कोटक की लक्ष्मी अय्यर ने शेयर मार्केट पर की बड़ी भविष्यवाणी, जानें Gold को लेकर क्या दिया सुझाव
भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है. विदेशी निवेशक भी पैसा निकाल रहे हैं. इसी बीच एक्सपर्ट ने निवेशकों को संतुलित रणनीति अपनाने की सलाह दी है. एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार की अस्थिरता को देखते हुए निवेशकों को किसी एक एसेट क्लास पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि इक्विटी, सोना और फिक्स्ड इनकम में संतुलित निवेश करना चाहिए.
Share Market: पिछले दो महीनों से भारतीय बाजार जबरदस्त उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहे हैं. निफ्टी इंडेक्स 22,000 से 23,000 के बीच झूल रहा है. मार्केट की मौजूदा स्थिति को देखते हुए विदेशी निवेशक भी भारतीय बाजार से लागातर पैसा निकाल रहे हैं. यानि मार्केट पूरी तरह से ‘हलचल’ वाली स्थिति में है. तो आइए आज जानते हैं भारतीय शेयर मार्केट को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट.
मनीकंट्रोल के ग्लोबल वेल्थ समिट के दौरान कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स की सीईओ (इन्वेस्टमेंट और स्ट्रैटेजी) लक्ष्मी अय्यर ने कहा है कि बाजार पूरी तरह से ‘हलचल’ वाली स्थिति में है. हालांकि, उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि वे किसी एक एसेट क्लास को पूरी तरह छोड़कर दूसरी में शिफ्ट होने की जल्दबाजी न करें.
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सांप और सीढ़ी का साल
मनीकंट्रोल से बातचीत में अय्यर ने कहा कि फिलहाल निवेशकों का रुझान एक एसेट क्लास से दूसरी में शिफ्ट होने की तैयारी में है. क्योंकि शेयर मार्केट की हालिया घटनाएं उन्हें सुरक्षित विकल्पों की ओर जाने को विवश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि हमें किसी एसेट क्लास से पूरी तरह बाहर निकल जाना चाहिए. 2025 को लेकर अय्यर ने इसे “सांप और सीढ़ी का साल” करार दिया. उन्होंने भविष्यवाणी की कि बाजार निवेशकों के साथ शरारती बोर्ड गेम की तरह खिलवाड़ करना जारी रखेगा.
उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज नहीं करें
अय्यर ने बाजार की अनिश्चितता को एक सांप-सीढ़ी के खेल से तुलना करते हुए कहा कि सोचिए, एक निवेशक 98 नंबर तक पहुंचकर जीत के करीब होता है. लेकिन अचानक वह फिसलकर 15 या 18 पर आ जाता है और उसे फिर से शुरुआत करनी पड़ती है. यही इस बाजार की सच्चाई है और इसके उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें सिर्फ इक्विटी पर ध्यान देना चाहिए, तो अय्यर ने कहा कि अगर लक्ष्य 100 रुपये को 200 रुपये में बदलना है, तो इक्विटी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन उन्होंने आगाह किया कि इतने अनिश्चित बाजार में पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना जरूरी है. इसलिए सिर्फ इक्विटी पर निर्भर रहने के बजाय, कुछ निवेश सोना, फिक्स्ड इनकम और अन्य एसेट्स में भी करना फायदेमंद होगा.
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सोना ने इस साल अच्छा मुनाफा दिया
अय्यर ने कहा कि सारा दांव एक ही जगह नहीं लगाया जा सकता. सोना ने इस साल अच्छा मुनाफा दिया. अगले साल भी इसमें तेजी रह सकती है. लेकिन क्या सिर्फ सोने पर भरोसा किया जा सकता है? बिल्कुल नहीं. अगर आपका लक्ष्य 100 रुपये को 200 रुपये बनाना है, तो इक्विटी अब भी सबसे आगे है. अय्यर का कहना है कि निवेश में विविधता बहुत जरूरी है. उनके अनुसार सोना एक अच्छा विकल्प है, लेकिन इक्विटी और फिक्स्ड इनकम भी महत्वपूर्ण हैं. एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाने के लिए इन सभी विकल्पों का संतुलन बनाना जरूरी है.