पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘सुभद्रा योजना’ का किया शुभारंभ, लाभार्थियों के खाते में आएंगे 10 हजार रुपए

पीएम नरेंद्र मोदी ने ओडिशा की महिलाओं के लिए सुभद्रा योजना लॉन्च की. इस योजना के तहत महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी, जो दो किस्तों में दी जाएगी.

पीएम नरेंद्र मोदी ने 'सुभद्रा योजना' का किया शुभारंभ, लाभार्थियों के खाते में आएंगे 10 हजार रुपए Image Credit: Narendra Modi Youtube

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिए आज का दिन खास है. पीएम मोदी आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं साथ ही इस जश्न में अपने कार्यकाल की सेंचुरी पूरी होने की खुशी भी शामिल है. दिन की शुरुआत पीएम ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से की. काशी में उन्होंने विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की और भोलेनाथ का आशीष लिया. इसके बाद पीएम ओडिशा के पहले स्मार्ट शहर भुवनेश्वर पहुंचे.

भुवनेश्वर में पीएम ने तीन हजार करोड़ के योजनाओं का शुभारंभ किया. इस कड़ी में उन्होंने सुभद्रा योजना (SUBHADRA Scheme) की भी शुरुआत की जो इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में है. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी (CM Mohan Charan Majhi) भी पीएम के साथ मंच पर मौजूद रहे.

क्या है ‘सुभद्रा योजना’?

पीएम नरेंद्र मोदी ने यह खुशी की सौगात ओडिशा की महिलाओं को भेंट की है. सुभद्रा योजना के तहत सरकार महिला लाभार्थियों के खाते में 10,000 रुपए सालाना ट्रांसफर करेगी. यह राशि उनके बैंक अकाउंट में दो किस्तों में यानी 5000-5000 कर के डाली जाएगी. यह राशि भी खास दिनों पर अकाउंट में डाली जाएगी. पहली किस्त राखी पूर्णिमा जो अमूमन अगस्त में पड़ता है और दूसरी किस्त अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 8 मार्च को ट्रांसफर होगी.

इस योजना की अवधि केवल पांच साल है. राज्य सरकार ने योजना के लिए 55,825 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है. सुभद्रा योजना का उद्देश्य महिलाओं के बीच आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. ‘सुभद्रा’ नाम से ओडिशा के लोगों का खास लगाव है क्योंकि ओडिशा के इष्टदेव भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन का नाम सुभद्रा है.

लाभार्थियों के क्या हैं मापदंड?

सुभद्रा योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को ओडिशा की मूल निवासी होना जरूरी है. महिला का नाम अगर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) या राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (SFSS) के तहत राशन कार्ड में शामिल हैं तो वह अप्लाई करने के योग्य हैं. लेकिन अगर आपके पास यह नहीं है और कुल पारिवारिक आय 2.50 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं तो भी आप योजना का फायदा उठा सकते हैं. ओडिशा की 21 साल से 60 साल की कोई भी महिला योजना का लाभ लेने के लिए अप्लाई कर सकती है.

पैसा सीधे लाभार्थी के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा. सरकार ने इस योजना के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है. लाभार्थियों को सुभद्रा डेबिट कार्ड मुहैया कराया जाएगा.

कैसे और कहां करें रजिस्ट्रेशन

सुभद्रा योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकती हैं. ऑनलाइन अप्लिकेशन के लिए सुभद्रा पोर्टल का इस्तेमाल करना होगा वहीं आप अपने स्थानीय बैंक, डाकघर और कॉमन सर्विस सेंटरों में जाकर इस योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं.

इन महिलाओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

यह ध्यान देने वाली बात है कि आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों की कोई भी महिला इस योजना का लाभ नहीं उठा सकती हैं. साथ ही सरकारी कर्मचारी और इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाली महिलाएं भी योजना के लिए पात्र नहीं होंगी. इसके अलावा कोई महिला अगर सरकार के किसी अन्य योजना के तहत 1500 रुपए या उससे अधिक प्रतिमाह (या 18,000 रुपये या उससे अधिक प्रति वर्ष) धनराशि का लाभ ले रही है तो उन्हें भी इस योजना से बाहर रखा जाएगा.

बीजेपी ने किया था वादा

सुभद्रा योजना विधानसभा और लोकसभा के चुनावों से पहले भाजपा का प्रमुख वादा था. इस योजना ने ओडिशा में 24 साल के बीजद (Biju Janta Dal) शासन पर अंकुश लगा दिया और राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 20 पर भाजपा को जीत दिलाई. 24 सालों के बीजद की चुनावी सफलता के पीछे महिलाओं का खास तौर पर मिशन शक्ति के तहत संगठित महिलाओं कि अहम भूमिका रही है. मिशन शक्ति के तहत संगठित 6 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों (WSHG) की 70 लाख सदस्य ने बीते सालों में बीजद के लिए एकमुश्त वाफादारी निभाई. मिशन शक्ति को 2001 में महिलाओं को क्रेडिट और बाजार में संपर्क देकर सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया था.

बीजद के मिशन शक्ति स्कीम का मुकाबला करने के लिए, भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में डायरेक्ट मनी ट्रांसफर (DBT)की योजना का प्रस्ताव रखा. इस योजना के तहत प्रत्येक महिला लाभार्थी को 50,000 रुपये का वाउचर देने का वादा किया गया, जिसे दो साल में भुनाया जा सकता है.