Jewar Airport की जल्द होगी शुरुआत, कंस्ट्रक्शन कंपनी Tata Projects ने दी जानकारी; DGCA क्लीयरेंस मिलते ही भरेंगी उड़ान

जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अपनी लॉन्चिंग के अंतिम चरण में पहुंच चुका है और जल्द संचालन शुरू कर सकता है. Tata Projects के अनुसार निर्माण कार्य बड़े पैमाने पर पूरा हो चुका है और अब फोकस DGCA सेफ्टी, सिक्योरिटी क्लीयरेंस और एरोड्रोम लाइसेंस जैसे रेगुलेटरी अप्रूवल पर है. कंपनी का कहना है कि आवश्यक अनुमतियां मिलते ही एयरपोर्ट ऑपरेशनल हो जाएगा.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट Image Credit: money9live.com

Jewar Airport update: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) अब अपनी लॉन्चिंग के बिल्कुल करीब पहुंच गया है. टाटा ग्रुप की इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन कंपनी Tata Projects ने गुरुवार को संकेत दिए कि एयरपोर्ट जल्द ही संचालन शुरू कर देगा. कंपनी के अनुसार एयरपोर्ट के निर्माण से जुड़े ज्यादातर काम पूरे हो चुके हैं और अब प्रक्रिया पूरी तरह रेगुलेटरी अप्रूवल चरण में है. DGCA से सेफ्टी और सिक्योरिटी क्लीयरेंस, साथ ही एरोड्रोम लाइसेंस जैसी औपचारिकताएं पूरी होते ही एयरपोर्ट के शुरू होने का रास्ता साफ हो जाएगा. यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी और इकोनॉमिक गतिविधियों को नया रूप देने वाला है. Tata Projects Limited को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) के निर्माण का ठेका दिया गया है.

रेगुलेटरी अप्रूवल फेज में पहुंचा Jewar Airport

Tata Projects के CEO और Managing Director विनायक पाई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि Noida International Airport Limited DGCA के साथ मिलकर आवश्यक सुरक्षा और तकनीकी क्लीयरेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा, “अब काम निर्माण से ज्यादा रेगुलेटरी अप्रूवल पर केंद्रित है. हमारा काम बड़े पैमाने पर तैयार है और प्रधानमंत्री के उद्घाटन के लिए पूरी तरह तैयार है.” कंपनी के अनुसार एयरपोर्ट बहुत जल्द ऑपरेशनल होने की स्थिति में आ जाएगा, हालांकि सटीक तारीख का खुलासा नहीं किया गया.

Tata Projects का तेजी से बढ़ता ऑर्डर बुक

विनायक पाई ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य अपना ऑर्डर बुक चालीस हजार करोड़ रुपये से तैंतालीस हजार करोड़ रुपये के बीच बनाए रखना है. कंपनी इलेक्ट्रॉनिक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, फोर्थ जनरेशन मैन्युफैक्चरिंग, सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग, और डाटा सेंटर जैसे उभरते क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट हासिल कर रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी तेज और प्रिडिक्टेबल प्रोजेक्ट डिलीवरी के लिए जानी जाती है और अब कई प्रोजेक्ट अठारह महीने से दो साल की अवधि में पूरे हो रहे हैं.

मिल रहे सुधार के संकेत

कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में सात सौ इक्यावन करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया था. पाई ने बताया कि यह नुकसान पुराने प्रोजेक्ट्स के कारण हुआ, जिन पर Covid अवधि के दौरान प्रभाव पड़ा था. हालांकि कंपनी का दावा है कि पुराने प्रोजेक्ट इस वर्ष पूरे हो जाएंगे और नए प्रोजेक्ट लगातार लाभ में हैं. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष से कंपनी के परिणामों में “बेहतर लाभप्रदता” दिखाई देने लगेगी.

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