इन 6 शहरों में धरती उगलेगी सोना! रियल एस्टेट में निवेश का मौका, बन रहे है फिनटेक, डेटा और लॉजिस्टिक हब
भारत के टियर-2 शहर अब सिर्फ कम लागत वाले ऑप्शन नहीं हैं, बल्कि तेजी से उभरते इनोवेशन और निवेश के नए केंद्र बनते जा रहे हैं. साल 2024-25 के ट्रेंड, बनती हुई इंफ्रास्ट्रक्चर और आने वाली बड़ी परियोजनाओं के आधार पर कुछ ऐसे शहर हैं, जहां 2026 में निवेश करने वालों को बेहतर रिटर्न मिल सकती है.
अब निवेश सिर्फ मुंबई, दिल्ली या बेंगलुरु तक सीमित नहीं रहा. भारत के टियर-2 शहर तेजी से ऐसे मुकाम पर पहुंच रहे हैं, जहां आने वाले सालों में रियल एस्टेट से लेकर फिनटेक, डेटा सेंटर और लॉजिस्टिक्स तक जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिल सकती है. 2024-25 के ट्रेंड साफ इशारा कर रहे हैं कि इन शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से खड़ा हो रहा है, बड़ी परियोजनाएं जमीन पर उतर रही हैं और स्टार्टअप इकोसिस्टम मजबूती पकड़ रहा है. यही वजह है कि 2026 तक शुरुआती स्टेज में निवेश करने वालों के लिए ये शहर सोना उगलने वाली जमीन साबित हो सकते हैं. कम एंट्री प्राइस, बढ़ती डिमांड और नए हब के तौर पर उभरती पहचान इन्हें खास बनाती है. आइए जानते हैं वे 6 शहर, जहां निवेश का सही वक्त अभी शुरू हुआ है.
विशाखापत्तनम
विशाखापत्तनम अब सिर्फ एक भारी-भरकम इंडस्ट्रियल पोर्ट सिटी नहीं रह गया है. भोगापुरम एयरपोर्ट के ऑपरेशनल होने और अडानी-गूगल के डेटा सेंटर पार्टनरशिप के बाद यहां B2B स्टार्टअप्स के लिए नए मौके खुले हैं. फार्मा सिटी के विस्तार से क्लिनिकल ट्रायल मैनेजमेंट और कोल्ड-चेन लॉजिस्टिक्स से जुड़े स्टार्टअप्स की मांग तेजी से बढ़ रही है. फिनटेक वैली पहल अब पूरी तरह डेवलप हो चुकी है, जिससे समुद्री व्यापार और लॉजिस्टिक्स को डिजिटल बनाने वाले B2B फिनटेक्स के लिए जमीन तैयार हो चुकी है. रियल एस्टेट के नजरिए से मधुरवाड़ा और कपुलुप्पड़ा जैसे इलाके डेटा सेंटर इकोसिस्टम के चलते बेहतर रिटर्न देने की स्थिति में हैं. यहां निवेश का सबसे व्यावहारिक रास्ता ब्लू इकोनॉमी को ज्यादा एफिशिएंट बनाने वाले सॉफ्टवेयर और IoT सॉल्यूशंस माने जा रहे हैं.
जयपुर
जयपुर ने खुद को सिर्फ टूरिज्म या हैंडीक्राफ्ट शहर के तौर पर सीमित नहीं रखा है. यहां की एजुकेशनल सिस्टम, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और डिजाइन टैलेंट ने फिनटेक और D2C ब्रांड्स के लिए एक नेचुरल इकोसिस्टम बना दिया है. टेक्सटाइल विरासत से जुड़े D2C ब्रांड्स यहां से ग्लोबल मार्केट तक पहुंच बना रहे हैं, जहां कम ऑपरेटिंग कॉस्ट के कारण CAC भी कम रहता है. फिनटेक में SME लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स को लेकर निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है. रियल एस्टेट में जगतपुरा और पत्रकार कॉलोनी जैसे इलाकों में हाइब्रिड रेजिडेंशियल यूनिट्स की मांग बढ़ रही है, जहां लोग घर और ऑफिस दोनों चला सकें.
इंदौर
इंदौर अपनी सेंट्रल लोकेशन की वजह से भारत का लॉजिस्टिक्स हब बन चुका है. सुपर कॉरिडोर के विकास से TCS और Infosys जैसी बड़ी कंपनियां यहां आईं, लेकिन असली इनोवेशन लोकल SaaS और एग्रीटेक स्टार्टअप्स से निकल रहा है. ग्रामोफोन और शॉपकिराना जैसे उदाहरण दिखाते हैं कि यहां से स्केलेबल बिजनेस खड़े हो सकते हैं. क्लीन सिटी पहचान के चलते वेस्ट-टू-एनर्जी और सर्कुलर इकॉनमी मॉडल्स यहां टेस्ट और स्केल करने के लिए अनुकूल हैं. सुपर कॉरिडोर और निपानिया बेल्ट में कमर्शियल और प्रीमियम रेजिडेंशियल दोनों तरह के निवेश आकर्षक माने जा रहे हैं. इंदौर में फोकस साफ है, B2B SaaS (Software as a Service) सबसे मजबूत दांव है.
अमरावती
अमरावती को एक बाइनरी बेट कहा जा सकता है. कैपिटल सिटी प्रोजेक्ट की वापसी और वर्ल्ड बैंक का 15,000 करोड़ रुपये का सपोर्ट इसे देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर अवसर बनाता है. यहां प्रॉपटेक और कंस्ट्रक्शन-टेक स्टार्टअप्स के लिए जबरदस्त जरूरत है, खासकर लैंड रिकॉर्ड्स, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और स्मार्ट यूटिलिटी सॉल्यूशंस में. वेस्ट मैनेजमेंट, स्मार्ट ग्रिड और वॉटर ट्रीटमेंट जैसे सेक्टर्स में सरकार खुद शुरुआती ग्राहक बन सकती है. रतन टाटा इनोवेशन हब इस पूरे इकोसिस्टम का केंद्र है. यहां निवेश का सही तरीका सीधे टेक प्रोडक्ट से ज्यादा उन वेंडर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स पर दांव लगाना है, जो शहर को बनाने में शामिल हैं.
कोयंबटूर
कोयंबटूर इन सभी शहरों में सबसे ज्यादा डेवलप्ड माना जाता है. यहां का इकोसिस्टम हाइप नहीं, बल्कि प्रॉफिट-फर्स्ट माइंडसेट पर चलता है. इंजीनियरिंग में मजबूत पकड़ अब EV मोटर्स और एयरोस्पेस पार्ट्स तक पहुंच चुकी है. एंटरप्राइज SaaS में लोकल टैलेंट ने शहर को मैप पर ला दिया है. सरवनमपट्टी IT कॉरिडोर आज भी सबसे मजबूत रियल एस्टेट ज़ोन है. यहां फैक्ट्री-टेक, रोबोटिक्स, IoT और MSME-फोकस्ड ERP सॉल्यूशंस लंबे समय के लिए स्थिर रिटर्न दे सकते हैं.
भुवनेश्वर
भुवनेश्वर खुद को हाई-टेक सिटी के रूप में अलग पहचान देना चाहता है. सेमिकॉन इंडिया प्रोग्राम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल डिजाइन स्टार्टअप्स यहां आकर्षित हो रहे हैं. स्पोर्ट्स-टेक में राज्य सरकार का निवेश स्पोर्ट्स एनालिटिक्स और एथलीट मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म्स के लिए मौके बना रहा है. ड्रोन सेक्टर में भी हार्डवेयर क्षमताएं दिख चुकी हैं. पटिया और चंद्रशेखरपुर जैसे इलाकों में एजुकेशन और IT का मेल हाई रेंटल यील्ड देता है. यह शहर लंबी अवधि का डीप-टेक प्ले माना जा रहा है, जहां एंजेल नेटवर्क्स भी एक्टिव हैं.
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