FD में अभी पड़े हैं 80 लाख तो क्या अगले 5 साल में रिटायर हो सकते हैं आप, जानें कैलकुलेशन

क्या 80 लाख रुपये के फंड से रिटायर हुआ जा सकता है. अगर लाइफ एक्सपेक्टेंसी 75 वर्ष मानी जाए तो क्या यह संभव है? यह सुनने में सरल लगता है लेकिन आइये इसका कैलकुलेशन समझते हैं.

रिटायरमेंट Image Credit: DEV IMAGES/Moment/Getty Images

रिटायरमेंट की प्लानिंग समय रहते न की जाए तो बाद के सालों में फाइनेंशियल प्रॉब्लम बढ़ सकती है. अगर किसी 50 वर्षीय शख्स के पास वर्तमान में फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) में 80 लाख रुपये हैं और उसका अभी महीने का खर्च 60,000 रुपये है और उसका लक्ष्य है 55 साल की उम्र में रिटायर होना है तो क्या यह संभव है कि 80 लाख रुपये के फंड से रिटायर होने पर वह आसानी से अपना जीवन बिता सकता है. अगर लाइफ एक्सपेक्टेंसी 75 वर्ष मानी जाए तो क्या यह संभव है? यह सुनने में सरल लगता है लेकिन आइये इसका कैलकुलेशन समझते हैं.

मंहगाई की मार

6 प्रतिशत की महंगाई दर को देखते हुए आज का 60,000 रुपये का मासिक खर्च रिटायरमेंट तक बढ़कर लगभग 80,000 रुपये हो जाएगा. यानी रिटायरमेंट की शुरुआत में हर महीने लगभग 80,000 रुपये की जरूरत होगी. महंगाई के कारण खाने-पीने, हेल्थकेयर और ट्रांसपोर्ट जैसे खर्च तेजी से बढ़ते हैं और रिटायरमेंट कॉर्पस पर भारी दबाव डालते हैं.

कितने रुपये की होगी जरूरत

कैलकुलेशन के अनुसार, 55 से 75 वर्ष की उम्र तक 20 साल तक हर महीने 80,000 रुपये का खर्च बनाए रखने के लिए कुल 1.83 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. लेकिन मौजूदा 80 लाख का फंड भले 6.5 प्रतिशत एफडी रिटर्न पर 5 साल में बढ़कर लगभग 1.13 करोड़ रुपये हो जाए, फिर भी लगभग 70 लाख रुपये कम पड़ेंगे.

क्या कर सकते हैं

एक्सपर्ट्स का मानना है कि FD पर पूरी तरह निर्भर रहने के बजाय इक्विटी और डेट के मिश्रण से बैलेंस्ड पोर्टफोलियो बनाया जाए. इससे औसतन 9-11% रिटर्न हासिल किया जा सकता है और आपके पास रिटायरमेंट के लिए जो 1.03 करोड़ रुपये कम हैं वो घटकर लगभग 55 लाख रह जाएगा. इस कमी को अगले पांच साल में SIP, बोनस या अतिरिक्त बचत के माध्यम से पूरा किया जा सकता है.

FDs क्यों नहीं निभा पाएंगी साथ?

FDs पर 6-7 प्रतिशत ब्याज मिलता है, लेकिन टैक्स के बाद वास्तविक रिटर्न 4.5 प्रतिशत तक रह जाता है. यह महंगाई से भी कम है. इससे रिटायरमेंट के शुरुआती वर्ष तो चल सकते हैं, लेकिन कुछ ही वर्षों में कॉर्पस तेजी से खत्म होने लगता है.

रिटायरमेंट के बाद 3–4% निकासी नियम अपनाएं

कॉर्पस सुरक्षित रखने के लिए एक्सपर्ट्स हर साल सिर्फ 3-4 प्रतिशत रकम निकालने की सलाह देते हैं. साथ ही 20-30 प्रतिशत रकम ग्रोथ एसेट्स में बनाए रखना आवश्यक है ताकि लंबी उम्र, बढ़ते मेडिकल बिल और महंगाई जैसी चुनौतियों से सुरक्षा मिल सके.

कंटिजेंसी जरूरी

छह महीने का इमरजेंसी फंड, पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस, सुपर टॉप-अप और क्रिटिकल इलनेस कवर बड़े मेडिकल खर्चों से बचाते हैं और रिटायरमेंट बचत को टूटने नहीं देते.

निष्कर्ष

80 लाख रुपये के साथ पांच साल में रिटायरमेंट संभव तो है, लेकिन तभी जब अभी से निवेश रणनीति बदली जाए, FD से आगे बढ़कर ग्रोथ निवेश किया जाए और निकासी में अनुशासन रखा जाए. समय पर कदम उठाकर ही रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा और मानसिक शांति सुनिश्चित की जा सकती है.