ग्रैड रॉकेट के लिए एग्रीमेंट के बाद इस डिफेंस शेयर में बंपर उछाल, इस साल 150% चढ़ा है स्टॉक

Apollo Micro Systems Share: पिछले सत्र में 4 फीसदी की बढ़त के बाद, यह स्मॉल-कैप शेयर लगातार दूसरे सत्र में बढ़त बनाए रखने के लिए तैयार है. कंपनी ने अमेरिकी कंपनियों के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसकी वजह से आज तेजी देखने को मिल रही है.

इस डिफेंस स्टॉक में आई तेजी. Image Credit: Money9live

Apollo Micro Systems Share: अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर की कीमत गुरुवार 11 सितंबर को बीएसई पर इंट्राडे कारोबार में 4 फीसदी बढ़ गई, क्योंकि कंपनी ने अमेरिकी कंपनियों के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का शेयर अपने पिछले बंद भाव 282.85 रुपये के मुकाबले 287.30 रुपये पर खुला और 4 फीसदी बढ़कर 294 रुपये के इंट्राडे हाई लेवल पर पहुंच गया. दोपहर लगभग 12:50 बजे यह डिफेंस शेयर 3.34 फीसदी बढ़कर 292.30 रुपये पर कारोबार कर रहा था.

किस चीज से लिए हुआ एग्रीमेंट?

इस स्मॉल-कैप शेयर में तब तेजी देखी गई, जब कंपनी ने घोषणा की कि अपोलो स्ट्रैटेजिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, जो कंपनी की एक सहायक कंपनी और अपोलो डिफेंस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, ने डायनेमिक इंजीनियरिंग एंड डिजाइन इनकॉर्पोरेशन के साथ डीएसईआई लंदन में बीएम-21 ग्रेड ईआर और गैर-ईआर रॉकेटों के लिए रॉकेट मोटर्स के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, को-डेवलपमेंट और संभावित लाइसेंस प्राप्त प्रोडक्शन के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं.

ग्रैड रॉकेट

ग्रैड रॉकेट एक 122 मिमी आर्टिलरी रॉकेट है, जिसका उपयोग बीएम-21 सिस्टम जैसे मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) में किया जाता है.

दूसरी ओर, रॉकेट मोटर किसी रॉकेट की प्राइमरी प्रपोल्शन होती है और इसमें प्रपोलेंट, केसिंग, नोजल और इग्निशन सिस्टम शामिल होता है. यह आर्टिलरी रॉकेट्स की रेंज, स्टेबिलिटी, थ्रस्ट और सटीकता निर्धारित करने में सबसे महत्वपूर्ण सब-सिस्टम है.

कंपनी ने कहा, ‘यह समझौता ज्ञापन मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम के लिए प्रपोल्शन टेक्नोलॉजी के स्वदेशीकरण और मेक इन इंडिया पहल के तहत महत्वपूर्ण डिफेंस सिस्टम में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है.

मजबूत होगी भारत की स्थिति

कंपनी ने कहा, ‘बीएम-21 ग्रैड रॉकेट ग्लोबल डिफेंस मार्केट में सबसे अधिक मांग वाले अनगाइडेड रॉकेटों में से एक हैं. इस पहल के साथ, अपोलो ग्रुप भारत में इस क्षमता की पूरी तरह से घरेलू स्तर पर विकसित रॉकेट सिस्टम की पेशकश करने वाली निजी कंपनियों में से एक के रूप में उभरेगा, जिससे ग्लोबल डिफेंस सप्लाई चेन में भारत की स्थिति मजबूत होगी और डिफेंस प्रोडक्शन में आत्मनिर्भरता के भारत सरकार के विजन में योगदान मिलेगा.

शेयर में लगातार आई है तेजी

पिछले सत्र में 4 फीसदी की बढ़त के बाद, यह स्मॉल-कैप शेयर लगातार दूसरे सत्र में बढ़त बनाए रखने के लिए तैयार है. मंथली लेवल पर, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में सितंबर में अब तक 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि पिछले महीने इसमें 51 फीसदी की तेजी आई थी.

इस साल अब तक, यह शेयर 150 फीसदी से अधिक की वृद्धि के साथ इस साल 5 सितंबर को 320.75 रुपये के 52 वीक के हाई लेवल पर पहुंच गया है. पिछले साल 23 अक्टूबर को यह शेयर 88.10 रुपये के 52 वीक के लोवल लेवल पर पहुंच गया था.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.