फ्यूचर एंड ऑप्शन कारोबार में 91 फीसदी ट्रेडर घाटे में, 1,05,603 करोड़ गंवाए; संख्या घटी, लॉस बढ़ा : सेबी
फ्यूचर एंड ऑप्शन शेयर बाजार का सबसे दिलचस्प सेक्शन है, यहां साल-दर-साल रिटेल निवेशक पैसा लुटा रहे हैं. बाजार नियामक सेबी ने अपने अध्ययन के आधार पर जारी एक रिपोर्ट में बताया है कि वित्त वर्ष 2025 में 91 फीसदी रिटेल निवेशकों ने इक्विटी डेरिवेटिव यानी Future and Option ट्रेडिंग में पैसा गंवाया है.
भारतीय शेयर बाजार के नियामक सेबी की तरफ से लगातार ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि रिटेल निवेकश इक्विटी डेरिवेटिव से दूर रहें. लेकिन, इसके बाद भी Future and Option का नशा ऐसा है कि बार-बार घाटे के बाद भी रिटेल निवेशक पैसा लुटाने यहां आ जाते हैं. सेबी ने पिछले वर्ष की तरह इस साल भी एक अध्ययन किया है, जिसमें पता चला है कि 91 फीसदी रिटेल इन्वेस्टर्स को F&O में घाटा हुआ है.
कुल मिलाकर रिटेलर्स का F&O में नेट लॉस पिछले साल की तुलना में 41 फीसदी बढकर 1,05,603 करोड़ रुपये हो गया. यह स्थिति तब है, जब पिछले साल की तुलना में फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स सेगमेंट में यूनीक निवेशकों की संख्या में 20 फीसदी की कमी आई है. सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में रिटेलर्स को F&O में 74,812 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
क्यों किया अध्ययन?
सेबी ने EDS यानी इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग गतिविधि का मूल्यांकन करने के लिए यह अध्ययन किया. खासकर 1 अक्टूबर, 2024 को इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव ढांचे को मजबूत करने के उपाय किए जाने के असर को देखने के लिए यह अध्ययन किया गया. सेबी का कहना है कि EDS यानी F&O में रिटेलर्स को घाटे को ट्रेंड पिछले साल की तरह ही जारी रहा है. हालांकि, इंडेक्स ऑप्शन टर्नओवर में प्रीमियम टर्म में 9 फीसदी और नोशनल टर्म में 29 फीसदी की साल-दर-साल गिरावट देखी गई है. लेकिन, दो साल पहले की तुलना में इंडेक्स ऑप्शन वॉल्यूम प्रीमियम टर्म में 14 फीसदी और नोशनल टर्म में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
बढ़ता जा रहा F&O का आकार
सेबी के मुताबिक F&O में प्रीमियम के मामले में रिटेल कारोबार साल-दर-साल 11 फीसदी कम हुआ, लेकिन दो साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 36 फीसदी बढ़ा है. इस तरह सेबी की तरफ से किए गए उपायों के बाद भी F&O सेक्शन में रिटेलर्स की भागीदारी बढ़ रही है.