12% तक भागने को तैयार है यह शेयर, जेएम फाइनेंशियल ने दी ‘Add’ रेटिंग, ये 4 फैक्टर करेंगे फ्यूल का काम

जेएम फाइनेंशियल ने एनएसडीएल पर ‘Add’ रेटिंग देते हुए ₹1,290 का टारगेट प्राइस निर्धारित किया है. यानी इसमें 12% की तेजी आ सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, एनएसडीएल की डुओपोली स्थिति, डायवर्सिफाइज फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर, मजबूत इंस्टीट्यूशनल बेस इसे लॉन्ग टर्म निवेश के लिए आकर्षक बनाते हैं.

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जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) ने नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) पर अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए शेयर पर ‘Add’ रेटिंग दी है यानी शेयर खरीदने को कहा है और 1,290 रुपये का टारगेट प्राइस निर्धारित किया है. यह मौजूदा स्तर 1158.55 रुपये से करीब 11.5 प्रतिशत की संभावित बढ़त को दिखाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएसडीएल के पास मजबूत कैश फ्लो, कम अस्थिरता और बिजनेस में डुओपोली की स्थिति है जिसके कारण इसे प्रीमियम वैल्यूएशन मिलना चाहिए. जेएम फाइनेंशियल ने ‘Add’ रेटिंग देने के कई कारण भी बताये हैं.

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बाजार में अग्रणी स्थिति

जेएम फाइनेंशियल ने कहा कि एनएसडीएल (NSDL) भारत की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी कंपनी है और यह कई प्रमुख मानकों पर अपनी पकड़ बनाए हुए है. कंपनी के पास ज्यादातर जारीकर्ताओं, एक्टिव इंस्ट्रूमेंट्स और कुल डिमैट मूल्य के लेनदेन में अग्रणी हिस्सेदारी है. वित्त वर्ष 2024-25 में एनएसडीएल का मार्केट शेयर 66 प्रतिशत था और इसने लगभग 103.2 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन का निपटान किया. इसके अलावा, एनएसडीएल के पास कुल डिमैट सिक्योरिटीज के 86.8 प्रतिशत मूल्य की कस्टडी थी जो लगभग 464 लाख करोड़ रुपये के बराबर है.

इंस्टीट्यूशनल कस्टमर की पकड़

जेएम फाइनेंशियल की रिपोर्ट के अनुसार, एनएसडीएल की सबसे बड़ी ताकत इसका इंस्टीट्यूशनल कस्टमर बेस है. इसमें बड़ी संख्या में कॉरपोरेट, इंस्टीट्यूशनलऔर हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) निवेशक शामिल हैं. मार्च 2025 तक कंपनी के प्रति खाते की औसत वैल्यू 1.18 करोड़ रुपये थी जो इसके प्रतिद्वंद्वी सीडीएसएल से लगभग 25 गुना अधिक है. इस कारण कंपनी की आमदनी अधिक स्थिर और अस्थिरता कम रहती है.

डायवर्सिफाइज फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर

जेएम फाइनेंशियल के मुताबिक, एनएसडीएल अब सिर्फ एक सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी नहीं बल्कि एक डायवर्सिफाइज फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित हो चुका है. वित्त वर्ष 2025 में इसकी कोर डिपॉजिटरी सेवाओं से कुल राजस्व का 44 प्रतिशत आया, जबकि 56 प्रतिशत राजस्व इसकी सहायक कंपनियों एनडीएमएल और एनपीबीएल से प्राप्त हुआ. विशेष रूप से, एनएसडीएल पेमेंट्स बैंक (NPBL) ने कुल ऑपरेटिंग रेवेन्यू का 51 प्रतिशत योगदान दिया.

मजबूत भविष्य की संभावना

जेएम फाइनेंशियल का अनुमान है कि एनएसडीएल की आय में वित्त वर्ष 2025-28 के बीच 11 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि (CAGR), ईबीआईटीडीए में 18 प्रतिशत और शुद्ध लाभ में 15 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. बढ़ती इक्विटी मार्केट भागीदारी और सेबी के सख्त नियमों के चलते इस सेक्टर में नए प्रतियोगियों का प्रवेश लगभग असंभव है. ऐसे में एनएसडीएल आने वाले वर्षों में मजबूत वृद्धि और स्थिर रिटर्न देने वाली प्रमुख डिपॉजिटरी बनी रह सकती है.

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