डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन उछाल के साथ 17.05 लाख करोड़ पहुंचा, जानें खजाने में कहां से आई सबसे ज्यादा रकम?
सरकार की आय से जुड़े ताजा आंकड़े कई अहम संकेत दे रहे हैं. कुछ मोर्चों पर मजबूती दिख रही है तो कुछ क्षेत्रों में बदलाव साफ नजर आता है. टैक्स सिस्टम में हुए हालिया सुधारों का असर अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है. डायरेक्ट टैक्स में सबसे बड़ा योगदान कॉरपोरेट टैक्स का रहा. इस अवधि में नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 8.17 लाख करोड़ रुपये हो गया.
वित्त वर्ष 2025–26 में सरकार की कर वसूली की तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होने लगी है. आयकर विभाग के ताजा आंकड़े बताते हैं कि कंपनियों और करदाताओं से मिलने वाला डायरेक्ट टैक्स अब भी मजबूत बना हुआ है. खास बात यह है कि टैक्स रिफंड में कमी और कॉरपोरेट टैक्स की स्थिर बढ़त ने सरकार की आय को सहारा दिया है. इससे संकेत मिलता है कि आर्थिक गतिविधियां सुस्त होने के बावजूद टैक्स कलेक्शन की नींव फिलहाल मजबूत है.
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 8% की बढ़त
आयकर विभाग के अनुसार 1 अप्रैल से 17 दिसंबर 2025 के बीच देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 8% बढ़कर 17.05 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 15.78 लाख करोड़ रुपये था. वहीं ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन सालाना आधार पर 4.16% बढ़कर 20.01 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सरकार के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.
डायरेक्ट टैक्स में सबसे बड़ा योगदान कॉरपोरेट टैक्स का रहा. इस अवधि में नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 8.17 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 7.39 लाख करोड़ रुपये था. इसके साथ ही नॉन-कॉरपोरेट टैक्स, जिसमें व्यक्तिगत करदाता और अन्य इकाइयां शामिल हैं, 7.96 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 8.46 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
टैक्स रिफंड में गिरावट से बढ़ी नेट वसूली
सरकार द्वारा जारी किए गए टैक्स रिफंड में इस साल कमी देखने को मिली. अप्रैल से दिसंबर के बीच रिफंड 13.52% घटकर 2.97 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.43 लाख करोड़ रुपये था. रिफंड में आई इस गिरावट ने नेट टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई.
एडवांस टैक्स और STT की स्थिति
एडवांस टैक्स कलेक्शन भी स्थिर गति से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2026 में अब तक एडवांस टैक्स 4.27% बढ़कर 7.88 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसमें कॉरपोरेट एडवांस टैक्स करीब 8% बढ़ा, जबकि नॉन-कॉरपोरेट एडवांस टैक्स में 6.49% की गिरावट दर्ज की गई. वहीं सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स करीब 40,195 करोड़ रुपये पर लगभग स्थिर रहा.
यह प्रदर्शन ऐसे समय में आया है, जब सरकार ने बजट 2025 में पर्सनल इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को बढ़ावा देते हुए स्लैब दरों में कटौती की थी. इसके अलावा जीएसटी के तहत दरों के सरलीकरण और सख्त अनुपालन उपायों का भी राजस्व पर असर दिखने लगा है.
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