ब्राजीलियन नेवी ने इस भारतीय कंपनी पर जताया भरोसा, सौंपा पनडुब्बियों की मेंटेनेंस का जिम्मा; शेयर पर रखें नजर
Mazagon Dock Shipbuilders Ltd (MDL) ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर Brazilian Navy के साथ Scorpene-class पनडुब्बियों पर सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण MoU साइन किया है. इस समझौते में पनडुब्बियों की मेंटेनेंस, टेक्निकल सपोर्ट, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में विशेषज्ञता साझा करने जैसे बिंदु शामिल हैं.
Mazagon Dock: भारत की सरकारी शिपबिल्डिंग कंपनी Mazagon Dock Shipbuilders Ltd (MDL) ने बुधवार, 10 दिसंबर को बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने बताया कि उसने भारतीय नौसेना के सहयोग से ब्राजील की नौसेना के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदारी समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता Scorpene-class पनडुब्बियों की मेंटेनेंस, टेक्निकल सपोर्ट और डिफेंस सहयोग को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है. दोनों देशों की नौसेनाएं पहले से इसी श्रेणी की पनडुब्बियां संचालित करती हैं, जिससे इस समझौते का सामरिक महत्व और बढ़ जाता है. यह MoU भारतीय शिपबिल्डिंग, निर्यात संभावनाओं और अंतरराष्ट्रीय रक्षा साझेदारी के लिहाज से एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
Scorpene-Class Submarines पर सहयोग बढ़ाने की तैयारी
MDL ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि यह समझौता न केवल पनडुब्बियों के रखरखाव तक सीमित है, बल्कि इसमें रक्षा मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, तकनीकी नवाचार और विशेषज्ञता के आदान–प्रदान जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं. इससे दोनों नौसेनाएं आधुनिक सबमरीन टेक्नोलॉजी को और अधिक प्रभावी तरीके से विकसित कर सकेंगी.
कैसा है शेयर का हाल
समझौते की घोषणा वाले दिन Mazagon Dock के शेयर NSE पर रुपये 2439.10 प्रति शेयर पर बंद हुए, जो मंगलवार के मुकाबले 2.01 फीसदी कम है. पिछले एक महीने में इसके शेयर 8.97 फीसदी गिरे हैं, जबकि बीते एक साल में इसमें 0.44 फीसदी की गिरावट हुई है. एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर में यह हल्की कमजोरी मार्केट की सामान्य चाल का हिस्सा है.
कंपनी के वित्तीय नतीजे दिखाते हैं मजबूत प्रदर्शन
सितंबर तिमाही के रिजल्ट Mazagon Dock के लिए मजबूत साबित हुए.
- नेट प्रॉफिट: 749 करोड़ रुपये (28.1 फीसदी की बढ़त)
- रेवेन्यू: 2929 करोड़ रुपये (6.3 फीसदी बढ़ोतरी)
- EBITDA: 695 करोड़ रुपये (36.1 फीसदी बढ़ोतरी)
- मार्जिन: 18.5 से बढ़कर 23.7 फीसदी
ये आंकड़े बताते हैं कि MDL की लागत प्रबंधन क्षमता और ऑपरेशनल कुशलता लगातार बेहतर हो रही है. डिफेंस एक्सपर्ट के अनुसार यह समझौता भारत को ग्लोबल डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मदद करेगा. साथ ही Scorpene-class पनडुब्बियों पर तकनीकी विशेषज्ञता का साझा उपयोग दोनों देशों की नौसैनिक सामर्थ्य को और मजबूत करेगा.
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