1 लाख घर खरीदारों को मिलेगी राहत! अटकी है EMI, नहीं मिला आशियाना; सरकार देगी 15000 करोड़

अधूरे घरों और फंसे निवेश को लेकर एक नई सरकारी पहल आकार ले रही है. इसका मकसद उन परियोजनाओं को दोबारा रफ्तार देना है, जिनका बोझ सालों से आम लोगों और मिडिल क्लास खरीदारों पर बना हुआ है.

घर खरीदार Image Credit: Money9live/Canva

घर खरीदने का सपना पूरा करने के लिए EMI चुकाने वाले हजारों परिवारों के लिए राहत की खबर है. केंद्र सरकार अटकी हुई हाउसिंग परियोजनाओं को पूरा करने के मकसद से SWAMIH-2 फंड को अंतिम रूप देने में जुटी है. PTI ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया है कि यह नया फंड जल्द ही ऑपरेशनल किया जा सकता है. इस फैसले से ऐसे प्रोजेक्ट्स को आखिरी दौर की फंडिंग मिलेगी, जो सालों से अधूरे पड़े हैं. इसका सीधा फायदा उन मिडिल क्लास होमबायर्स को होगा, जिनका पैसा और उम्मीदें फंसी हुई हैं.

करीब एक लाख खरीदारों को राहत

सरकार के प्रस्तावित SWAMIH-2 फंड का आकार करीब ₹15,000 करोड़ रखा गया है. इसके जरिए लगभग एक लाख ऐसे घर खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो फ्लैट के लिए लोन की EMI तो दे रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें घर नहीं मिला. बजट 2025-26 में सरकार पहले ही इस फंड के लिए ₹1,500 करोड़ की सीड कैपिटल अलग कर चुकी है.

रिपोर्ट के मुताबिक, SWAMIH-2 का मकसद उन रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को आखिरी दौर की फंडिंग देना है, जो व्यावसायिक रूप से viable हैं लेकिन पैसों की कमी के कारण अटके हुए हैं. इससे निवेश अनलॉक होगा और अधूरे प्रोजेक्ट्स दोबारा रफ्तार पकड़ सकेंगे. सरकार फिलहाल फंड के मैंडेट को अंतिम रूप दे रही है.

SWAMIH-1 का अनुभव और ट्रैक रिकॉर्ड

नवंबर 2019 में केंद्र सरकार ने पहली बार SWAMIH Fund-1 की शुरुआत की थी. यह एक Alternative Investment Fund था, जिसका मकसद अटकी हुई हाउसिंग परियोजनाओं को पूरा करना था. इस फंड के इनवेस्टमेंट मैनेजर की भूमिका SBI Ventures को दी गई थी, जबकि इसके स्पॉन्सर वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव थे.

SWAMIH-1 के तहत अब तक 55,000 से ज्यादा घर पूरे किए जा चुके हैं. आने वाले 3-4 साल में करीब 30,000 और घर डिलीवर करने का टारगेट रखा गया है. इस फंड के जरिए अब तक ₹15,530 करोड़ जुटाए जा चुके हैं. खास बात यह है कि यह फंड ऐसे डेवलपर्स और प्रोजेक्ट्स को भी फंडिंग देता है, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड कमजोर रहा है या जो कानूनी विवादों में फंसे हैं. इसी वजह से इसे डगमगाते प्रोजेक्ट्स के लिए “लेंडर ऑफ लास्ट रिसॉर्ट” माना जाता है.

समस्या कितनी बड़ी है

2019 में PropEquity की एक स्टडी के मुताबिक, देश में करीब 1,500 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स अटके हुए थे, जिनमें 4.58 लाख से ज्यादा घर शामिल थे. इन्हें पूरा करने के लिए करीब ₹55,000 करोड़ की जरूरत बताई गई थी. ऐसे में SWAMIH-2 फंड से उम्मीद की जा रही है कि यह अधूरे घरों की इस बड़ी समस्या को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा.