NCLT ने HDIL के दो प्रोजेक्ट के लिए अडानी प्रोपर्टीज की बोली को दी मंजूरी, जानें- कंपनी पर कितना है कर्ज

Adani Properties: यह कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIRP) का हिस्सा था, जिसमें अडानी प्रॉपर्टीज हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के दो एसेट्स के लिए दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (IBC) की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली एकमात्र बिडर थी.

अडानी प्रॉपर्टीज Image Credit: Getty image

Adani Properties: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने दिवालियापन प्रक्रिया के तहत बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में प्रोजेक्ट बीकेसी और ठाणे जिले में शाहद महारल लैंड्स सहित HDIL की दो ऐसेट्स के लिए अडानी प्रॉपर्टीज की समाधान योजनाओं को मंजूरी दे दी है. यह कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIRP) का हिस्सा था, जिसमें अडानी प्रॉपर्टीज हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के दो एसेट्स के लिए दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (IBC) की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली एकमात्र बिडर थी. ऐसे में NCLT ने ‘शाहद महारल लैंड्स’ सहित दो HDIL परिसंपत्तियों के लिए अडानी प्रॉपर्टीज की समाधान योजनाओं को मंजूरी दे दी.

दोनों प्रोजेक्ट की वैल्यू

NCLT की मुंबई पीठ ने 27 जून को IBC 2016 की धारा 31 के तहत समाधान योजनाओं को मंजूरी दी. लेनदारों की समिति (COC) ने नवंबर 2022 में 66.08 फीसदी वोटिंग शेयर के साथ दोनों योजनाओं को मंजूरी दे दी थी, जिनका मूल्य 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है.

नहीं मिला कोई प्रस्ताव

शुरुआत में HDIL के सॉल्यूशन प्रोफेशनल ने फरवरी 2020 में पूरी कंपनी के समाधान में रुचि दिखाई, लेकिन कोई प्रस्ताव नहीं मिला. अधूरी रेसिडेंशियल के कारण, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) ने प्रोजेक्ट के अनुसार समाधान योजना की अनुमति दी.

प्रोजेक्ट के लिए समाधान राशि

COC ने शुरू में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. हालांकि, घर खरीदारों की आपत्तियों के बाद सितंबर 2021 में अपना रुख बदल दिया. घर खरीदारों ने लिक्विडेशन प्रोसिडिंग्स तलाशने के लिए अथॉराइज्ड किया था. बीकेसी प्रोजेक्ट के लिए समाधान राशि 3 करोड़ रुपये है, जबकि शाहद मराल परियोजना के लिए समाधान राशि 64 करोड़ रुपये है.

HDIL अगस्त 2019 से दिवालियापन की प्रक्रिया से गुजर रहा है, जिस पर लगभग 7,800 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं. HDIL अगस्त, 2019 से दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है. कंपनी पर करीब 7,800 करोड़ रुपये का बकाया है.

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