.
सप्लाई चेन कंट्रोल होगा मजबूत
वैष्णव ने बताया कि बदलते जियो-पॉलिटिक्स और जियो-इकोनॉमिक्स के माहौल में सप्लाई चेन का मजबूत नियंत्रण ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की असली ताकत बनेगा. इस तरह की योजनाओं से सप्लाई चेन पर भारत का नियंत्रण मजबूत होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा, चुनौतियां बढ़ेंगी, और ऐसे दौर में सप्लाई चेन पर आपका नियंत्रण ही आपकी प्रतिस्पर्धी क्षमता तय करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा, सरकार जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक नया स्किलिंग फ्रेमवर्क भी जारी करने जा रही है.
देशी उद्योग को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
सरकारी को इस ट्रेंच से उम्मीद है कि भारत में हाई-वैल्यू कम्पोनेंट्स का इंपोर्ट निर्भरता कम होगी, घरेलू विनिर्माण को बल मिलेगा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में रोजगार सृजन भी बढ़ेगा. ECMS के तहत हो रहे निवेश से भारत का लक्ष्य स्पष्ट है कि डिजाइन से लेकर उत्पादन तक, संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में आत्मनिर्भरता हासिल करनी है.
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