अनक्लेम्ड शेयर और डिविडेंड IEPF से ऐसे पाएं वापस, जानिए क्या है पूरी प्रक्रिया, पात्रता और जरूरी दस्तावेज
बहुत से लोगों को शायद ही पता हो कि उनके या उनके परिवारजनों के नाम पर शेयर मौजूद हो सकते हैं, जिन पर सालों से दावा नहीं किया गया है. अब सरकार ने ऐसे शेयरों के लिए एक खास व्यवस्था की है, जिससे आप वह खोई हुई संपत्ति दोबारा पा सकते हैं.

हजारों लोग ऐसे हैं जिनकी शेयरों में की गई निवेश राशि सालों से पड़ी रह जाती है,या तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती या फिर समय रहते उसे क्लेम नहीं किया जाता. यही वजह है कि सरकार ने Investor Education and Protection Fund (IEPF) की व्यवस्था लागू की है, जिससे सालों से लावारिस पड़े शेयर सही व्यक्ति तक पहुंच सकें. अगर आपके या आपके किसी परिजन के नाम पर कभी किसी कंपनी में शेयर थे और उन्हें क्लेम नहीं किया गया है, तो आप भी IEPF के जरिए उन्हें वापस पा सकते हैं.
क्या है IEPF और क्यों है यह जरूरी?
जब कोई निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदता है लेकिन उस पर मिलने वाले डिविडेंड को लगातार सात सालों तक क्लेम नहीं करता, तो वह पैसा और उससे जुड़े शेयर IEPF में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं. Ministry of Corporate Affairs ने Companies Act, 2013 और 2016 में बने Refund Rules के तहत इस व्यवस्था को लागू किया है ताकि निवेशकों का पैसा बेकार न जाए.
कौन कर सकता है IEPF से शेयर रिकवरी का दावा?
अगर किसी व्यक्ति के नाम से कोई शेयर IEPF में ट्रांसफर हो चुका है, तो वह व्यक्ति, उसका कानूनी उत्तराधिकारी, नॉमिनी या वारिस उस पर दावा कर सकता है. हालांकि, एक ही वित्तीय वर्ष में एक ही कंपनी को लेकर केवल एक ही समेकित दावा किया जा सकता है. अगर आप किसी मृतक के वारिस हैं, तो सबसे पहले कंपनी से ट्रांसमिशन प्रोसेस पूरी कराना और पात्रता प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा.
IEPF से शेयर वापस पाने की प्रक्रिया
स्टेप 1: ऑनलाइन फॉर्म भरना
निवेशक को सबसे पहले MCA पोर्टल पर जाकर IEPF-5 फॉर्म भरना होता है. इसमें मांगी गई जानकारियों में शामिल हैं. दावेदार की जानकारी, कंपनी की जानकारी, डिविडेंड व शेयर की डिटेल्स, आधार/पासपोर्ट, बैंक व डिमैट खाता डिटेल्स.
स्टेप 2: कंपनी को डॉक्युमेंट भेजना
फॉर्म भरने के बाद दावेदार को सारे जरूरी दस्तावेजों के साथ कंपनी के IEPF नोडल ऑफिसर या रजिस्ट्रार को एक लिफाफे में फॉर्म भेजना होता है, जिस पर ‘Claim for refund from IEPF Authority’ लिखा होना चाहिए. इनमें शामिल हैं- IEPF-5 फॉर्म की साइन की गई कॉपी, SRN नंबर की रसीद, स्टांप पेपर पर बना इन्डेम्निटी बॉन्ड, ओरिजिनल शेयर सर्टिफिकेट या डिमैट स्टेटमेंट, आधार, चेक, डिमैट क्लाइंट मास्टर कॉपी आदि.
स्टेप 3: कंपनी द्वारा IEPF को रिपोर्ट भेजना
कंपनी को 15 दिनों के अंदर दावेदार के दस्तावेजों की जांच कर IEPF को एक वैरिफिकेशन रिपोर्ट भेजनी होती है.
स्टेप 4: IEPF द्वारा फंड/शेयर रिफंड
जब IEPF को कंपनी से वैरिफिकेशन रिपोर्ट मिल जाती है, तो वह 60 दिनों के अंदर उस पर निर्णय करता है. मंजूरी मिलने पर, दावेदार के नाम से उसके डिमैट खाते में शेयर ट्रांसफर कर दिए जाते हैं.
यह भी पढ़ें: 1 साल में 33% रिटर्न! इन 3 स्मॉल कैप फंड्स ने कर दिखाया कमाल, जानिए कौन हैं ये दमदार स्कीमें
अगर आपके परिवार के किसी सदस्य ने शेयरों में निवेश किया था और वह सालों से अनक्लेम्ड हैं, तो आज ही अपने रिकॉर्ड्स खंगालिए. यह आपकी छूटी हुई संपत्ति वापस पाने का अवसर है, जिसे सरकार ने आपके लिए संरक्षित किया है. IEPF न केवल निवेशकों के हितों की रक्षा करता है, बल्कि लंबे समय से पड़े फंड्स को उनके असली हकदार तक पहुंचाने की कोशिश भी करता है.
Latest Stories

RIL, इंफोसिस समेत टॉप 6 कंपनियों को झटका; 78166 करोड़ घटा मार्केट कैप- केवल इन चार की धूम

ITC ने किया ऐसा ऐलान, शेयर लगातार भर रहा उड़ान; क्या और बढ़ेगी रफ्तार?

बाजार में तेजी के संकेत, लेकिन कन्फर्मेशन अभी बाकी: अंशुल जैन ने बताया इस लेवल को तोड़ते ही आएगा ब्रेकआउट
