सिल्वर फ्यूचर्स पर 1 किलो चांदी की कीमत हुई 190,000 रुपये, इन 3 सिल्वर स्टॉक को वॉचलिस्ट में कर सकते हैं शामिल

चांदी के रिकॉर्ड दामों के बीच हिंदुस्तान जिंक, वेदांता और टाइटन तीन प्रमुख स्टॉक्स निवेशकों की वॉचलिस्ट में हैं. हिंदुस्तान जिंक और वेदांता उत्पादन व खनन से लाभ उठा सकते हैं, जबकि टाइटन सिल्वर ज्वेलरी खपत से फायदा देख सकती है. बढ़ती कीमतों और विस्तार योजनाओं से तीनों कंपनियों का आउटलुक मजबूत है.

सिल्वर Image Credit: canva

10 दिसंबर 2025 को चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला, जहां सिल्वर फ्यूचर्स ₹1,90,000 प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गए. वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी 1.3% चढ़कर 61.48 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंची. यह तेजी इस उम्मीद के चलते आई है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी 9-10 दिसंबर की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर सकता है. इस तेजी के माहौल में निवेशकों की नजर अब उन भारतीय कंपनियों पर है जो डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट रूप से चांदी से जुड़ी हैं. इनमें Hindustan Zinc, Vedanta और Titan Company प्रमुख रूप से शामिल हैं.

Hindustan Zinc

हिंदुस्तान जिंक दुनिया का प्रमुख इंटीग्रेटेड जिंक उत्पादक है और सिल्वर उत्पादन में भी दुनिया की टॉप-5 कंपनियों में शामिल है. कंपनी भारत के प्राइमरी जिंक मार्केट में लगभग 77% हिस्सेदारी रखती है और 40 से अधिक देशों में सप्लाई करती है. कंपनी ने Debari में 1.6 लाख टन क्षमता वाला नया रोस्टर शुरू किया है और Dariba कॉम्प्लेक्स में अपडेट का काम पूरा किया है. आने वाले समय में नई स्मेल्टर क्षमता और सिल्वर रिकवरी प्लांट FY26 के अंत तक तैयार हो जाएंगे, जिससे चांदी और जिंक उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. कंपनी ने हाल ही में टंगस्टन माइंस ब्लॉक के लिए बोली जीती है, जो उसके महत्वपूर्ण खनिज व्यवसाय का विस्तार मानी जा रही है.

FY26 की Q2 परफॉर्मेंस

राजस्व: ₹85,490 करोड़ (YoY ₹82,520 करोड़)

शुद्ध लाभ: ₹26,490 करोड़ (YoY ₹23,270 करोड़)

Vedanta

यब Hindustan Zinc की पैरेंट कंपनी है. वेदांता चांदी में कारोबार में इन-डायरेक्टली रूप से लिंक्ड है क्योंकि वह हिंदुस्तान जिंक में 61.84% हिस्सेदारी रखती है. वेदांता दुनिया की प्रमुख प्राकृतिक संसाधन कंपनियों में से एक है, जिसके पोर्टफोलियो में एल्यूमिनियम, जिंक-लेड-सिल्वर, ऑयल & गैस, स्टील, आयरन ओर, पावर और कई अन्य धातुएं शामिल हैं. कंपनी ने अपने व्यवसाय को और बेहतर बनाने के लिए डिमर्जर योजना प्रस्तावित की है, जिसमें एल्यूमिनियम, जिंक, ऊर्जा और धातु व्यवसायों को अलग-अलग कंपनियों में बांटने की योजना है. इसके बाद हर वेदांता शेयरधारक को नई कंपनियों के शेयर भी मिलेंगे. भारत की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरतें और ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने के चलते वेदांता और उसके प्रोडक्टस की मांग मजबूत रहने की संभावना है.

Q2 FY26 परफॉर्मेंस

राजस्व: ₹3,98,680 करोड़ (YoY ₹3,76,340 करोड़)

शुद्ध लाभ: ₹34,800 करोड़ (YoY ₹56,030 करोड़)

Titan Company

टाइटन चांदी का उत्पादक नहीं, बल्कि उपभोक्ता है, क्योंकि वह बड़ी मात्रा में सिल्वर ज्वेलरी बनाती है. टाइटन भारत की प्रमुख लाइफस्टाइल कंपनियों में से एक है और ज्वेलरी, घड़ियां, आईकेयर, फैशन एक्सेसरीज़ और वियरबल्स में मजबूत उपस्थिति रखती है. कंपनी ने बताया है कि सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद Tanishq की मांग मजबूत बनी हुई है और इस वर्ष 35-40 नए स्टोर खोलने की योजना है. चांदी के दाम बढ़ने का कंपनी पर सीमित असर माना जा रहा है, क्योंकि उसका प्रमुख व्यवसाय अभी भी गोल्ड ज्वेलरी पर आधारित है.

Q2 FY26 परफॉर्मेंस

राजस्व: ₹1,87,250 करोड़ (YoY ₹1,45,340 करोड़)

शुद्ध लाभ: ₹11,190 करोड़ (YoY ₹7,030 करोड़)

चार्ट सोर्स: Groww

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.