ICICI बैंक को 238 करोड़ रुपये का GST डिमांड नोटिस मिला, अब बैंक उठाएगा यह कदम
ICICI बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि 17 दिसंबर को बैंक को संबंधित अथॉरिटी से महाराष्ट्र गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) एक्ट, 2017 की धारा 73 के तहत एक ऑर्डर मिला है. बैंक ने कहा कि वह तय समय सीमा के अंदर रिट याचिका/अपील के जरिए आदेश को चुनौती देने सहित उचित कदम उठाएगा.
प्राइवेट सेक्टर के ICICI बैंक को GST के कथित कम पेमेंट के लिए नोटिस मिला है. बैंक ने गुरुवार 18 दिसंबर को बताया कि टैक्स अधिकारियों ने GST के कथित कम पेमेंट के लिए उस पर 238 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया है. ICICI बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि 17 दिसंबर को बैंक को संबंधित अथॉरिटी से महाराष्ट्र गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) एक्ट, 2017 की धारा 73 के तहत एक ऑर्डर मिला है, जिसमें 237,90,04,448 रुपये की GST डिमांड की गई है, जिसमें 216,27,31,316 रुपये टैक्स और 21,62,73,132 रुपये की पेनल्टी शामिल है, साथ ही उसी मामले पर लागू होने वाला ब्याज भी शामिल है.
रिट याचिका
बैंक ने कहा, ‘हालांकि बैंक पिछले आदेशों/SCN में उठाए गए ऐसे ही मुद्दों पर मुकदमेबाजी (जिसमें रिट याचिका भी शामिल है) में है, लेकिन चूंकि ऊपर बताई गई कुल/संचयी राशि मटेरियलिटी थ्रेशहोल्ड को पार कर गई है, इसलिए इस मामले की रिपोर्ट की जा रही है.’ बैंक ने कहा कि वह तय समय सीमा के अंदर रिट याचिका/अपील के जरिए आदेश को चुनौती देने सहित उचित कदम उठाएगा.
ICICI बैंक की हिस्सेदारी की खबर
हाल ही में एक अलग घटनाक्रम में, ICICI बैंक ने कहा कि उसका लक्ष्य अपनी तीनों लिस्टेड कंपनियों में 51 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बनाए रखना है. इसके एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर संदीप बत्रा ने कहा कि बैंक IPO लाने वाली ICICI प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी में भी 51 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए कंपनी के मार्केट में आने से पहले वह हिस्सेदारी में 2 फीसदीअंकों की बढ़ोतरी कर रहा है.
बत्रा ने सोमवार को कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारी तीनों लिस्टेड कंपनियां हमारी सब्सिडियरी बनी रहें. इसलिए, हमारी हिस्सेदारी 5 फीसदी से अधिक रहेगी.
म्यूचुअल फंड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव निमेश शाह ने कहा कि ICICI बैंक अतिरिक्त 2 फीसदी हिस्सेदारी उसी कीमत पर खरीदेगा जो अन्य निवेशक अपने शुरुआती पब्लिक ऑफरिंग के हिस्से के रूप में देंगे.
ICICI बैंक की ओनरशिप
शाह ने आगे कहा कि अभी कंपनी में ICICI बैंक की ओनरशिप 51 फीसदी है, जो IPO के बाद बढ़कर 53 फीसदी हो जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि होल्डिंग 51 फीसदी से ऊपर बनी रहे. उन्होंने कहा कि अभी प्रूडेंशियल के पास 49 फीसदी हिस्सेदारी है, जो ICICI बैंक को बिक्री के बाद घटकर 47 फीसदी और IPO के बाद और घटकर 37 फीसदी हो जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि सेबी के मौजूदा निर्देश के अनुसार, प्रूडेंशियल को अगले पांच सालों में होल्डिंग के 15 फीसदी अंक और बेचकर कंपनी में अपनी होल्डिंग को 22 फीसदी तक कम करना होगा.
उन्होंने कहा कि अभी ICICI प्रूडेंशियल AMC के कुल AUM का 9 फीसदी उसके पेरेंट ICICI बैंक के नेटवर्क से आता है. यह पूछे जाने पर कि सेबी के नियमों में बदलाव, खासकर फीस से जुड़े नियमों में, जो निवेशकों के बीच कुछ बेचैनी पैदा करते हैं, को देखते हुए रेगुलेटरी जोखिम के बारे में पूछे जाने पर, शाह ने कहा कि कोई जोखिम नहीं है बल्कि एक अवसर है.
MF सेक्टर मार्जिन को ज्यादा से ज्यादा करने का नहीं है, बल्कि वॉल्यूम से रेवेन्यू बढ़ाने का मामला है. यह मानते हुए कि ICICI प्रूडेंशियल AMC में कॉस्ट स्ट्रक्चर ज्यादा हैं. उन्होंने सभी से कंपनी द्वारा दिए जा रहे मुनाफे को देखने के लिए कहा और कहा कि यह देश में सबसे ज्यादा मुनाफे वाला एसेट मैनेजर है. उन्होंने आगे कहा कि कंपनी का प्रॉफिट मार्केट शेयर 20 परसेंट है, जबकि कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट में इसका शेयर 13.3 फीसदी है.
ICICI बैंक शेयर प्राइस
गुरुवार (18 दिसंबर) को BSE पर स्टॉक पिछले क्लोजिंग से 0.29 फीसदी बढ़कर 1356.90 रुपये पर बंद हुआ.
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