पोस्ट ऑफिस की इन योजनाओं से मिल सकता है तगड़ा ब्याज, जानिए इनके बारे में!

पोस्ट ऑफिस की यह योजनाएं दे रही हैं अच्छा ब्याज, जानिये उनके बारे में. यह रही सूची!

पोस्ट ऑफिस की बेहतरीन जमा योजनाएं Image Credit: GettyImages

कम आमदनी और ज्यादा खर्च से आज कौन नहीं जूझ रहा है. महीने की तरख्वाह आती नहीं कि खर्चे पहले ही निकल आते हैं. ऐसे में सभी चाहते हैं कि कोई ऐसी स्कीम हाथ लगे जिसमें अच्छे रिटर्न की गारंटी हो. आज हम आपको पोस्ट ऑफिस के कुछ ऐसे ही प्लान्स के बारे में बताएंगे. वो प्लान्स जो अच्छा ब्याज देने का दावा करते हैं.

मंथली इनकम स्‍कीम (एमआईएस)

पोस्ट ऑफिस की इस स्‍कीम से आपको अच्छा ब्याज मिल सकता है. एमआईएस की मदद से खाताधारक एक बार में 1000 रुपये या उसके गुणकों में निवेश कर सकता है. एक खाताधारक अधिकतम 9 लाख रुपये ही निवेश कर सकता है. वहीं, इस स्कीम में ज्वाइंट खाते का भी विकल्प है. मतलब आप अपने परिवार के किसी दूसरे सदस्य के साथ भी खाता खोल कर निवेश कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि ज्वाइंट अकाउंट में दोनों ही निवेशक की हिस्सेदारी बराबर होनी चाहिए. ज्वाइंट खाते में अधिकतम 15 लाख रुपये निवेश किए जा सकते हैं. ग्राहक को उनके निवेश के बदले हर महीने के आधार पर ब्याज दिया जाएगा जो कि उनके बचत खाते में ट्रांसफर होता रहेगा. एक बात और ध्यान देने योग्य है कि ब्याज के तौर पर मिले पैसे पर दोबारा कोई ब्याज नहीं मिलेगा. उदाहरण के तौर पर आपको 100 रुपये का ब्याज मिला, अगर आप इस ब्याज का इस्तेमाल नहीं करते हैं तब भी उसपर कोई ब्याज नहीं मिलेगी. मतलब, प्रिंसिपल अमाउंट का ही ब्याज आपको मिलेगा.
आज की तारीख में एमआईएस पर मिलने वाले ब्याज का दर 7.4 है. सरकार हर तीन महीने में ब्याज दर को रिवाइज यानी संशोधित करती है.

कौन खोल सकता है एमआईएस में अकाउंट-

कोई व्‍यस्‍क जिसकी उम्र 18 साल है
ज्वाइंट अकाउंट होल्डर (जिसमें अधिकतर 3 लोग शामिल हो सकते हैं)
गार्जियन के तौर पर माइनर का अकाउंट खुल सकता है.

पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट (आरडी)

अगर आप रिस्‍क नहीं लेना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस का आरडी आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है. इसकी मदद से हर महीने आप एक तय राशि निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि आपको मिले ब्याज पर भी इंट्रेस्ट लगाया जाता है. फिलहाल आरडी में मिलने वाला ब्याज 6.7 प्रतिशत है. ब्याज दर को हर तीन महीने में रिवाइज किया जाता है. इसमें लॉक-इन पीरियड 5 साल होता है जिसे आप बढ़ाकर 10 कर सकते हैं.

अब उदाहरण से समझते हैं कि आपको इससे बेहतर मुनाफा कैसे होगा. अगर कोई निवेशक 5000 रुपये हर महीने निवेश कर रहा है. 5 साल बाद उसका प्रिंसिपल अमाउंट तो 3 लाख होगा लेकिन उसमें मिलने वाले ब्याज को जोड़ दिया जाए तो उसकी कीमत 4,15,000 रुपये हो जाएगी. इस हिसाब से आप जोड़-घटाव कर के ब्याज दर का अनुमान लगा सकते हैं.