अयोध्या में 200 फीसदी तक बढ़ गया सर्किल रेट, कीमतें आसमान पर; इस एरिया की सबसे ज्यादा कीमत

अयोध्या में बीते आठ सालों में राम मंदिर के आसपास के कुछ इलाकों में जमीन की कीमतों में करीब 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. इसे ध्यान में रखते हुए जमीन की सर्किल रेट में बड़ा बदलाव किया गया है. नई दरों पर जमीन की रजिस्ट्री सोमवार यानी आज से शुरू हो गई है.

अयोध्या में जमीन की सर्किल रेट में बड़ा इजाफा

Ayodhya Land Circle Rates: राम मंदिर बनने के बाद से ही अयोध्या में विकास की रफ्तार तेज हो गई है. यहां अब जमीन की कीमतों में तेजी से उछाल आ रहा है. इसी को देखते हुए आठ साल बाद जमीन की सर्किल रेट यानी सरकारी दरों में बड़ा बदलाव किया गया है. राज्य सरकार के नए आदेश के मुताबिक, अयोध्या में जमीन की कीमत में लोकेशन और उपयोग के आधार पर लगभग 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है. यह फैसला अयोध्या में बढ़ती रियल एस्टेट गतिविधियों और बाजार में जमीन की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस कि रिपोर्ट के मुताबिक, करीब आठ साल बाद अयोध्या में जमीन की सर्किल रेट में बड़ा बदलाव किया गया है. वैसे तो यह आदेश शनिवार से लागू हो गया, लेकिन शनिवार अवकाश था, ऐसे में नई दरों पर जमीन की रजिस्ट्री सोमवार यानी आज से शुरू होगी. जिला प्रशासन का कहना है कि अगस्त 2023 में इस संबंध में जो प्रस्ताव जारी किया गया था, उस पर आई आपत्तियों पर विचार करने के बाद इसे मंजूरी दी गई है.

क्या होता है सर्किल रेट?

सर्किल रेट जिला प्रशासन द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में जमीन के रेट का सरकारी आकलन होता है. इसी के आधार पर खरीद या बिक्री पर स्टांप शुल्क तय किया जाता है. साथ ही प्रशासन किसानों समेत भूमि मालिकों से संपत्ति अधिग्रहण भी इसी दर पर करता है. सर्किल रेट इलाके, बाजार के रुझान और जमीन के उपयोग के अनुसार अलग-अलग होता है, जिसे समय-समय पर सुधार किया जा सकता है.

सरकारी परियोजनाएं बढ़ा रही हैं जमीन की मांग

यूपी आवास विकास अयोध्या में करीब 1,800 एकड़ में टाउनशिप विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. मार्च 2024 तक परिषद ने शहनवाजपुर मज्हा, बरहटा मज्हा और तिहुरा मंजा जैसे गांवों में करीब 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया है. इससे जमीन की मांग और कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

क्या कहता है कानून?

उत्तर प्रदेश स्टाम्प (संशोधन) अधिनियम, 1997 (संशोधित 2015) के अनुसार, जिला कलेक्टर हर साल अगस्त महीने में कृषि/गैर-कृषि भूमि और दूसरे अचल संपत्तियों की न्यूनतम कीमत निर्धारित करता है. इसमें जमीन का उपयोग, सिंचाई की सुविधा, सड़क, बाजार, स्टेशन, सरकारी संस्थान और विकसित क्षेत्रों से दूरी जैसे पहलू शामिल होते हैं.

इन इलाकों के आसपास सबसे तेजी से बढ़े रेट

2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण की राह साफ हुई. तब से अयोध्या में जमीन की मांग और कीमतों में बड़ा उछाल आया है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी राम जन्मभूमि के आस-पास के गांवों में हुई है:

  • तिहुरा मंजा: कृषि भूमि की दरें 11 से 23 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़कर अब 33 से 69 लाख रुपये हो गई हैं.
  • तिहुरा उपरहार: दरें 32-71 लाख से बढ़कर 42-95 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई हैं.
  • शहनवाजपुर मज्हा और बरहटा मज्हा: यहां रेट 75-169 लाख से बढ़कर 98-221 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर हो गए हैं.
  • गंजा गांव: जहां अयोध्या एयरपोर्ट स्थित है, वहां की दरें 28-64 लाख से बढ़कर 35-80 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर हो गई हैं.

जनता की थी ज्यादा बढ़ोतरी की मांग

प्रशासन का कहना है कि कई इलाकों में लोगों ने प्रस्तावित रेट से भी ज्यादा बढ़ोतरी की मांग की थी. हालांकि अंतिम फैसला मार्केट रेट और सर्वे के आधार पर किया गया. दूसरी ओर, कुछ किसानों का मानना है कि यह बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं है. उनका कहना है कि राम जन्मभूमि से 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में कम से कम 200 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए थी. कुछ किसान इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं.

पिछली बार 2017 में हुए थे बदलाव

अयोध्या यूपी के उन 54 जिलों में शामिल है जहां 2017 में सर्किल रेट संशोधित किए गए थे. 2023 में 21 जिलों में यह प्रक्रिया दोबारा हुई. अयोध्या के आसपास के जिले जैसे बाराबंकी, अंबेडकर नगर, गोंडा, बस्ती और सुलतानपुर में भी पहले ही रेट बदले जा चुके हैं.

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