फोकस में रखें ये तीन कॉपर स्टॉक, दमदार है ग्रोथ प्लान, 82% तक का लगा मुनाफे का तड़का
इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा और डेटा सेंटर के विस्तार के कारण दुनिया भर में तांबे की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारत में भी यह मांग घरेलू आपूर्ति से कहीं अधिक है. इस सुनहरे मौके का फायदा उठाने के लिए हिंदुस्तान कॉपर, हिंडाल्को और वेदांता जैसी कंपनियां बड़े विस्तार की योजना बना रही हैं, जो निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर पैदा कर रही हैं.
Copper Stocks: दुनिया भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियां, सौर ऊर्जा और डाटा सेंटर तेजी से बढ़ रहे हैं. इन सबमें तांबे की जरूरत सबसे ज्यादा है. भारत में भी तांबे की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उत्पादन बहुत कम है. ऐसे में तीन भारतीय कंपनियां बड़े मौके लेकर आ रही हैं. ये हैं हिंदुस्तान कॉपर, हिंडाल्को और वेदांता. ये तीनों कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाने की योजना बना रही है. इसलिए ये कंपनियां निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर पैदा कर रही हैं.
Hindustan Copper
हिंदुस्तान कॉपर भारत की इकलौती कंपनी है जो खदान से लेकर तैयार तांबा बनाने तक का काम खुद करती है. कंपनी के पास देश के 40 फीसदी तांबा भंडार हैं यानी 755 मिलियन टन से ज्यादा. अभी सालाना 4.33 मिलियन टन खनन क्षमता है. कंपनी 2030 तक इसे 12 मिलियन टन तक ले जाना चाहती है. दिसंबर 2025 तक 0.25 मिलियन टन और मार्च 2026 तक 3 मिलियन टन नई क्षमता शुरू हो जाएगी.
कंपनी की वित्तीय सेहत
मलांजखंड, खेतरी और झारखंड के प्रोजेक्ट पर बड़ा निवेश हो रहा है. अगले 5-6 साल में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. पिछले साल रेवेन्यू 39 फीसदी बढ़कर 5.2 अरब रुपये और मुनाफा 82 फीसदी बढ़कर 1.8 अरब रुपये हो गया.
Hindalco Industries
हिंडाल्को का कॉपर कारोबार बहुत मजबूत है. गुजरात के दहेज में दुनिया का सबसे बड़ा कस्टम स्मेल्टर है. अभी कंपनी के पास 0.42 मिलियन टन कैथोड और 0.54 मिलियन टन रॉड बनाने की क्षमता है. कंपनी 2030 तक डाउनस्ट्रीम EBITDA चार गुना करना चाहती है. दहेज में 300 किलो टन नई क्षमता जोड़ी जा रही है. 1.1 अरब डॉलर का यह प्रोजेक्ट 2029 तक पूरा होगा.
कंपनी ई-कचरा रिसाइक्लिंग प्लांट भी बना रही है. 290 मिलियन डॉलर की लागत से 2027 के पहली छमाही तक इसे तैयार किया जाएगा. इसकी शुरुआती क्षमता 50 किलो टन शुरू होगा और बाद में 200 किलो टन तक बढ़ाया जाएगा. बैटरी फॉयल और एयर कंडीशनर ट्यूब के लिए भी नए प्लांट बन रहे हैं. कॉपर सेगमेंट कंपनी के EBITDA का 23 फीसदी देता है. पिछले तिमाही में कुल रेवेन्यू 13 फीसदी बढ़कर 660 अरब रुपये और मुनाफा 21 फीसदी बढ़कर 47.4 अरब रुपये हो गया.
Vedanta
वेदांता भारत में 22 फीसदी रिफाइंड कॉपर सप्लाई करती है. जांबिया की कोंकोला माइन जुलाई 2024 में फिर से शुरू हुई है. अभी इस माइन की उत्पादन क्षमता 45 हजार टन है. 2026 में 1.5 लाख टन और बाद में 3 लाख टन क्षमता तक बढ़ाने की योजना है. कंपनी वहां अगले पांच साल में 1 अरब डॉलर निवेश करेगी. साथ ही सऊदी अरब में 2 अरब डॉलर का नया प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है. तूतीकोरिन प्लांट को फिर से शुरू करने की सिफारिश भी मिली है, जो साल 2018 से बंद है. इस तरह कंपनी अपना प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की कदम उठा रही है.
कंपनी की स्थिति
कॉपर कंपनी के रेवेन्यू का 15 फीसदी देता है. पिछले तिमाही में रेवेन्यू 6 फीसदी बढ़कर 392.2 अरब रुपये और मुनाफा 13 फीसदी बढ़कर 50.3 अरब रुपये हो गया. EBITDA 12 फीसदी बढ़कर 116.1 अरब रुपये रहा. कंपनी के पास 214.8 अरब रुपये कैश मौजूद है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.