नए लेबर कानून में घटेगी इन हैंड सैलरी, लेकिन 2 करोड़ का मिलेगा एक्स्ट्रा फायदा, एक्सपर्ट ने बताया पैसे बढ़ाने का फॉर्मूला

नए लेबर कोड के तहत कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी, लेकिन PF और NPS में ऑटोमेटिक बढ़ोतरी के कारण रिटायरमेंट फंड तेजी से बढ़ेगा. TaxBuddy.com के फाउंडर सुजीत बांगड़ के एक फॉर्मूला बताया है जिससे 30–35 वर्षों की कंपाउंडिंग से कर्मचारियों को लगभग ₹2.13 करोड़ का अतिरिक्त फंड मिल सकता है.

सैलरी Image Credit: canva

भारत के लेबर गवर्नेंस को मॉडर्न बनाने के मकसद से सरकार ने चार लेबर कोड लागू कर दिया है. इन नए कानून को लागू करते हुए 29 सेंट्रल लेबर कानूनों को खत्म किया गया है. यह 21 नवंबर 2025 से लागू हो गया है. TaxBuddy.com के फाउंडर सुजीत बांगड़ के अनुसार, भारत के नए लेबर कानून कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी को कम कर देंगे, लेकिन लंबे समय में ये कानून उनकी रिटायरमेंट सिक्योरिटी को काफी मजबूत बना देंगे. बांगड़ ने एक फॉर्मूला बताया है जिससे अगले 30–35 वर्षों में कर्मचारी लगभग ₹2.13 करोड़ का अतिरिक्त रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं. आइये जानते हैं कैसे?

नए और पुराने लेबर रूल में क्या अंतर है

पहले आमतौर पर CTC का लगभग 30–35% हिस्सा ही बेसिक सैलरी में तौर पर दिया जाता था और बाकी अलाउंस में चला जाता था. PF और NPS की कैलकुलेशन बेसिक सैलरी के प्रतिशत के आधार पर होती है, इसलिए पुराने स्ट्रक्चर में PF और NPS का योगदान कम रहता था.

वहीं, नए लेबर कोड के तहत अब बेसिक सैलरी CTC का कम से कम 50% रखनी अनिवार्य कर दिया गया है. इसके कारण PF और NPS के योगदान अपने-आप बढ़ जाएंगे और अलाउंस का हिस्सा थोड़ा कम हो जाएगा. इसका उद्देश्य कर्मचारियों के रिटायरमेंट सिक्योरिटी को मजबूत करना है.

क्या है रिटायरमेंट फंड बढ़ाने का फॉर्मूला

सुजीत बांगड़ के अनुसार, उदाहरण के तौर पर अगर किसी 30 साल के कर्मचारी का वर्तमान CTC ₹12 लाख प्रतिवर्ष है.

इसके साथ NPS भी बेसिक के अनुपात में ही बढ़ेगा, इसलिए जब बेसिक 30% से बढ़कर 50% होता है, तो NPS का योगदान भी समान रूप से बढ़ जाता है. इस तरह PF और NPS दोनों में वृद्धि मिलकर रिटायरमेंट फंड को कई गुना बढ़ा देती है.

पार्टिकुलर्सपहले (लेबर कोड से पहले)बाद में (लेबर कोड लागू होने के बाद)
मंथली CTC₹1,00,000₹1,00,000
मंथली बेसिक₹30,000₹50,000
PF कॉन्ट्रिब्यूशन @ 24%₹7,200₹12,000
NPS कॉन्ट्रिब्यूशन @ 14%₹4,200₹7,000
टेक होम सैलरी में कमी₹7,600₹11,800
टोटल PF फंड₹1.87 करोड़₹3.11 करोड़
टोटल NPS फंड₹1.59 करोड़₹2.66 करोड़
टोटल रिटायरमेंट फंड (PF + NPS)₹3.46 करोड़₹5.77 करोड़
अतिरिक्त फंड₹2.13 करोड़

ये बातें नहीं समझ पाते हैं अधिकतर लोग

सुजीत बांगड़ के अनुसार, अधिकतर लोग कुछ बड़ी बात समझ नहीं पाते हैं. जैसे- म्यूचुअल फंड SIP आमतौर पर 3–5 साल में बीच में टूट जाती है. FD ब्याज दरें गिरते ही तुड़वा दी जाती हैं.और वॉलंटरी सेविंग्स (स्वैच्छिक बचत) पूरी तरह व्यक्ति की मानसिकता और अनुशासन पर निर्भर करती हैं. लेकिन PF और NPS 25–35 वर्षों तक लगातार कंपाउंड होते रहते हैं क्योंकि ये ऑटोमैटिक होते हैं, अनिवार्य होते हैं और डिडक्शन-बेस्ड होते हैं (सैलरी से अपने आप कटते हैं). इसी वजह से नए लेबर कोड लाइफटाइम वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं, भले ही शॉर्ट-टर्म में टेक-होम सैलरी थोड़ी कम हो जाए.

Latest Stories

नए लेबर कोड से कितनी घटेगी टेक-होम सैलरी; 7, 10 और 15 लाख की CTC पर पड़ेगा कितना असर, जानें पूरा कैलकुलेशन

आधार कार्ड में पर्सनल डिटेल्स चेंज कराने के नियम बदलें, अब इन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरुरत; देखें पूरी लिस्ट

विदेश से भेजे गए पैसे पर 10 फीसदी ही लगेगा TDS, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की IT डिपार्टमेंट की अपील

Income Tax Act 2025: अब टैक्स रिफंड में देरी पर भी मिलेगा ब्याज; जानें नए नियम के तहत कब और कैसे मिलेगा पैसा

8th Pay Commission पर बढ़ा विवाद, कर्मचारियों ने ToR में बदलाव की मांग तेज की, DA को बेसिक में मर्ज करने के लिए देशभर में करेंगे आंदोलन

KYC अपडेट से लेकर UPS में स्विच की डेडलाइन नजदीक, 30 नवंबर से पहले कर लें ये काम वरना रुक जाएगी पेंशन