Swiss watch कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी ने दिया 1500% रिटर्न, देश की सबसे बड़ी लग्जरी वॉच रिटेल चेन में 50% स्टेक, फोकस में रखें शेयर

प्रीमियम वॉच कंपोनेंट्स निर्माता और Ethos की प्रमुख शेयरधारक कंपनी KDDL लिमिटेड ने स्विस ब्रांड Favre Leuba का अधिग्रहण कर वैश्विक लग्जरी वॉच बाजार में अपनी स्थिति मजबूत की है. कंपनी 2026 तक 15–20% सालाना ग्रोथ और 19–20% EBITDA मार्जिन हासिल करने का लक्ष्य रखती है. निवेशक इसके शेयरों पर नजर रख सकते हैं.

प्रीमियम वॉच कंपोनेंट्स निर्माता KDDL लिमिटेड Image Credit: ethos

लग्जरी वॉच कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनी KDDL लिमिटेड ने स्विट्जरलैंड की मशहूर वॉच ब्रांड Favre Leuba का अधिग्रहण कर वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है. कंपनी की यह रणनीतिक खरीदारी उसे न केवल अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला रही है बल्कि प्रीमियम वॉच इंडस्ट्री में एक बड़ा विस्तार भी सुनिश्चित कर रही है. पिछले 5 साल में कंपनी ने 1500% से अधिक का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. विश्लेषकों का अनुमान है कि लॉन्ग टर्म में KDDL के शेयर मुनाफा करा सकते हैं. ऐसे में निवेशक इसे वॉचलिस्ट में शामिल कर सकते हैं.

कंपनी का बिजनेस

KDDL लिमिटेड उच्च गुणवत्ता वाले वॉच कंपोनेंट्स जैसे डायल, हैंड्स, ब्रैसलेट, इंडेक्स और एप्लिक बनाती है. इसके पास भारत और स्विट्जरलैंड में 8 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जिनसे कंपनी की करीब 66% आय एक्सपोर्ट्स से होती है. कंपनी ने हाल ही में स्विट्जरलैंड की वॉच हैंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी Estima AG का भी अधिग्रहण किया था. घड़ी निर्माण के अलावा, इसका Eigen Engineering डिवीजन ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस, और ग्रीन एनर्जी सेक्टर के लिए भी प्रिसिशन पार्ट्स बनाता है.

सब्सिडियरी कंपनियां और विस्तार

KDDL की Ethos Limited में 50.12% हिस्सेदारी है, जो भारत की सबसे बड़ी लग्जरी वॉच रिटेल चेन है. Ethos के देशभर में 73 स्टोर हैं, जिनमें Rolex, Omega, Tag Heuer और Longines जैसी 70 से ज्यादा ब्रांड्स बिकते हैं. इसके अलावा, Mahen Distribution, Pylania SA, Estima AG, और Kamla International Holdings SA जैसी सहायक कंपनियां KDDL के बिजनेस को विविधता देती हैं. Favre Leuba के अधिग्रहण के लिए कंपनी की Silvercity Brands AG में 92.63% हिस्सेदारी है, जो लग्जरी वॉच सेगमेंट में KDDL की वैश्विक उपस्थिति को और मजबूत करती है.

कंपनी का फाइनेंस

FY2026 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में कंपनी की आय 465 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 360 करोड़ रुपये से 29% ज्यादा है. कंपनी का नेट प्रॉफिट 30 करोड़ रुपये रहा जो साल-दर-साल 7% की बढ़ोतरी दर्शाता है.
कंपनी का ROE 11.51% और ROCE 14.12% है, जबकि इसका P/E रेशियो 31.73x है, जो इंडस्ट्री औसत 28.51x से ज्यादा है.

शेयरों का हाल

कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगभग 3,082.20 करोड़ है. शुक्रवार को इसके शेयर ₹2501.80 प्रति शेयर पर बंद हुए, जो इसके 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹3,351 से करीब 25% नीचे है. हालांकि, बीते पांच वर्षों में इस स्टॉक ने 1514% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है.

सोर्स- Groww

भविष्य की योजना

कंपनी ने बेंगलुरु में 28,000 वर्ग फीट का नया यूनिट लीज पर लिया है जो FY26 की दूसरी छमाही में पूरी तरह संचालन में आएगा. फिलहाल इसकी कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 50% है, जिसे FY26 तक 65% तक बढ़ाने की योजना है. कंपनी ने 2026 तक 15-20% एनुअल रेवेन्यू बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय बाजारों की रिकवरी और Favre Leuba का योगदान अहम रहेगा. कंपनी का अनुमान है कि इसका EBITDA मार्जिन 19–20% के बीच रहेगा.

इसे भी पढ़ें: 200 DMA से नीचे ट्रेड कर रहे IRCTC समेत ये 5 फंडामेंटली मजबूत शेयर, रडार में रख सकते हैं आप

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.