भारत-ओमान के बीच FTA, 98% प्रोडक्ट पर लगेगी जीरो फीसदी ड्यूटी; टेक्सटाइल लेदर से लेकर इन सेक्टर को होगा फायदा

भारत और ओमान ने कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट यानी CEPA पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे द्विपक्षीय ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और सर्विसेज को नई गति मिलने की उम्मीद है. यह एग्रीमेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मस्कट यात्रा के दौरान साइन हुआ है.

भारत ओमान व्यापार समझौता Image Credit: tv9 bharatvarsh

India-Oman FTA: भारत और ओमान के बीच आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने वाला एक बड़ा कदम सामने आया है. दोनों देशों ने कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और सर्विसेज के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करना है. यह एग्रीमेंट ओमान की राजधानी मस्कट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान साइन किया गया, जहां ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक भी मौजूद रहे.

तेजी से बढ़ रहा India–Oman ट्रेड

आंकड़ों के मुताबिक, भारत और ओमान के बीच ट्रेड रिलेशंस लगातार मजबूत हो रहे हैं. वित्त वर्ष 2023–24 में दोनों देशों का बाइलेटरल ट्रेड 8.947 बिलियन डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2024–25 में बढ़कर 10.613 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. इन्वेस्टमेंट के मोर्चे पर भी दोनों देशों के बीच मजबूत पार्टनरशिप देखने को मिल रही है.

ओमान में इस समय 6,000 से अधिक India–Oman जॉइंट वेंचर्स ऑपरेट कर रहे हैं. भारत से ओमान में कुल आउटवर्ड डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करीब 675 मिलियन डॉलर का है, जबकि अप्रैल 2000 से मार्च 2025 के बीच ओमान से भारत में FDI इक्विटी इनफ्लो 610.08 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है.

6 महीनों में दूसरा FTA

India–Oman CEPA पिछले 6 महीनों में भारत द्वारा साइन किया गया दूसरा FTA है. इससे पहले भारत ने यूनाइटेड किंगडम के साथ भी FTA पर हस्ताक्षर किए थे. इस एग्रीमेंट पर भारत की ओर से कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल और ओमान की ओर से मिनिस्टर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड इन्वेस्टमेंट प्रमोशन कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने साइन किए. इसी दौरान India–Oman स्ट्रैटेजिक कंसल्टेटिव ग्रुप की 14वीं मीटिंग भी मस्कट में आयोजित हुई, जिसमें डिफेंस, ट्रेड, एनर्जी, इन्वेस्टमेंट और पीपल-टू-पीपल टाइज जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.

इंडियन एक्सपोर्ट्स को मिलेगा बड़ा फायदा

CEPA के तहत ओमान ने भारत को बड़ा टैरिफ बेनिफिट दिया है. ओमान ने अपने 98.08 फीसदी टैरिफ लाइन्स पर जीरो ड्यूटी एक्सेस देने की पेशकश की है, जो वैल्यू के हिसाब से भारत के 99.38 फीसदी एक्सपोर्ट्स को कवर करता है. इससे टेक्सटाइल्स, लेदर, फुटवियर, जेम्स एंड ज्वेलरी, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स, प्लास्टिक्स, फर्नीचर, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइसेज और ऑटोमोबाइल सेक्टर को सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है. फिलहाल भारत के 80 फीसदी से ज्यादा गुड्स ओमान में औसतन 5 फीसदी टैरिफ पर एक्सपोर्ट होते हैं.

भारत ने भी रखा संतुलन

भारत ने भी ओमान को टैरिफ लिबरलाइजेशन की पेशकश की है, लेकिन घरेलू फार्मर्स और MSMEs के इंटरेस्ट को ध्यान में रखते हुए कई सेंसिटिव प्रोडक्ट्स को एक्सक्लूजन लिस्ट में रखा गया है. इनमें डेयरी प्रोडक्ट्स, चॉकलेट्स, गोल्ड, सिल्वर, ज्वेलरी, फुटवियर और स्पोर्ट्स गुड्स शामिल हैं. भारत ने अपने 77.79 फीसदी टैरिफ लाइन्स पर रियायत दी है, जो ओमान से होने वाले 94.81 फीसदी इम्पोर्ट्स को कवर करती है.

सर्विसेज और प्रोफेशनल मोबिलिटी पर फोकस

CEPA का एक अहम पहलू सर्विसेज सेक्टर और प्रोफेशनल मोबिलिटी है. यह ओमान का पहला ऐसा ट्रेड एग्रीमेंट है, जिसमें 127 सर्विसेज सब-सेक्टर्स को शामिल किया गया है. इनमें आईटी और कंप्यूटर रिलेटेड सर्विसेज, बिजनेस और प्रोफेशनल सर्विसेज, एजुकेशन, हेल्थ, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और ऑडियो-विजुअल सर्विसेज शामिल हैं. इसके साथ ही इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए एंट्री और स्टे से जुड़े नियमों को आसान बनाने का भी प्रावधान किया गया है.

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