Closing Bell: तीन दिन की गिरावट का सिलसिला टूटा, हरे निशान में निफ्टी और सेंसेक्स; रियल्टी-फार्मा के शेयर चमके
Closing Bell: पिछले तीन लगातार सेशन में नुकसान झेलने के बाद भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 में बुधवार 21 मई को इंट्राडे कारोबार में अच्छी बढ़त देखी गई. एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल जैसे चुनिंदा बड़े शेयरों में आई बढ़त ने बाजार में उछाल का फ्यूल भरा.
Closing Bell: बीते दिन आई 1 फीसदी से अधिक की गिरावट से उबरते हुए भारतीय शेयर बाजार बुधवार को रिकवरी मोड में नजर आया है. बैंकिंग, ऑटो और आईटी शेयरों में बढ़त के चलते निफ्टी और सेंसेक्स मंगलवार के झटके से उबरते हुए हरे निशान में लौट आए. हालांकि, विदेशी फंड के बाहर जाने की चिंताओं के कारण आगे की बढ़त पर रोक लग सकती है.
सेंसेक्स 410 अंक या 0.51 फीसदी बढ़कर 81,596.63 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 130 अंक या 0.52 फीसदी की बढ़त के साथ 24,813.45 पर क्लोज हुआ.
सेक्टोरल इंडेक्स
सेक्टोरल इंडेक्स में, निफ्टी ऑटो, बैंक, एफएमसीजी, फार्मा और रियल्टी शुरुआती कारोबार में 1.5 फीसदी तक चढ़े, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस में 0.7 फीसदी तक की गिरावट आई.
निफ्टी रियल्टी सबसे अथिक तेजी दर्ज की गई, जिसमें 1.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई. उसके बाद निफ्टी फार्मा और निफ्टी पीएसयू बैंक का स्थान रहा, जिसमें क्रमश 1.3 फीसदी और 0.7 फीसदी की तेजी आई. अन्य गेनर की लिस्ट में निफ्टी आईटी और निफ्टी मेटल शामिल हैं, जिनमें क्रमश 0.7 फीसदी और 0.4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. वही, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.5 फीसदी की गिरावट आई.
मिडकैप और स्मॉलकैप
बाजार में ब्रॉड बेस खरीदारी से बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमश 0.90 फीसदी और 0.51 फीसदी की तेजी आई.
निवेशकों ने कमाए 3 लाख करोड़
निवेशकों ने एक दिन में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है. बीएसई-लिस्टेड फर्मों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के 438 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 441 लाख करोड़ रुपये हो गया.
टॉप गेनर स्टॉक्स
निफ्टी पर सबसे अधिक उछाल वाले शेयरों की लिस्ट में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, सिप्ला, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व और एचडीएफसी लाइफ शामिल हैं. निफ्टी पर सबसे ज्यादा नुकसान में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, कोल इंडिया और ग्रासिम शामिल हैं.
अमेरिका-भारत व्यापार समझौते से जुड़ी खबरों का बाजार पर असर पड़ रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर स्पष्टता नहीं आ जाती, तब तक घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है.