कैश लेन-देन पर जानें ये 4 बड़े नियम, हर ट्रांजेक्शन की है लिमिट; वरना देना होगा भारी जुर्माना
इनकम टैक्स कानून में कैश लेनदेन पर कई तरह की पाबंदियां हैं. बिजनेस और प्रोफेशनल्स के लिए भी अलग और कई सारे नियम हैं. कैश लेन-देन पर आप किसी भी नियम का उल्लंघन करते हैं तो इस पर बड़ी पेनाल्टी लगाई जा सकती है. यहां जानें हर नियम

Cash Payments Income Tax: इनकम टैक्स कानून में कैश में पेमेंट लेने और देने को लेकर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं. कुछ नियम सिर्फ बिजनेस या प्रोफेशन करने वालों पर लागू होते हैं जबकि कुछ सभी लोगों पर लागू होते हैं. इन नियमों को समझना जरूरी है ताकि आप किसी भी तरह की पेनल्टी से बच सकें.
1. बिजनेस या प्रोफेशनल्स के लिए नियम
अगर आप बिजनेस या किसी प्रोफेशन में हैं, तो किसी भी एक व्यक्ति को एक दिन में 10,000 रुपये से ज्यादा कैश में पेमेंट नहीं कर सकते. अगर आपने ऐसा किया, तो वह खर्च इनकम टैक्स में डिडक्शन के लिए मान्य नहीं होगा.
हालांकि, एक अपवाद है. अगर आप किसी ट्रांसपोर्टर को पेमेंट कर रहे हैं, तो आप 35,000 रुपये तक कैश में पेमेंट कर सकते हैं.
इसी तरह अगर आप कोई संपत्ति खरीदते हैं और उसके लिए 10,000 रुपये से ज्यादा कैश पेमेंट करते हैं, तो वह राशि उस संपत्ति की लागत में नहीं जोड़ी जाएगी और उस पर डिप्रिसिएशन के लिए क्लेम नहीं मिलेगा.
2. लोन को कैश में लेना या लौटाना
आप 20,000 रुपये से ज्यादा का लोन कैश में न तो ले सकते हैं, न चुका सकते हैं. हालांकि इसका आपकी टैक्स देनदारी पर कोई असर नहीं होता, लेकिन अगर आपने यह नियम तोड़ा, तो टैक्स अधिकारी उतनी ही रकम की पेनल्टी लगा सकता है.
यह लिमिट सिर्फ एक लेन-देन पर लागू नहीं है. जैसे ही आपके लोन का बकाया 20,000 रुपये से ज्यादा हो जाता है, तब से एक रुपया भी कैश में चुका पाना नियम के खिलाफ होगा.
हालांकि यह प्रतिबंध बैंक, सरकार, सरकारी कंपनियों और कुछ विशेष संस्थाओं के साथ लेन-देन पर लागू नहीं होता. उदाहरण के तौर पर, आप अपने होम लोन की किश्त कैश में चुका सकते हैं, भले ही वह 20,000 रुपये से ज्यादा हो.
3. कुछ इनकम टैक्स डिडक्शन के लिए कैश पेमेंट पर रोक
कुछ ऐसे खर्च जिनके लिए आप टैक्स में छूट (deduction) ले सकते हैं, वहां भी कैश पेमेंट पर पाबंदियां हैं.
- धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम अगर कैश में चुकाया गया है, तो उस पर छूट नहीं मिलेगी.
- हालांकि, 5,000 रुपये तक की प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप की राशि कैश में चुकाई जा सकती है.
- वरिष्ठ नागरिकों के मेडिकल खर्च पर छूट भी कैश पेमेंट की लिमिट में आती है, अगर उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है.
इसी तरह धारा 80G के तहत दिए गए दान पर छूट नहीं मिलेगी अगर एक बार में 2,000 रुपये से अधिक का दान कैश में किया गया हो. यह लिमिट हर दान पर अलग-अलग लागू होती है, टोटल पर नहीं.
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4. कैश लेने पर कड़ी रोक
धारा 269ST के तहत, कोई भी व्यक्ति किसी एक मौके या सौदे में दो लाख रुपये या उससे अधिक का कैश नहीं ले सकता है. यह प्रतिबंध कैश लेने वाले पर लागू होता है, न कि देने वाले पर. उदाहरण के तौर पर:
- कोई कैटरर शादी के लिए किसी एक व्यक्ति से दो लाख या उससे अधिक का कैश किसी भी दिन या अलग-अलग दिनों में भी नहीं ले सकता.
- अगर आप सोना, जमीन या मकान बेच रहे हैं और सौदे की कुल राशि दो लाख से अधिक है, तो आप कैश में दो लाख से ज्यादा नहीं ले सकते, चाहे एक साथ हो या किस्तों में.
- शादी या रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर भी यह नियम लागू होता है. दो लाख रुपये से अधिक कैश गिफ्ट में नहीं लिया जा सकता.
अगर आपने इस नियम का उल्लंघन किया, तो इनकम टैक्स अधिकारी कैश में ली गई रकम के बराबर पेनल्टी लगा सकते हैं. इस नियम में कैश देने वाले को कोई सजा नहीं मिलती.
लेखक एक टैक्स और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं. यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं. आप उन्हें jainbalwant@gmail.com पर या ट्विटर हैंडल @jainbalwant पर संपर्क कर सकते हैं.
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