Cello World पर MNCL का बुलिश आउटलुक, शॉर्ट-टर्म में मार्जिन दबाव के बावजूद 35% तक भाग सकता है शेयर
Monarch Networth Capital (MNCL) ने Cello World Ltd को कवर किया है. ब्रोकरेज रिपोर्ट में बुलिश आउटलुक के साथ बाय रेटिंग देते हुए उम्मीद जताई है कि यह स्टॉक आने वाले दिनों में करंट मार्केट प्राइस से 35 फीसदी तक अपसाइड का टारगेट हासिल कर सकता है.

ब्रोकरेज हाउस Monarch Networth Capital (MNCL) ने Cello World Ltd पर अपना बुलिश आउटलुक बरकरार रखा है. लेटेस्ट ब्रोकरेज रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी भले ही फिलहाल शॉर्ट-टर्म में मार्जिन दबाव झेल रही है, लेकिन मजबूत ब्रांड, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और नए कैपेसिटी बढ़ने की बदौलत लॉन्ग-टर्म में ग्रोथ को तैयार है.
कितना है शेयर का प्राइस टारगेट?
MNCL ने शेयर का टारगेट प्राइस 730 रुपये तय किया है. शेयर का करंट मार्केट प्राइस 540 रुपये के करीब है. इस तरह CMP से इस शेयर के भाव में करीब 35% अपसाइड की संभावना बताई गई है. अगर शेयर के प्राइस मोमेंटम को देखें, तो पिछले पांच दिन में इसमें 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है. हालांकि, पिछले 1 महीने इसमें 10 फीसदी, 6 महीन में 8 और एक वर्ष में 40 फीसदी का डिप आया है. इस तरह शेयर अपने 52 वीक हाई 935 रुपये से 42.24 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है.

कैसा रहा तिमाही प्रदर्शन?
कंपनी का Q1FY26 प्रदर्शन रेवेन्यू के लिहाज से उम्मीद के मुताबिक रहा. कुल रेवेन्यू YoY 5.7% बढ़कर 5,290 करोड़ पर पहुंच गया. इसमें सबसे बड़ा योगदान कंज्यूमरवेयर डिवीजन का रहा, जिससे 69.1% रेवेन्यू मिला है. इस डिवीजन ने स्टैंडअलोन 11.7% की रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है कुल 3,655 करोड़ रुपये की आय हासिल की है. वहीं, इस डिवीजन में ग्लासवेयर कैटेगरी ने 50% की शानदार ग्रोथ दी, हालांकि हाइड्रेशन डिमांड पर समय से पहले आई बारिश का असर दिखा है.

वहीं, पेन-पेंसिल यानी राइटिंग इंस्ट्रूमेंट्स बिजनेस से कुल रेवेन्यू का 13.9% हिस्सा मिला है. इसमें 11.4% की गिरावट आई है, जिससे इसका रेवेन्यू 737 करोड़ पर सिमट गया. वहीं, एक्सपोर्ट्स कमजोर रहा है, जबकि घरेलू बिक्री लगभग स्थिर रही है. इसके अलावा कंपनी के मोल्डेड फर्नीचर एंड एलाइड प्रोडक्ट्स ने रेवेन्यू में 17% हिस्सेदारी दी है, जिससे इसका रेवेन्यू 899 करोड़ रहा रहा है, जो इंडस्ट्री में आई कमजोरी से मेल खाता है.
मार्जिन को लेकर कंपनी पर दबाव
हालांकि कंपनी का ग्रॉस मार्जिन 54% तक सुधरा, लेकिन ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन (OPM) 520 बेसिस प्वाइंट गिरकर 20.6% पर आ गया. इसके अलावा EBITDA भी QoQ 19% घटकर 1,091 करोड़ रुपये रहा. इसकी मुख्य वजह राजस्थान स्थित नए ग्लासवेयर प्लांट के खर्च के साथ एनर्जी और एम्प्लॉई कॉस्ट में बढ़ोतरी है. इसके अलावा कंपनी ने सेल्स प्रमोशन पर भी खर्च बढ़ाया है.

क्या है आगे की उम्मीद?
ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी FY26 में 23–23.5% EBITDA मार्जिन हासिल कर सकती है. इसके अलावा फेस्टिव सीजन और एक्सपोर्ट्स से उम्मीदें बढ़ी हैं. खासकर मैनेजमेंट को भरोसा है कि H2FY26 में माहौल बेहतर होगा. त्योहारी सीजन की खपत, एक्सपोर्ट्स की रिकवरी और बढ़ती कैपेसिटी यूटिलाइजेशन से डिमांड मजबूत होने की उम्मीद है.
इसके अलावा कंपनी का नया ग्लासवेयर प्लांट FY26 में 1,100–1,200 करोड़ की बिक्री ला सकता है. जबकि, FY27 तक इसकी पूरी क्षमता से सालाना 2,000–2,500 करोड़ की बिक्री संभव है. इसके साथ ही, FY26 में 400–500 करोड़ की लागत से नया स्टील फ्लास्क प्रोजेक्ट भी शुरू करने की योजना है, जिससे लॉन्ग-टर्म ग्रोथ को बल मिलेगा.
वैल्यूएशन और आउटलुक
MNCL का अनुमान है कि FY25–28 के बीच कंपनी 11%/ रेवेन्यू ग्रोथ के साथ EBITDA में 12% और PAT में 11% CAGR दे सकती है. क्योंकि, ब्रांड स्ट्रेंथ, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स में बढ़ती मौजूदगी और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क इसकी ग्रोथ को सपोर्ट करेंगे. इसके साथ ही ब्रोकरेज ने कंपनी का वैल्यूएशन 35x बताया है. वहीं, Q1FY28E के लिए EPS 20.8 रुपये दिया है, जिसके आधार पर 730 रुपये की टारगेट प्राइस दी गई है.
क्या हैं बड़े जोखिम?
ब्रोकरेज रिपोर्ट में कंपनी के सामने ग्रोथ के रास्ते में आने वाले दो मुख्य जोखिम पहचाने गए हैं. इनमें पहला है कंज्यूमर डिमांड में संभावित सुस्ती और दूसरा है नई कैपेसिटी के रैंप-अप में देरी. हालांकि, इसके बावजूद कंपनी की मजबूत बैलेंस शीट और ब्रांड इक्विटी को देखते हुए ब्रोकरेज हाउस Cello World पर बुलिश बना हुआ है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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