पांच महीने के निचले स्तर पर ट्रेड डेफिसिट, आयात में गिरावट और अमेरिका को बढ़ते निर्यात से भारत को राहत
ताजा व्यापार आंकड़ों ने देश की बाहरी आर्थिक स्थिति को लेकर उम्मीद जगाई है. आयात और निर्यात से जुड़े रुझानों में आए बदलाव ने संतुलन की दिशा में संकेत दिए हैं, जबकि वैश्विक परिस्थितियों के बीच कुछ अहम बाजारों से जुड़ी गतिविधियां ध्यान में बनी हुई हैं. सरकार और नीति-निर्माताओं के लिए भी यह एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.
India Trade deficit November: नवंबर महीने में भारत के विदेशी व्यापार से जुड़ी एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है. आयात में तेज गिरावट और अमेरिका को निर्यात में सुधार के चलते देश का मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट घटकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गया है. खास बात यह है कि जहां बाजार को घाटा 32 अरब डॉलर के आसपास रहने की उम्मीद थी, वहीं असल आंकड़ा इससे काफी कम रहा. इससे न सिर्फ चालू खाते पर दबाव घटा है, बल्कि सरकार और नीति-निर्माताओं के लिए भी यह एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में भारत का मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट घटकर 24.53 अरब डॉलर रह गया. अक्टूबर में यह घाटा रिकॉर्ड 41.68 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. अर्थशास्त्रियों ने नवंबर के लिए करीब 32 अरब डॉलर के घाटे का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे.
आयात में गिरावट बनी बड़ी वजह
ट्रेड डेफिसिट घटने की सबसे बड़ी वजह आयात में आई तेज कमी रही. नवंबर में भारत का कुल आयात घटकर 62.66 अरब डॉलर रह गया, जो अक्टूबर में 76.06 अरब डॉलर था. सोना, कच्चा तेल और कोयले के आयात में गिरावट देखने को मिली, जिससे कुल आयात बिल में बड़ी राहत मिली.
नवंबर में अमेरिका को भारत का निर्यात फिर से रफ्तार पकड़ता नजर आया. महीने-दर-महीने आधार पर अमेरिका को निर्यात करीब 10% बढ़कर 6.92 अरब डॉलर हो गया. सालाना आधार पर इसमें 21% से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि पिछले साल नवंबर में यह आंकड़ा 5.71 अरब डॉलर था. वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि ऊंचे टैरिफ के बावजूद भारत ने अमेरिका को निर्यात के मोर्चे पर अपनी स्थिति बनाए रखी है.
भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत जारी
राजेश अग्रवाल ने यह भी संकेत दिया कि भारत और अमेरिका एक ट्रेड फ्रेमवर्क एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने के करीब हैं, हालांकि उन्होंने कोई तय समयसीमा नहीं बताई. उनका कहना है कि दोनों देश आपसी टैरिफ घटाने को लेकर सकारात्मक बातचीत कर रहे हैं. हाल ही में अग्रवाल की अगुवाई में भारतीय टीम ने दिल्ली में अमेरिकी डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर से मुलाकात भी की थी.
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कुल निर्यात में भी दिखा सुधार
नवंबर में भारत का कुल मर्चेंडाइज निर्यात बढ़कर 38.13 अरब डॉलर हो गया, जो अक्टूबर में 34.38 अरब डॉलर था. इससे साफ है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद निर्यात मोर्चे पर हालात धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में भारत के सर्विसेज एक्सपोर्ट 35.86 अरब डॉलर रहे, जबकि आयात 17.96 अरब डॉलर रहा. इससे करीब 17.9 अरब डॉलर का सर्विसेज ट्रेड सरप्लस बना. इससे कुल ट्रेड बैलेंस को और मजबूती मिली है.
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