Axis Capital Market Outlook 2026: भारत की GDP ग्रोथ 7.5% रहने का अनुमान, करीब 14% तक बढ़ सकता है निफ्टी का 12MF EPS

Axis Capital के मुताबिक FY25 की फिस्कल–मॉनिटरी सख्ती का असर खत्म हो चुका है और FY26 में ग्रोथ रिवाइवल दिख रहा है. FY27 में GDP ग्रोथ 7.5% रहने का अनुमान है. मॉनिटरी ईजिंग और सुधारों से CY26E में निफ्टी EPS 14% बढ़ सकता है. ब्रोकरेज ने फाइनेंशियल्स और इंडस्ट्रियल्स पर ओवरवेट, जबकि मेटल्स और फार्मा पर अंडरवेट रुख बनाए रखा है.

ऐक्सिस कैपिटल आउटलुक 2026 Image Credit: canva

भारत की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार को लेकर Axis Capital ने 2026 के लिए सकारात्मक आउटलुक पेश किया है. ब्रोकरेज के मुताबिक, FY25 में एक साथ हुई फिस्कल और मॉनिटरी सख्ती से पैदा हुए दबाव अब पीछे छूट चुके हैं. इसका असर FY26 में ग्रोथ रिवाइवल के रूप में दिख रहा है, जबकि FY27 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.5% तक पहुंचने का अनुमान है जो कंसेंसस अनुमान से ज्यादा है. Axis Capital का मानना है कि भारत आने वाले वर्षों में भी दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. CY26E में निफ्टी का 12MF EPS करीब 14% तक बढ़ सकता है. Axis Capital की निवेश रणनीति में कंजम्पशन के मुकाबले इन्वेस्टमेंट थीम को तरजीह दी गई है. ब्रोकरेज ने फाइनेंशियल्स और इंडस्ट्रियल्स पर ओवरवेट, जबकि मेटल्स और फार्मा पर अंडरवेट रुख बनाए रखा है.

मॉनिटरी ईजिंग

रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉनिटरी ईजिंग अब एक मजबूत टेलविंड बन चुकी है, जिसे लगातार जारी संरचनात्मक सुधारों से समर्थन मिल रहा है. इनमें लेबर कोड्स, क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) का खत्म होना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (EoDB) जैसे कदम शामिल हैं. ब्रोकरेज का कहना है कि इन सुधारों का असर सिर्फ सेंटिमेंट पर ही नहीं, बल्कि मीडियम टर्म ग्रोथ पर भी सकारात्मक रहेगा. चूंकि अर्थव्यवस्था में अभी भी पर्याप्त इकोनॉमिक स्लैक मौजूद है, इसलिए बिना ज्यादा महंगाई दबाव के ग्रोथ लंबे समय तक ट्रेंड से ऊपर बनी रह सकती है.

इन सेक्टर में मजबूती

कमाई के मोर्चे पर, Axis Capital को FY25 के दौरान दिखी अर्निंग्स कटौती के दौर के खत्म होने की उम्मीद है. CY25 में जहां 12-मंथ फॉरवर्ड निफ्टी EPS लगभग फ्लैट रहा, वहीं CY26 में इसमें करीब 14% की बढ़ोतरी का अनुमान है. ब्रोकरेज के मुताबिक, रोल-फॉरवर्ड गेन दोबारा शुरू हो चुके हैं और FY26–28 के दौरान इंडेक्स EPS में होने वाली बढ़ोतरी का करीब 46% योगदान फाइनेंशियल सेक्टर से आने की संभावना है. क्रेडिट ग्रोथ में सुधार से बैंकों और वित्तीय कंपनियों की कमाई को मजबूती मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा आईटी, एनर्जी और इंडस्ट्रियल्स सेक्टर में भी अर्निंग्स के टिके रहने का अनुमान जताया गया है.

वैल्यूएशन पर क्या है ब्रोकरेज की राय

वैल्यूएशन को लेकर Axis Capital का कहना है कि बाजार का P/E भले ही ऊंचा दिखे, लेकिन इसे मजबूत डिमांड-सप्लाई डायनेमिक्स का सहारा मिल रहा है. पिछले पांच वर्षों में IPO और नई लिस्टिंग्स ने बाजार की संरचना बदली है. इस दौरान BSE500 में शामिल 126 नई कंपनियों ने कुल मार्केट कैप में करीब 21% की बढ़ोतरी की है. SIP के जरिए सालाना करीब ₹3.3 लाख करोड़ और इंश्योरेंस फ्लो से लगभग ₹2.5 लाख करोड़ की इक्विटी डिमांड बनी हुई है, जो ऊंची इक्विटी सप्लाई को संतुलित करने में सक्षम है. ब्रोकरेज का मानना है कि भारत का P/E प्रीमियम अब ग्लोबल और इमर्जिंग मार्केट्स के मुकाबले 10 साल के औसत से नीचे आ चुका है, जिससे वैल्यूएशन को सपोर्ट मिलता है. हालांकि, चीनी निर्यात का दबाव और वैश्विक पूंजी लागत में बढ़ोतरी जैसी चुनौतियां बनी रहेंगी.