TDS on Interest: FD के 1 लाख से ज्यादा ब्याज पर नहीं लगेगा टीडीएस! सीनियर सिटीजन ऐसे करें प्लानिंग
सीनियर सिटीजन को अब FD interest से मिले 1 लाख रुपये तक के ब्याज पर TDS नहीं देना है. लेकिन, अब बड़ा सवाल यह है कि कैसे 1 लाख रुपये से ज्यादा के ब्याज पर टीडीएस से बचा जाए? हम यहां बुजुर्ग निवेशकों को बता रहे हैं कि वे इसके लिए कैसे प्लानिंग कर सकते हैं?
TDS Calculation on Senior Citizen FD: केंद्र सरकार ने बजट में बजुर्गों को FD से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की छूट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है. जाहिर है 1 लाख से ज्यादा ब्याज मिलने पर टीडीएस चुकाना होगा. हालांकि, अगर स्मार्ट प्लानिंग की जाए, तो सीनियर सिटीजन अलग-अलग बैंक में FD में निवेश कर 99,999 रुपये तक ब्याज हासिल कर टीडीएस कटौती से बच सकते हैं. मौजूदा नियमों के हिसाब से कोई भी बैंक सीनियर सिटीजन के एफडी पर 1 लाख रुपये से कम ब्याज होने पर टीडीएस की कटौती नहीं करेगा. इस नियम को ध्यान में रखते हुए अगर स्मार्ट प्लानिंग की जाए, तो अलग-अलग बैंकों में FD के जरिये 1 लाख रुपये से ज्यादा के ब्याज पर TDS कटौती से बचा जा सकता है.
फॉर्म 15H की भूमिका
किस बैंक में कितनी ब्याज दर पर कितनी रकम निवेश करने से टीडीएस छूट मिलती रहे, इसका गणित समझने से पहले जानते हैं फॉर्म 15H की भूमिका क्या है. असल में एक बुजुर्ग निवेशक ने अगर बैंक में फॉर्म 15H जमा नहीं कराया है, तो ब्याज अगर 1 लाख रुपये या उससे कम भी रहेगा, तब भी टीडीएस काटा जाएगा. फॉर्म 15H असल में टीडीएस कटौती को रोकता है. हालांकि, इसमें शर्त यह है कि वरिष्ठ नागरिक की वार्षिक आय पुरानी कर व्यवस्था में 3 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.
TDS छूट के लिए कितने की करें FD
नीचे सीनियर सिटीजन को FD पर तीन सबसे ज्यादा ब्याज देने वाली बैंकों की दरों को दर्शाया गया है. इसके साथ ही वह रकम भी बताई गई है, जितने की FD कराए जाने पर सालाना कम्युलेटिव ब्याज 1 लाख से कम रहेगा और टीडीएस कटौती नहीं होगी.
प्रिंसिपल अमाउंट | ब्याज दर (कम्युलेटिव) | ब्याज की रकम (1 वर्ष में) |
12,13,110 रुपये | 8% ( सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया) | 99,999 |
11,32,751 रुपये | 8.55% (बंधन बैंक) | 99,999 |
10,15,864 रुपये | 9.5% (यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक) | 99,999 |
हालांकि, यहां इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह दूसरे वर्ष से टैक्स लगने लगेगा, क्योंकि ब्याज की रकम भी प्रिंसिपल अमाउंट में शामिल हो जाएगी. ऐसे में अगले वर्ष के लिए भी ब्याज दर के हिसाब से रकम को एडजस्ट करना होगा.
क्वार्टरली पे-आउट FD
1 लाख तक ब्याज पर टीडीएस छूट का फायदा उठाने के लिए एक तरीका क्वार्टरली पे-आउट FD भी हो सकती है. इस तरीके से आपको बार-बार प्रिंसिपल अमाउंट को एडजस्ट नहीं करना होगा. क्वार्टरली पे-आउट FD में ब्याज का भुगतान हर तीन महीने में होता रहता है. ऐसे में FD का टेन्योर पूरा होने या ब्याज दर में बदलाव होने तक प्रिंसिपल अमाउंट को एडजस्ट नहीं करना होगा. इसके लिए कितनी रकम की एफडी करनी है, इसे नीचे टेबल में बताया गया है.
प्रिंसिपल अमाउंट* | ब्याज दर | ब्याज की रकम (1 वर्ष में) |
12,49,999 रुपये | 8% (सार्वजनिक बैंक) | 99,999 रुपये |
11,69,590 रुपये | 8.55% (निजी बैंक) | 99,999 रुपये |
10,52,630 रुपये | 9.5% (स्मॉल फाइनेंस बैंक) | 99,999 रुपये |
कौनसे बैंक दे रहे सबसे ज्यादा ब्याज
बैंक बाजार के डाटा के हिसाब से सीनियर सिटीजन के लिए सरकारी बैंकों में सबसे ज्यादा 8% सालाना का ब्याज Central Bank of India की तरफ से ऑफर किया जा रहा है. इसके लिए FD का टेन्योर 1111 दिन का रखा गया है. वहीं, निजी क्षेत्र के बैंकों में सीनियर सिटीजन को सबसे ज्यादा 8.55 फीसदी सालाना की दर से ब्याज बंधन बैंक की तरफ से दिया जा रहा है. इसके लिए एफडी का टेन्योर 1 साल का है. वहीं, स्मॉल फाइनेंस बैंकों में FD पर सीनियर सिटीजन के लिए सबसे ज्यादा 9.5 फीसदी की दर से ब्याज यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक ऑफर कर रहा है, जिसका टेन्योर 1001 दिन का है.
क्या बाद में चुकाना होगा टैक्स?
अलग-अलग बैंकों में उन बैंकों की ब्याज दर के हिसाब से रकम को एडजस्ट कर FD पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस से छूट तो मिल जाएगी. लेकिन, आखिर में कुल आय के आधार पर अगर टैक्स की देनदारी बनती है, तो टैक्स चुकाना होगा. इसके साथ ही सभी FD के ब्याज की कुल आय को भी ITR में बताना होगा. अगर यह रकम तय स्लैब के हिसाब से टैक्स के दायरे में आएगी, तो उसके मुताबिक टैक्स चुकाना होगा.