एक दिन में 1800 रुपये उछली चांदी, दो दिन में रिकॉर्ड तोड़ तेजी से बाजार में हलचल; जानें सोने का मौजूदा हाल
कमोडिटी बाजार में एक धातु की तेज चाल ने निवेशकों का ध्यान खींच लिया है. लगातार बढ़ती कीमतें, मजबूत मांग और सीमित सप्लाई ने इसके भविष्य को लेकर नई चर्चा शुरू कर दी है. बाजार विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह ट्रेंड अभी थमता नहीं दिख रहा.
घरेलू सर्राफा बाजार में चांदी की कीमतें इस समय निवेशकों और कारोबारियों दोनों को हैरान कर रही हैं. लगातार दूसरे दिन तेज उछाल के साथ चांदी ने नया रिकॉर्ड बना लिया है. राजधानी दिल्ली में गुरुवार को चांदी की कीमतों ने अब तक के सभी स्तर पार कर दिए, जिससे यह साफ हो गया कि बाजार में इस सफेद धातु को लेकर खरीदारी का दबाव बेहद मजबूत बना हुआ है.
एक दिन में 1,800 रुपये की छलांग
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, गुरुवार को चांदी की कीमत 1,800 रुपये की तेजी के साथ 2,07,600 रुपये प्रति किलोग्राम के नए ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई. इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को चांदी में 7,300 रुपये की बड़ी तेजी देखने को मिली थी, जिसके बाद पहली बार इसका भाव 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार जाकर 2,05,800 रुपये पर बंद हुआ था.
अगर पूरे साल की बात करें तो चांदी की यह रफ्तार और भी चौंकाने वाली है. 1 जनवरी 2025 को चांदी का भाव करीब 90,500 रुपये प्रति किलो था. अब तक इसमें 1,17,100 रुपये की बढ़त दर्ज की जा चुकी है, यानी करीब 129 फीसदी का उछाल. इस तरह चांदी इस साल सबसे तेज़ रिटर्न देने वाले कमोडिटी एसेट्स में शामिल हो गई है.
सोने की कीमतें स्थिर
जहां चांदी रिकॉर्ड पर है, वहीं सोने की कीमतों में फिलहाल कोई खास हलचल नहीं दिखी. स्थानीय बाजार में 99.9 फीसदी शुद्धता वाला सोना सभी करों सहित 1,36,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रहा. यानी निवेशकों का झुकाव फिलहाल सोने से ज्यादा चांदी की ओर नजर आ रहा है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई. स्पॉट गोल्ड करीब 0.31 फीसदी फिसलकर 4,325 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार करता दिखा. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी ब्याज दरों में आगे और कटौती की उम्मीद और भू-राजनीतिक तनाव सोने को ऊंचे स्तरों के करीब बनाए हुए हैं.
विदेशी बाजारों में भी चांदी ऊंचे स्तरों पर बनी हुई है. हालांकि गुरुवार को इसमें मामूली गिरावट आई और भाव 66.04 डॉलर प्रति औंस पर आ गया. इससे पहले सत्र में यह 66.88 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुकी थी. इस साल की शुरुआत से अब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी करीब 126 फीसदी चढ़ चुकी है.
डिमांड और सप्लाई का दबाव
विश्लेषकों के मुताबिक, चांदी की कीमतों को मजबूत सहारा सीमित सप्लाई और बढ़ती मांग से मिल रहा है. सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल और डेटा सेंटर जैसे सेक्टर्स में चांदी की औद्योगिक मांग तेज़ी से बढ़ी है. इसके अलावा, यह लगातार पांचवां साल है जब चांदी की सप्लाई मांग से कम बनी हुई है. बाजार जानकारों का मानना है कि यही ट्रेंड 2026 तक कीमतों को ऊंचा बनाए रख सकता है.
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