HDFC बैंक का कर्ज हुआ महंगा, बढ़ जाएगी होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI
HDFC बैंक का लोन अब महंगा पड़ने वाला है क्योंकि बैंक ने अपना MCLR रेट बढ़ा दिया है. एमसीएलआर को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट के नाम से जाना जाता है. इसमें 5 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है, जो ओवरनाइट, एक महीने और तीन साल के लोन पर लागू होगी.

HDFC बैंक का लोन महंगा होने वाला है, क्योंकि HDFC बैंक ने अपने एमसीएलआर, यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट्स को बढ़ा दिया है. इसमें 5 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई है, जो कम समय वाले लोन, जैसे ओवरनाइट, एक महीने और तीन साल के लोन पर लागू होगी. यह बढ़ोतरी 7 नवंबर 2024 से लागू होगी. अगर सरल शब्दों में कहें तो एमसीएलआर उस दर को कहा जाता है, जिसके आधार मानकर बैंक लोन देता है.
HDFC बैंक MCLR रेट में बदलाव
HDFC बैंक के इस एमसीएलआर रेट (MCLR) में बढ़ोतरी के बाद ओवरनाइट एमसीएलआर 9.10% से बढ़कर 9.15% हो गई है
एक महीने की एमसीएलआर 9.15% से बढ़कर 9.20% हो गई है.
तीन साल की एमसीएलआर 9.45% से बढ़कर 9.50% हो गई है.
इन तीनों के अलावा किसी अन्य लोन की एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
तीन महीने की एमसीएलआर 9.30% पर स्थिर है, जबकि छह महीने और एक साल की एमसीएलआर दोनों 9.45% पर बरकरार हैं. दो साल की एमसीएलआर भी 9.45% पर स्थिर है और तीन साल की दर 9.50% पर है.
क्या है MCLR और किस पर पड़ता है इसका असर
यदि आप बैंक से लोन लेते हैं, तो बैंक जिस रेट को मानकर मानकर लोन देता है, उसे MCLR या मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट कहते हैं. 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक ने MCLR की शुरुआत की, जिसने बेस रेट सिस्टम का स्थान ले लिया. यदि आप लोन लेते हैं, तो MCLR रेट में बदलाव के कारण लोन की EMI में भी उतार-चढ़ाव हो सकता है.
जिन्होंने 2016 से पहले लोन लिया है, उनके लिए बेस रेट या बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) अभी भी लागू है. MCLR के बढ़ने से लोन लेने वाले व्यक्ति पर बोझ बढ़ता है, जिससे होम लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन जैसे अन्य लोन की EMI भी बढ़ जाती है.
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