दिवाली से पहले BSE कंपनियों का मार्केट कैप रिकॉर्ड ऊंचाई पर, FII बिकवाली के बावजूद DII ने डाले 18000 करोड़ रुपये
भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू पिछले एक साल के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गई है. यह तेजी सभी तरह के शेयरों में देखी गई, चाहे वो लार्ज-कैप, मिड-कैप या स्मॉल-कैप हों. सेंसेक्स और निफ्टी ने भी लगभग चार महीने का उच्चतम स्तर छुआ. इस महीने अब तक ये 3.6 प्रतिशत बढ़े हैं और 26 सितंबर के रिकॉर्ड स्तर से सिर्फ 3.6 प्रतिशत पीछे हैं.

Mcap of listed firms on BSE hits one-year high: भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू पिछले एक साल के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गई है. यह तेजी विदेशी निवेशकों की खरीदारी और भारत-अमेरिका के बीच जल्द व्यापार समझौते की उम्मीदों के कारण आई है. इसके अलावा, कंपनियों की कमाई में सुधार और कच्चे तेल की कीमतों में कमी ने भी बाजार का मूड बेहतर किया है. BSE पर लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 467 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई. यह स्तर आखिरी बार 1 अक्टूबर 2024 को देखा गया था. यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर से सिर्फ 2.3 प्रतिशत कम है. अक्टूबर की शुरुआत से निवेशकों ने बाजार में लगभग 16 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू जोड़ी है.
सभी तरह के शेयरों में देखी गई तेजी
यह तेजी सभी तरह के शेयरों में देखी गई, चाहे वो लार्ज-कैप, मिड-कैप या स्मॉल-कैप हों. सेंसेक्स और निफ्टी ने भी लगभग चार महीने का उच्चतम स्तर छुआ. इस महीने अब तक ये 3.6 प्रतिशत बढ़े हैं और 26 सितंबर के रिकॉर्ड स्तर से सिर्फ 3.6 प्रतिशत पीछे हैं. BSE मिडकैप इंडेक्स 3.66 प्रतिशत बढ़ा, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 2.1 प्रतिशत की तेजी आई. सेक्टर के हिसाब से देखें तो रियल एस्टेट, आईटी और बैंकिंग शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल आया. निफ्टी रियल्टी 7 प्रतिशत बढ़ा, जबकि निफ्टी बैंक और निफ्टी आईटी दोनों 5.1 प्रतिशत ऊपर गए. निफ्टी फार्मा 3 प्रतिशत और निफ्टी मेटल 2.5 प्रतिशत बढ़े.

बाजार का माहौल बेहतर होने की क्या है वजह
मनी कंट्रोल के हवाले से विश्लेषकों का कहना है कि बाजार का माहौल बेहतर होने की वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें हैं. साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच Energy cooperation पर business negotiations में प्रगति ने भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है. हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बाजार में अभी तेजी का माहौल है, लेकिन ओवरबॉट स्थिति के कारण बाजार में कुछ समय के लिए स्थिरता या सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है.
FIIs की बिकवाली और घरेलू निवेशकों ने किया बंपर निवेश
पिछले आठ सेशन में FIIs छह बार नेट बायर रहे और उन्होंने 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया. वहीं, DIIs ने 18000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया. धनतेरस से पहले बाजार में यह तेजी, रुपये की मजबूती और वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेतों के कारण आई है. पहले कई हफ्तों की अस्थिरता के बाद निवेशकों का मूड अब बेहतर हुआ है. फिर भी, विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए. बाजार में कुछ लोग कम कीमत पर शॉर्ट पोजीशन कर रहे हैं और कुछ लोग मुनाफा बुक कर रहे हैं. इसलिए, विदेशी निवेशकों की पूरी तरह वापसी की पुष्टि के लिए बाजार को एक स्पष्ट और स्थिर रुझान की जरूरत है.
डेटा सोर्स: Bloomberg, Money Control
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