इस धनतेरस Gold ETF से करें नई शुरूआत, जानें कौन खोल सकता है, कैसे करते हैं निवेश, कितना देना पड़ता है टैक्स और चार्ज

इस धनतेरस, गोल्ड ईटीएफ में निवेश करके आप अपने पैसे को सुरक्षित और स्मार्ट तरीके से बढ़ा सकते हैं. यह फिजिकल सोने की तुलना में आसान, किफायती और टैक्स बचाने वाला विकल्प है. अगर आप अपने निवेश को विविधता देना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ एक बेहतरीन शुरुआत हो सकता है. बस सही ब्रोकर चुनें, कीमतों पर नजर रखें और छोटे-मोटे निवेश से शुरुआत करें.

ETF में कैसे करें निवेश? Image Credit: money9live

How to Invest in Gold ETF: धनतेरस का त्योहार सोने में निवेश का शानदार मौका लेकर आता है. भारतीय संस्कृति में सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि समृद्धि और भावनाओं का प्रतीक है. इस धनतेरस, आप पारंपरिक सोने के गहने, सिक्के या बार खरीदने के बजाय गोल्ड ईटीएफ (Exchange-Traded Funds) में निवेश करके अपने पैसे को और स्मार्ट तरीके से बढ़ा सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ एक आसान, सुरक्षित और किफायती तरीका है, जिससे आप सोने की कीमतों का फायदा उठा सकते हैं बिना उसे घर में रखने की चिंता किए. आइए जानते हैं कि गोल्ड ईटीएफ क्या है, इसे कौन खरीद सकता है, निवेश कैसे करें, और इसमें टैक्स व चार्ज कितने लगते हैं.

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ETF एक तरह का म्यूचुअल फंड है, जो सोने में निवेश करता है. यह शेयर बाजार में स्टॉक की तरह खरीदा-बेचा जाता है. इसमें आप फिजिकल सोना खरीदने की बजाय डिजिटल या पेपर फॉर्म में सोने में निवेश करते हैं. हर गोल्ड ईटीएफ यूनिट असली सोने से जुड़ी होती है, जिसे SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) नियंत्रित करता है. इसका मतलब है कि आपका निवेश पूरी तरह सुरक्षित है.

कौन खोल सकता है गोल्ड ETF खाता?

कोई भी व्यक्ति जो भारत में रहता हो और जिसके पास डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता हो, गोल्ड ETF में निवेश कर सकता है. इसके लिए आपको किसी खास योग्यता की जरूरत नहीं है. बस आपके पास पैन कार्ड, बैंक खाता और एक स्टॉकब्रोकर के साथ डीमैट खाता होना चाहिए.

गोल्ड ETF में निवेश कैसे करें?

टैक्स और चार्ज कितने लगते हैं?

गोल्ड ETF के फायदे

आसान खरीद-बिक्री

गोल्ड ETF को स्टॉक की तरह शेयर बाजार में आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है.
पारदर्शिता

सोने की कीमतें शेयर बाजार में खुली होती हैं, जिससे आप हर घंटे बदलाव देख सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती.
कम जोखिम

सोने की कीमतों में कम उतार-चढ़ाव होता है, इसलिए नुकसान का खतरा कम है.
लोन के लिए उपयोग

गोल्ड ETF को लोन के लिए कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. टैक्स के मामले में फिजिकल गोल्ड से सस्ता है. गोल्ड ETF पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होता है.
कम लागत

फिजिकल सोने की तुलना में इसमें रखरखाव या स्टोरेज की जरूरत नहीं होती. हाई लिक्विडिटी यानी आप जब चाहें इसे खरीद और बेच सकते हैं.

कैसे तय होती है कीमत

गोल्ड ईटीएफ का प्राइस सीधे अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमत (Spot Gold Price) से जुड़ा होता है. इसके सभी सोने का कुल मूल्य निकालकर प्रति यूनिट NAV (Net Asset Value) तय किया जाता है, जैसे अगर ETF के पास 100 ग्राम सोना है जिसकी कुल वैल्यू 1,00,000 रुपये है और 100 यूनिट हैं तो NAV = 1,00,000 ÷ 100 = 1,000 रुपये प्रति यूनिट होगा. इसके बाद यह प्राइस स्टॉक एक्सचेंज पर मांग और आपूर्ति (Demand & Supply) के आधार पर चलता है और कभी-कभी NAV से ऊपर या नीचे हो सकता है. ETF में मैनेजमेंट फीस भी होती है जो NAV को थोड़ा प्रभावित कर सकती है.

इस धनतेरस, गोल्ड ETF में निवेश करके आप अपने पैसे को सुरक्षित और स्मार्ट तरीके से बढ़ा सकते हैं. यह फिजिकल सोने की तुलना में आसान, किफायती और टैक्स बचाने वाला विकल्प है. अगर आप अपने निवेश को विविधता देना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ एक बेहतरीन शुरुआत हो सकता है. बस सही ब्रोकर चुनें, कीमतों पर नजर रखें और छोटे-मोटे निवेश से शुरुआत करें.

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