अब PF का आएगा ATM, निकाल पाएंगे इतना पैसा, नहीं लेना होगा अप्रूवल

अधिकारियों ने बताया कि EPFO ​​से ATM कार्ड के जरिए पैसे निकालने की सुविधा अगले साल के मध्य तक शुरू हो जाएगी. इसी तरह EPFO पेंशन कंट्रीब्यूशन को भी फ्लेक्सिबल बनाने की योजना बना रहा है.

रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पैसे की निकासी के लिए बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है. इस बदलाव के लागू होने के बाद सदस्य अपने पीएफ खाते से ATM के जरिए पैसे की निकासी कर सकते हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि EPFO ​​से ATM कार्ड के जरिए पैसे निकालने की सुविधा अगले साल के मध्य तक शुरू हो जाएगी. हालांकि, कार्ड के जरिए निकासी की लिमिट भी तय की जाएगी. मतलब यह कि आप अपने पीएफ खाते में जमा पूरा पैसा नहीं निकाल सकेंगे.

आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड कर रहा EPFO

EPFO 3.0 के तहत रिटायरमेंट फंड बॉडी के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है. इसका पहला फेज दिसंबर में समाप्त होगा और जून 2025 में पूरा होने की उम्मीद है. एक अधिकारी ने कहा कि आईटी अपग्रेड के पूरा होने के बाद ईपीएफओ फंड से राशि निकालने के लिए एटीएम कार्ड की सुविधा शुरू होने की उम्मीद है.

एटीएम कार्ड जैसा मिल सकता है कार्ड

इंडियन एक्सप्रेस ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा कि ऐसी सुविधा शुरू करने की दिशा में काम किया जा रहा, जिसमें ईपीएफ सदस्यों के पास एटीएम कार्ड के बराबर का कार्ड हो और फिर बैंक जैसी सुविधा में वे एक निश्चित सीमा, जैसे कि 50 फीसदी तक अपना पैसा निकाल सकें. लोगों को अपना पैसा निकालने के लिए किसी की मंजूरी क्यों लेनी चाहिए? इस प्रस्ताव के पीछे का आइडिया यही है. अधिकारी ने कहा कि एक बार निकासी राशि की अधिकतम सीमा तय हो जाने के बाद ईपीएफ खाताधारकों को कार्ड स्वाइप करके अपनी राशि निकालने के लिए किसी अन्य अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.

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पेंशन कंट्रीब्यूशन की लिमिट में भी हो सकता है बदलाव

इसी तरह EPFO पेंशन कंट्रीब्यूशन को भी फ्लेक्सिबल बनाने की योजना बना रहा है. इस प्रस्ताव में, कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में मौजूदा 12 फीसदी की सीमा से अधिक या कम योगदान करने की सुविधा होगी. अधिकारी ने कहा कि कुछ लोग पेंशन के लिए अपने वेतन का 10 फीसदी ही योगदान करना चाहते हो, या फिर कोई 12 प्रतिशत या 15 प्रतिशत योगदान करना चाहता हो. कुछ लोग एक निश्चित संख्या में वर्षों तक योगदान करना चाहते हैं और फिर बाद में बंद कर देते हैं. इसलिए पेंशन कंट्रीब्यूशन को फ्लेक्सिबल बनाकर इसका लाभ कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए.

पेंशन कंट्रीब्यूशन ब्रेकअप

अभी तक कर्मचारी EPS के तहत पेंशन योजना में योगदान नहीं करते हैं. कर्मचारी और नियोक्ता (कंपनी) दोनों ही कर्मचारी की बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ते और रिटेनिंग भत्ते (यदि कोई हो) का 12 फीसदी EPF में योगदान करते हैं. कर्मचारी का पूरा योगदान EPF में जाता है, जबकि नियोक्ता द्वारा दिया जाने वाला 12 फीसदी योगदान EPF में 3.67 फीसदी और EPS में 8.33 फीसदी के रूप में डिवाइड किया जाता है. भारत सरकार 15,000 रुपये की वेतन सीमा से नीचे के कर्मचारियों के लिए पेंशन का 1.16 प्रतिशत योगदान देती है.