अडानी एंटरप्राइजेस के ₹25000 करोड़ राइट्स इश्यू को निवेशकों से मिला जोरदार रिस्पांस, 108% सब्सक्रिप्शन के साथ हुआ बंद

अडानी एंटरप्राइजेस के 25,000 करोड़ रुपये राइट्स इश्यू को निवेशकों से जोरदार रिस्पॉन्स मिला और यह 108 फीसदी ओवरसब्सक्राइब होकर बंद हुआ. पब्लिक पोर्शन भी 130 फीसदी भर गया, जिसमें कुल 4.7 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां दर्ज की गईं. कंपनी ने राइट्स शेयरों की कीमत 1,800 रुपये तय की थी, जबकि भुगतान तीन चरणों में रखा गया.

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Adani enterprises rights issue: अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड (AEL) का 25,000 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू 108 फीसदी ओवरसब्सक्रिप्शन के साथ बंद हुआ है. यह भारत के सबसे बड़े ऑफरिंग्स में से एक माना जा रहा था, जिसमें निवेशकों ने मजबूत भरोसा दिखाया. बाजार बंद होने के बाद आए आंकड़ों के अनुसार, अंतिम दिन शाम 5 बजे तक कुल 14.95 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिलीं, जबकि ऑफर के तहत 13.85 करोड़ शेयर उपलब्ध थे.

130 फीसदी ओवरसब्सक्रिप्शन

यह राइट्स इश्यू कई कारणों से विशेष रहा, खासकर क्योंकि अडानी एंटरप्राइजेस में प्रमोटर्स की 74 फीसदी हिस्सेदारी होने के चलते व्यापक पब्लिक पार्टिसिपेशन अहम माना जा रहा था. ऑफरिंग के दौरान प्रमोटर्स ने अपनी पूरी पात्रता के अनुसार हिस्सा खरीदा, जबकि पब्लिक कैटेगरी में उम्मीद से ज्यादा मांग देखने को मिली. पब्लिक पोर्शन में 3.6 करोड़ शेयरों के मुकाबले 4.7 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां आईं, जिससे यह हिस्सा 130 फीसदी ओवरसब्सक्राइब हो गया.

1,800 रुपये प्रति शेयर थी कीमत

अडानी एंटरप्राइजेस ने राइट्स शेयरों का प्राइस 1,800 रुपये प्रति शेयर रखा था. ऑफर के दिन AEL का शेयर 2,213.90 रुपये पर बंद हुआ था. साथ ही भुगतान को तीन हिस्सों में बांटा गया जिसमें एप्लीकेशन पर 900 रुपये, फिर दो अलग कॉल्स में 450-450 रुपये का भुगतान शामिल है. पहला कॉल 12–27 जनवरी 2026 के बीच और दूसरा कॉल 2–16 मार्च 2026 के बीच निर्धारित है. इस फ्लेक्सिबल भुगतान योजना ने रिटेल निवेशकों की भागीदारी को और अधिक प्रोत्साहित किया.

यहां इस्तेमाल होगा फंड

अडानी एंटरप्राइजेस इस राइट्स इश्यू से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल कर्ज घटाने, कैपेक्स योजनाओं और शेयरधारक लोन रीपेमेंट में करेगी. कंपनी वर्तमान में एयरपोर्ट, डेटा सेंटर, ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, सड़क निर्माण और पीवीसी मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में तेजी से विस्तार कर रही है. समूह की रणनीति देश के बुनियादी ढांचा विकास और नये सेक्टरों में अवसरों का लाभ उठाने पर केंद्रित है.

अडानी विलमर से एग्जिट के बाद मजबूत स्थिति में कंपनी

पिछले एक वर्ष में कंपनी ने अपना ध्यान मुख्य बिजनेस पर केंद्रित करने के लिए एडिबल ऑयल कंपनी अडानी विलमर लिमिटेड से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलते हुए अपनी 44 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी. इससे कंपनी ने लगभग 15,750 करोड़ रुपये जुटाए, जिससे उसकी बैलेंस शीट और निवेश क्षमता दोनों मजबूत हुई हैं.

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