Budget 2026 में ‘ड्रोन शक्ति’ को और दमदार करेगी सरकार, ये 3 स्टॉक्स ऊंची उड़ान के लिए सबसे आगे खड़े
सरकार की एक संभावित नीति पहल ने उभरते टेक सेक्टर में हलचल बढ़ा दी है. बजट से जुड़ी उम्मीदें, स्वदेशी तकनीक पर जोर और डिफेंस जरूरतों के मेल ने कुछ चुनिंदा कंपनियों को निवेशकों की नजर में ला दिया है. सरकार का नया पैकेज मौजूदा PLI स्कीम से अलग होगा. इसमें सिर्फ प्रोडक्शन पर इंसेंटिव नहीं, बल्कि कैपेक्स यानी फैक्ट्री, मशीनरी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश को भी सब्सिडी दी जाएगी.
भारत में ड्रोन इंडस्ट्री एक बार फिर सुर्खियों में है. वजह है आगामी Union Budget 2026 में सरकार की संभावित बड़ी घोषणा, जिसके तहत घरेलू ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए मल्टी-ईयर इंसेंटिव पैकेज की तैयारी की जा रही है. लगातार सामने आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पहल सरकार की “Drone Shakti” रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है, जिसका मकसद भारत को ड्रोन टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाना है. अगर यह योजना लागू होती है, तो यह सिर्फ एक पॉलिसी कदम नहीं, बल्कि कई लिस्टेड कंपनियों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार का नया पैकेज मौजूदा PLI स्कीम से अलग होगा. इसमें सिर्फ प्रोडक्शन पर इंसेंटिव नहीं, बल्कि कैपेक्स यानी फैक्ट्री, मशीनरी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश को भी सब्सिडी दी जाएगी. योजना को पांच साल के लिए लागू किया जा सकता है, जिससे कंपनियों को लंबे समय तक नीति स्थिरता मिले.
घरेलू कंपनियों के लिए क्यों अहम है यह योजना
ड्रोन इंडस्ट्री में अब तक भारत काफी हद तक इंपोर्टेड कंपोनेंट्स पर निर्भर रहा है. नई स्कीम से उन कंपनियों को फायदा हो सकता है, जो लोकल डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और IP पर काम कर रही हैं. खासतौर पर डिफेंस और एंटी-ड्रोन सेगमेंट में यह सपोर्ट लंबे समय तक ऑर्डर विजिबिलिटी और मार्जिन सुधार का रास्ता खोल सकता है.
इसी संदर्भ में बाजार की नजर तीन लिस्टेड कंपनियों पर टिक गई है, जिन्हें इस संभावित बजट सपोर्ट का सीधा लाभ मिल सकता है.
Zen Technologies
Zen Technologies ने खुद को ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम के क्षेत्र में एक अहम खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है. कंपनी धीरे-धीरे अपने पारंपरिक सिमुलेशन बिजनेस से आगे बढ़कर एंटी-ड्रोन सिस्टम पर फोकस बढ़ा रही है. आने वाले समय में इसका करीब 50 फीसदी रेवेन्यू इसी से आने का अनुमान है.
Zen की खासियत यह है कि इसका बिजनेस ड्रोन वॉरफेयर के पूरे साइकिल को कवर करता है, डिटेक्शन से लेकर न्यूट्रलाइजेशन तक. इसके सिस्टम 100 MHz से लेकर 120 GHz तक की फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाले ड्रोन को पहचान और जाम कर सकते हैं.
कंपनी ने हाल के वर्षों में कई अधिग्रहण किए हैं. Vector Techniques के जरिए UAV मोटर्स का निर्माण, TISA Aerospace के जरिए लोइटरिंग म्यूनिशन और Bhairav Robotics के जरिए डिफेंस रोबोटिक्स में एंट्री Zen की रणनीति को मजबूत बनाती है. हालांकि FY26 की पहली छमाही में कंपनी का प्रदर्शन कमजोर रहा.
रेवेन्यू और मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन मार्जिन में सुधार दिखा. कंपनी का ऑर्डर बुक फिलहाल एक साल से कम की विजिबिलिटी देता है, लेकिन मैनेजमेंट को उम्मीद है कि नए डिफेंस ऑर्डर्स से स्थिति सुधरेगी. बीते 5 वर्षों में कंपनी के शेयरों ने 1435 फीसदी का दमदार रिटर्न दिया है. मौजूदा वक्त में इसके शेयर 1402 रुपये है.

Paras Defence
Paras Defence and Space Technologies ड्रोन और एंटी-ड्रोन सेगमेंट में एक अलग पहचान रखती है. यह भारत की इकलौती कंपनी है, जो ड्रोन के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिक कैमरे बनाती है. इजरायल की Controp Precision Technologies के साथ इसका जॉइंट वेंचर इसे हाई-एंड EO/IR सिस्टम्स में बढ़त देता है.
कंपनी हाइड्रोजन-पावर्ड ड्रोन पर भी काम कर रही है, जो लंबे समय तक हवा में रह सकते हैं और बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए बेहद उपयोगी माने जा रहे हैं. इसके अलावा Dexter-20 जैसे एंटी-ड्रोन सिस्टम्स कंपनी के पोर्टफोलियो को मजबूत करते हैं.
Paras की दो सब्सिडियरीज पूरी तरह ड्रोन वर्टिकल पर फोकस करती हैं- Paras Aerospace और Paras Anti-Drone Technologies. FY26 की पहली छमाही में कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी रही, हालांकि मार्जिन पर थोड़ा दबाव दिखा. करीब ₹1,000 करोड़ का ऑर्डर बुक इसे दो साल से ज्यादा की विजिबिलिटी देता है. वर्ष 2021 में लिस्ट हुई इस कंपनी के शेयरों ने अबतक 201 फीसदी का रिटर्न दिया है.

IdeaForge
ideaForge Technology भारत की सबसे बड़ी UAV कंपनी मानी जाती है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी है. यह ड्यूल-यूज ड्रोन बनाती है, जो डिफेंस और सिविल दोनों जरूरतों के लिए इस्तेमाल होते हैं.
इसके SWITCH और NETRA जैसे प्लेटफॉर्म्स सेना और सुरक्षा एजेंसियों में पहले से इस्तेमाल हो रहे हैं. कंपनी के ड्रोन अत्यधिक ऊंचाई, कड़ाके की ठंड और समुद्री माहौल में भी काम कर सकते हैं. हाल ही में इसके कुछ प्रोडक्ट्स को NATO Stock Number भी मिला है, जो ग्लोबल एक्सपोर्ट के लिए बड़ा प्लस है.
हालांकि, FY26 की पहली छमाही में IdeaForge को बड़ा झटका लगा. रेवेन्यू में 56 फीसदी की गिरावट और बढ़ता घाटा निवेशकों के लिए चिंता का विषय है. फिर भी, कंपनी का मानना है कि डिफेंस ऑर्डर्स और इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट साइकिल से आगे चलकर मांग सुधरेगी. वर्ष 2023 में लिस्ट हुई इस कंपनी के शेयरों ने 62 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है.

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बजट सपोर्ट से किसे मिल सकता है सबसे ज्यादा फायदा
अगर ड्रोन इंसेंटिव स्कीम लागू होती है, तो उसका असर अलग-अलग कंपनियों पर अलग होगा. Zen और Paras जैसी कंपनियां, जिनके पास डिफेंस ऑर्डर्स और लोकल IP है, सीधे लाभार्थी बन सकती हैं. IdeaForge के लिए यह स्कीम लॉन्ग टर्म में मददगार हो सकती है, लेकिन शॉर्ट टर्म में इसके वित्तीय जोखिम बने रहेंगे.
ड्रोन इंडस्ट्री अभी उभरते दौर में है. सरकारी ऑर्डर्स, बजट अलोकेशन और जियोपॉलिटिकल स्थितियां इस सेक्टर को काफी प्रभावित करती हैं. साथ ही, टेक्नोलॉजी तेजी से बदलती है, जिससे रिसर्च और कैपेक्स पर लगातार खर्च जरूरी होता है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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