क्या घर खरीदना हो जाएगा मिशन इम्पॉसिबल? वॉरेन बफेट के फैसले से डरा रियल एस्टेट सेक्टर…यहां समझें पूरा मामला
वॉरेन बफेट अमेरिका की सबसे बड़ी रियल एस्टेट ब्रोकरेज कंपनियों में से एक होमसर्विसेज ऑफ अमेरिका को बेचने का सोच रहे हैं. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रियल एस्टेट मार्केट को हाई इंटरेस्ट रेट, घटती बिक्री और वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.

Warren buffet: वॉरेन बफेट इन दिनों रियल एस्टेट सेक्टर में चर्चा का विषय बने हुए हैं. अमेरिका की सबसे बड़ी रियल एस्टेट ब्रोकरेज कंपनियों में से एक होमसर्विसेज ऑफ अमेरिका को बेचने का सोच रहे हैं. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रियल एस्टेट मार्केट को हाई इंटरेस्ट रेट, घटती बिक्री और वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या रियल एस्टेट बाजार में आने वाले समय में और बुरे हालात हो सकते है? आइए विस्तार से समझते है.
होमसर्विसेज ऑफ अमेरिका vs Compass
वॉरेन बफेट आमतौर पर अपनी कंपनियों को तब ही बेचते हैं जब कोई मजबूत कारण हो. होमसर्विसेज ऑफ अमेरिका को बर्कशायर हैथवे ने साल 2000 में खरीदी थी. अब वह इसे Compass नामक रियल एस्टेट कंपनी को बेचने की चर्चा कर रहे हैं. इस कंपनी के पास तकरीबन 5,400 कर्मचारी और 820 ब्रोकरेज ऑफिस हैं. साल 2024 में कंपनी ने 107 मिलियन डॉलर का नुकसान दर्ज किया था. ऐसे में यह क्यास लगाए जा रहे है कि बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता और घटती प्रॉफिटेबिलिटी को देखते हुए बफेट शायद अब इसे बेचने का फैसला कर रहे हैं.
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फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में की थी बढ़ोतरी
अमेरिका का रियल एस्टेट बाजार बहुत दबाव में है. फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण मकान खरीदने की लागत बढ़ गई है. साल 2023 में घरों की बिक्री 30 साल में सबसे कम रही. घर खरीदने के लिए ब्याज दरें 6.8 फीसदी तक पहुंच चुकी हैं. यह साल 2021 के मुकाबले दो गुना ज्यादा हैं. इससे घर खरीदने की संभावना कम हो गई है. इसी के चलते बफेट की कंपनी होमसर्विसेज को बेचने का निर्णय लिया जा रहा है.
क्या ये है बफेट की चेतावनी
हालांकि रियल एस्टेट क्रैश की गारंटी नहीं है. घरों की कीमतें गिर रही हैं. साथ ही बिक्री में भी गिरावट आई है. इन सब के बीच बफेट का यह कदम चेतावनी के तौर पर देखा जा सकता है. बफेट के साथी चार्ली मुंगर ने कमर्शियल रियल एस्टेट के संकट की चेतावनी दी थी. ऑफिस की खाली जगह रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है. शॉपिंग सेंटरों में ग्राहकों की संख्या घट रही है. साथ ही बैंक अब बड़े रियल एस्टेट सौदों को वित्तीय मदद देने से हिचकिचा रहे हैं.
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