लिथियम बैटरी पर चीन ने बढ़ाई टेंशन, एक्सपोर्ट पर कंट्रोल, इन दो बैटरी स्टॉक पर असर; देखें लिस्ट

चीन दुनिया में लिथियम बैटरी सामग्री और रेयर अर्थ एलिमेंट का सबसे बड़ा प्रोडक्ट और प्रोसेसर है. उसके एक्सपोर्ट कंट्रोल भारत में ज्यादा प्रदर्शन वाली लिथियम बैटरी और कच्चे माल की आपूर्ति को प्रभावित कर सकते हैं. एथर और ओला जैसी कंपनियां इससे निपटने के लिए वैकल्पिक आपूर्ति पर ध्यान दे रही हैं. निवेशकों को इन कंपनियों के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए.

लिथियम बैटरी पर चीन ने बढ़ाई टेंशन Image Credit: Canva

Battery Stock: 8 नवंबर 2025 से चीन ने लिथियम बैटरी के हिस्सों और तकनीकों के निर्यात पर कंट्रोल शुरू कर दिया हैं. इनमें आर्टिफिशियल ग्रेफाइट एनोड सामग्री, कैथोड सामग्री जैसे लिथियम आयरन फॉस्फेट, हाई एनर्जी डेंसिटी वाली लिथियम-आयन बैटरी (300 Wh/kg से अधिक) और इनके निर्माण के उपकरण शामिल हैं. ये कंट्रोल बैटरी सेल और बैटरी पैक को प्रभावित करेंगे. इस फैसले से दो भारतीय कंपनियों के स्टॉक प्रभावित हो सकती हैं. आप इन पर नजर रख सकते है.

एथर एनर्जी (Ather Energy)

एथर एनर्जी भारत की एक प्रमुख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी है. 10 अक्टूबर को इस खबर के बाद इसके शेयर 4 फीसदी गिर गए. कंपनी अपनी लिथियम-आयन बैटरी के लिए चीन से सामग्री लेती है. इस वजह से नए कंट्रोल से बैटरी की उपलब्धता, लागत और आपूर्ति स्थिरता पर असर पड़ सकता है. हालांकि, एथर धीरे-धीरे भारतीय सप्लायर के साथ साझेदारी बढ़ा रही है, जिससे यह निर्भरता कम हो सकती है.

एथर का प्रदर्शन अच्छा रहा है. वित्त वर्ष 2024 में इसने 109577 वाहन बेचे. यह साल 2025 में बढ़कर 155394 हो गए. कंपनी दक्षिण भारत में मार्केट लीडर बन रही है. इसके नए स्कूटर ‘एथर रिज्टा’ की सफलता के बाद कंपनी अब देश के अन्य हिस्सों में भी विस्तार कर रही है. एथर महाराष्ट्र में एक नई फैक्ट्री बना रही है, जो भविष्य में स्कूटर और मोटरसाइकिल बनाने के लिए तैयार होगी. यह फैक्ट्री EL’ और ‘जेनिथ’ जैसे नए प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट बनाएगी. इलेक्ट्रिक स्कूटर इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ रहा है. अनुमान है कि साल 2031 तक 70-75 फीसदी स्कूटर इलेक्ट्रिक होंगे. एथर इस बढ़ोतरी का फायदा उठाने के लिए तैयार है.

पिछले पांच दिनों में एथर के शेयर 592 रुपये से बढ़कर 614 रुपये हो गए. पिछले एक महीने में शेयर की कीमत 12 फीसदी बढ़ी. इसका 52-सप्ताह का हाई 639.5 रुपये (8 अक्टूबर 2025) और लो 287.3 रुपये (7 मई 2025) था.

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility)

ओला इलेक्ट्रिक भी भारत की एक प्रमुख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी है. चीन के निर्यात नियंत्रण के बाद इसके शेयरों में भी गिरावट आई. कंपनी लिथियम बैटरी सामग्री के लिए चीन पर निर्भर है. हालांकि, ओला के संस्थापक और CEO भविश अग्रवाल ने हाल ही में कहा कि कंपनी अब अन्य देशों से भी सामग्री ले रही है. ओला ने साल 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में अपनी ‘गीगा फैक्ट्री’ शुरू की. यह भारत की पहली लिथियम-आयन सेल बनाने वाली फैक्ट्री है, जिसकी शुरुआती क्षमता 1 GWh है और इसे 20 GWh तक बढ़ाया जा सकता है. ओला ने अपने 4680 लिथियम-आयन सेल वाले पहले प्रोडक्ट ग्राहकों को दिए हैं.

कंपनी ने रेयर अर्थ-फ्री फेराइट मोटर भी विकसित की है. यह आयातित रेयर अर्थ मोटरों पर निर्भरता खत्म करती है. यह भारत का पहला टू-व्हीलर ईवी निर्माता है, जिसे सरकार से इस मोटर के लिए Certification मिला. हालांकि, ओला को ग्राहक सेवा में चुनौतियों और Competition का सामना करना पड़ रहा है. भविष्य में इसकी बढ़ोतरी प्रोडक्ट की क्ववालिटी, Technological advancements और विस्तार योजनाओं पर निर्भर करेगी.

पिछले पांच दिनों में ओला के शेयर 54 रुपये से घटकर 49.38 रुपये हो गए. पिछले एक महीने में शेयर की कीमत 15 फीसदी घटी और पिछले एक साल में 45 फीसदी की गिरावट आई. इसका 52-सप्ताह का हाई 102.5 रुपये (4 दिसंबर 2024) और लो 39.58 रुपये (14 जुलाई 2025) था.

सोर्स: Groww, Equity master

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