4 साल लेट है गडकरी का ड्रीम प्लान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, 87 KM ने फंसाया 1 लाख करोड़ का प्रोजेक्ट

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे में चार साल की देरी की सबसे बड़ी वजह गुजरात के 87 किलोमीटर के तीन छोटे हिस्से बने हैं. इन हिस्सों का ठेका 2021 में एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया था लेकिन अब तक बीस फीसदी से भी कम काम पूरा हो सका है. देरी से नाराज NHAI अब नोटिस और कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने पर विचार कर रहा है.

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे में देरी की सबसे वजह गुजरात के तीन छोटे हिस्से बने हैं. Image Credit:

Delhi Mumbai Expressway: दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे देश की सबसे बड़ी सड़क प्रोजेक्ट में से एक है. इसकी कुल लंबाई करीब 1386 किलोमीटर है और लागत एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. लेकिन चार साल बाद भी यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है. इसकी बड़ी वजह गुजरात के सिर्फ 87 किलोमीटर के तीन छोटे हिस्से बने हैं. इन हिस्सों में काम बेहद धीमी रफ्तार से हुआ है. अब इस देरी पर सरकार और NHAI की चिंता बढ़ गई है.

गुजरात के 87 किलोमीटर ने रोका पूरा प्रोजेक्ट

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में वडोदरा से विरार सेक्शन के तीन छोटे पैकेज पूरे प्रोजेक्ट के लिए परेशानी बन गए हैं. इनकी कुल लंबाई सिर्फ 87 किलोमीटर है. इसके बावजूद पूरे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की लिमिट पर असर पड़ा है. बाकी गुजरात सेक्शन लगभग तैयार है. लेकिन इन हिस्सों में काम न होने से पूरा नेटवर्क अधूरा रह गया है.

4 साल बाद भी अधूरा काम

इन तीनों पैकेज का ठेका साल 2021 में पुणे की कंपनी रोडवे सोल्यूशंस इंडिया इंफ्रा लिमिटेड को दिया गया था. चार साल बीतने के बाद भी यहां 20 फीसदी से कम काम हो पाया है. देरी के चलते 2023 में 2 पैकेज रद्द भी किए गए. इसके बावजूद बाद में दोबारा टेंडर में वही कंपनी सबसे कम बोली लगाकर फिर चुनी गई.

NHAI और कंपनी के बीच आरोप प्रत्यारोप

कंपनी का कहना है कि NHAI ने समय पर जमीन उपलब्ध नहीं कराई. इसी वजह से काम में देरी हुई. वहीं NHAI का आरोप है कि कंपनी का प्रदर्शन कमजोर रहा. साथ ही कॉन्ट्रैक्ट विवाद और कानूनी मामलों ने काम की रफ्तार को प्रभावित किया. दोनों पक्ष एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

नोटिस और कॉन्ट्रैक्ट रद्द होने की आशंका

काम की धीमी प्रगति से नाराज NHAI अब कड़ा रुख अपनाने की तैयारी में है. कंपनी को क्योर पीरियड (cure period) नोटिस दिया जा सकता है. इसमें तय समय के भीतर सुधार करने का मौका मिलता है. अगर सुधार नहीं हुआ तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म भी हो सकता है. मंत्रालय स्तर पर भी इस मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है.

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एक्सप्रेसवे पूरा होने से क्या होंगे फायदे

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पूरा होने के बाद दिल्ली से मुंबई का सफर करीब 180 किलोमीटर छोटा हो जाएगा. यात्रा समय में 50 फीसदी तक की कमी आने की उम्मीद है. अब तक इस प्रोजेक्ट पर 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं. कुछ हिस्से जैसे दिल्ली से लालसोट और राजस्थान गुजरात के कुछ सेक्शन चालू हो चुके हैं. बाकी हिस्सों के पूरा होने का इंतजार है.

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