ETF और Index फंड में आपके लिए बेस्ट कौन? निवेश से पहले इन तीन बातों का रखें ध्यान
निवेश की दुनिया में ETF और इंडेक्स फंड दो लोकप्रिय पैसिव निवेश विकल्प हैं. दोनों किसी मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, लेकिन ट्रेडिंग, प्राइसिंग और आसानी में बड़े अंतर हैं. लंपसम निवेश और मार्केट मॉनिटरिंग करने वालों के लिए ETF बेहतर, जबकि SIP से नियमित निवेश करने वालों के लिए इंडेक्स फंड बेस्ट हैं. जानिए कौन सा विकल्प आपके लिए सही है.
ETF vs Index Fund: बदलते फाइनेंशियल मार्केट में निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं. निवेशकों की रिस्क लेने की क्षमता, निवेश की राशि और मार्केट पर नजर रखने के समय के आधार पर इनका चयन किया जाता है. इन विकल्पों में दो प्रमुख हैं ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और इंडेक्स फंड. कई निवेशक इन दोनों के बीच कन्फ्यूजन में रहते हैं कि कौन सा बेहतर है. दोनों ही पैसिव इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं जो किसी इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, लेकिन इनमें कुछ प्रमुख अंतर हैं जो लचीलापन, लागत और रिटर्न को प्रभावित करते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार चुनाव निवेशक की स्टाइल पर निर्भर करता है.
ETF क्या हैं?
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF वे निवेश फंड हैं जो किसी खास इंडेक्स, सेक्टर, कमोडिटी या एसेट क्लास को ट्रैक करते हैं और स्टॉक एक्सचेंज पर सामान्य शेयरों की तरह ट्रेड होते हैं. इससे निवेशक मार्केट के दौरान यानी सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 3 बजे तक कभी भी इन्हें खरीद या बेच सकते हैं. इनकी कीमत ट्रेडिंग के दौरान बदलती रहती है.
इंडेक्स फंड क्या हैं?
दूसरी ओर इंडेक्स फंड म्यूचुअल फंड होते हैं जो S&P 500 या निफ्टी 50 जैसे किसी मार्केट इंडेक्स की परफॉर्मेंस को कॉपी करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं. ये ETF की तुलना में अधिक आसान और लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प हैं क्योंकि इन्हें ट्रेडिंग डे के अंत में फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर खरीदा या बेचा जाता है.
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किन निवेशक के लिए क्या है बेस्ट?
लंपसम निवेश करने वाले और मार्केट को रोजाना मॉनिटर करने वाले निवेशकों के लिए ETF बेहतर हैं क्योंकि वे मार्केट क्रैश के दौरान अतिरिक्त निवेश कर सकते हैं. वहीं नियमित निवेश SIP के माध्यम से करने वालों के लिए इंडेक्स फंड सबसे उपयुक्त हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि ETF लंपसम निवेश और मार्केट ट्रैक करने वालों के लिए अच्छे हैं जबकि इंडेक्स फंड SIP के लिए बेस्ट हैं.
प्राइसिंग और लिक्विडिटी
ETF में कभी-कभी कम या ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण मिसप्राइसिंग हो सकती है, जैसा इस महीने सिल्वर में देखा गया. फिर भी मार्केट मेकर्स की मदद से इनकी लिक्विडिटी अच्छी रहती है और मार्केट में तेजी से खरीद-बिक्री संभव है. इंडेक्स फंड दिन के अंत की NAV पर प्राइस होते हैं जो अंडरलाइंग इंडेक्स की वैल्यू से बहुत करीब रहती है और फेयर प्राइसिंग सुनिश्चित करती है. इनकी लिक्विडिटी दिन की NAV पर ही सीमित है.
निवेश की आसानी
ETF के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है और इन्हें शेयरों की तरह खरीदा-बेचा जाता है. लॉन्ग टर्म पैसिव निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड अधिक आसान हैं क्योंकि इनमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.