सीमेंट स्टॉक्स में तेजी, सागर और JK समेत इन कंपनियों के शेयर उछले; जानें क्या है कारण
शुक्रवार को सागर सीमेंट्स, डालमिया भारत, JK सीमेंट और अंबुजा सीमेंट के शेयर्स में तेजी देखने को मिली है. बजट 2026-27 में बुनियादी ढांचे और आवासीय परियोजनाओं पर सरकार के फोकस से सीमेंट सेक्टर को मजबूती मिली है. विशेषज्ञों को FY26 में 7-8 फीसदी की ग्रोथ की उम्मीद है, हालांकि मानसून और सरकारी प्रोजेक्ट्स की प्रगति पर भविष्य की मांग निर्भर करेगी.
Cement stocks: शुक्रवार को सीमेंट कंपनियों के शेयर्स में जोरदार उछाल देखने को मिला. सागर सीमेंट्स, डालमिया भारत और JK सीमेंट जैसी कंपनियों के शेयर्स ने 52-सप्ताह का उच्च स्तर छुआ, जबकि सेंसेक्स गिरावट के साथ 81,753 अंकों पर बंद हुआ. सरकार द्वारा बजट 2026-27 में घोषित बुनियादी ढांचे और आवासीय परियोजनाओं पर जोर देने के बाद सीमेंट शेयर्स में निवेशकों का रुझान बढ़ा है. बजट में सरकार ने हाइवे, रेलवे और शहरी विकास पर खर्च बढ़ाने की घोषणा की थी, जिससे सीमेंट की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद जगी है. तो चलिए आपको बताते हैं कि किन-किन कंपनियों में तेजी देखने को मिली है और कितनी बढ़त दर्ज की गई है.
किन कंपनियों में दिखी तेजी
आज जिन सीमेंट सेक्टर की कंपनियों में तेजी देखी गई, उनमें सबसे आगे सागर सीमेंट्स है. सागर सीमेंट्स के शेयर में 5.92 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़त के साथ यह 268.48 रुपये पर पहुंच गया है. इसके अलावा JK सीमेंट के शेयर 1.05 फीसदी की बढ़त के साथ 6498 रुपये पर बंद हुए. साथ ही डालमिया भारत का शेयर 2.84 फीसदी चढ़कर 2251.80 रुपये पर पहुंच गया. वहीं, अडानी ग्रुप की अंबुजा सीमेंट में भी 0.35 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.
इतना है बढ़ोतरी का अनुमान
केंद्र सरकार ने बजट 2025-26 में कई ऐसे फैसले लिए हैं जो सीमेंट की मांग को बढ़ाने में मददगार साबित होंगे. इनमें बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर और आवासीय परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं. वित्त वर्ष 2025 में सीमेंट उद्योग को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जिससे विकास दर घटकर 4-5 फीसदी रह गई.
चुनाव, लंबा मानसून और मजदूरों की कमी इसकी प्रमुख वजहें रहीं. हालांकि अब इंडस्ट्री को फिर से गति मिलने की उम्मीद है और अगले कुछ वर्षों में 7-8 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान है.
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इन फैक्टर पर रहेगी निगाह
पिछले साल की कम बिक्री की तुलना में इस साल सीमेंट की मांग बेहतर रही है. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ राज्यों में सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से मांग अभी पूरी तरह से नहीं बढ़ी है. मानसून शुरू होने के साथ ही ज्यादातर इलाकों में मांग और कमजोर हुई है.
हालांकि, सितंबर-अक्टूबर 2025 में बारिश की स्थिति और मानसून के बाद मांग में सुधार से कीमतों की दिशा तय होगी. साथ ही एक्सपर्ट्स का मानना है कि FY26 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और सिंचाई पर बढ़े खर्च से मांग में फिर से मजबूती आ सकती है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.