FIIs ने जमकर की बिकवाली, 5 दिन में शेयर बाजार से निकाले 10169 करोड़ रुपये; DII अब भी मेहरबान
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों (FIIs) की भारी बिकवाली से हलचल मच गई है. पिछले पांच कारोबारी सत्रों में उन्होंने 10,169 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. दूसरी तरफ, घरेलू निवेशक (DIIs) ने करीब 11,000 करोड़ रुपये की खरीदारी कर बाजार को सहारा दिया है.
FIIs heavy selling from share market: भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी निवेशक यानी Foreign Institutional Investors की बिकवाली एक बार फिर तेज हो गई है. FIIs ने लगातार पांच कारोबारी सत्रों में कुल 10,169 करोड़ रुपये की निकासी की है, जो डॉलर के लिहाज से 1 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा बैठती है. यह भारी निकासी जुलाई 17 को दर्ज हुई जब अकेले एक दिन FII ने 3,671 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले. यह पिछले पांच सत्रों में दूसरी सबसे बड़ी एक दिन में होने वाली निकासी रही. इससे पहले सबसे ज्यादा निकासी 4,495 करोड़ रुपये की हुई थी.
DII कर रहे हैं भारी खरीदारी
FII जहां शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक यानी Domestic Institutional Investors और DII ने खरीदारी जारी रखी है. इसी पांच दिनों की अवधि में DII ने लगभग 11,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे बाजार को कुछ सहारा मिला और FII की बिकवाली का दबाव काफी हद तक कम करने में मदद मिली.
अप्रैल-जून तक खरीदार, अब बिकवाल
अगर मासिक आंकड़ों की बात करें तो जुलाई में FII का रुख पूरी तरह बदल गया है. अप्रैल से जून 2025 तक FII लगातार खरीदार रहे. जून में तो उन्होंने भारतीय शेयरों में करीब 14,600 करोड़ रुपये का निवेश किया था. लेकिन जुलाई में उन्होंने भारी बिकवाली शुरू कर दी, जिसने निवेशकों को चौंका दिया है. इससे इतर, कैलेंडर ईयर 2025 का अब तक का आंकड़ा भी निराशाजनक दिखता है. इस साल अब तक FIIs ने भारतीय शेयर बाजारों से लगभग 90,000 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. यह बताता है कि विदेशी निवेशक बाजार की मौजूदा स्थितियों को लेकर सतर्क और असहज नजर आ रहे हैं.
Citi ने भारत को ‘ओवरवेट’ से घटाकर ‘न्यूट्रल’ किया
ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी (Citi) ने भारत को अपने पोर्टफोलियो में ‘ओवरवेट’ से घटाकर ‘न्यूट्रल’ कर दिया है. इसके पीछे वजह बताई गई है कि भारतीय बाजार का वैल्यूएशन ज्यादा है और आने वाले दिनों में कंपनियों की कमाई के अनुमान में नरमी आई है. Citi ने कहा, “भारत अभी भी अपने साथियों और अपने ही औसत वैल्यूएशन की तुलना में सबसे महंगा बाजार बना हुआ है.
हालांकि भारत की माइक्रो स्टोरी मजबूत है और अमेरिका के साथ ट्रेड डील की संभावना है, लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन के मुकाबले कमाई की ग्रोथ अब उतनी बेहतर नहीं दिख रही.” सिटी ने चीन, कोरिया और फिलीपींस पर अपना ‘ओवरवेट’ नजरिया बनाए रखा है क्योंकि वहां कमाई के अनुमानों में सुधार और मूल्यांकन भारतीय बाजार की तुलना में ज्यादा आकर्षक हैं.
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