सप्ताहभर में ₹3 लाख करोड़ घटा टॉप-10 कंपनियों का मार्केट कैप, H-1B वीजा से TCS को लगा बड़ा झटका

पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. बीएसई सेंसेक्स 2,199 अंक टूटा और देश की टॉप-10 कंपनियों के संयुक्त मार्केट कैप से करीब 2.99 लाख करोड़ रुपये उड़ गए. आईटी दिग्गज TCS को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जबकि रिलायंस, HDFC बैंक, इंफोसिस और ICICI समेत सभी दिग्गज कंपनियों की वैल्यू घटी.

शेयर बाजार Image Credit: CANVA

Market Cap of Top 10 Firms Drops: पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. बीएसई का सेंसेक्स पूरे सप्ताह में 2,199.77 अंक यानी लगभग 2.66 प्रतिशत टूट गया. इस गिरावट का सीधा असर देश की टॉप-10 सबसे बड़ी कंपनियों के मार्केट कैप पर पड़ा. इन 10 कंपनियों के संयुक्त मूल्य में करीब 2,99,661.36 करोड़ रुपये की भारी कमी दर्ज की गई. सबसे ज्यादा नुकसान आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS को हुआ, जिसने अकेले लगभग 97,598 करोड़ रुपये का मार्केट कैप खो दिया.

आईटी सेक्टर को क्यों लगा इतना बड़ा झटका?

इस गिरावट की कई वजहें रहीं. सबसे बड़ी वजह रही अमेरिका द्वारा H-1B वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी. इसका सीधा असर भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ा क्योंकि इनकी इनकम का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है और वहां काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों की संख्या भी बहुत अधिक है. वीजा फीस महंगी होने से कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया और निवेशकों ने टेक्नोलॉजी शेयरों में बिकवाली शुरू कर दी.

इसी दौरान भारतीय रुपया भी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया, जिससे विदेशी निवेशकों का भरोसा और कमजोर हो गया. इसके अलावा, अमेरिका ने ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाइयों के आयात पर 100 फीसदी शुल्क लगा दिया, जिससे भारतीय दवा कंपनियों पर दबाव बढ़ा और फार्मा सेक्टर समेत कई दूसरे क्षेत्रों में नेगेटिव माहौल देखने को मिला.

रिलायंस से लेकर ICICI तक, सभी में दिखी गिरावट

अब अगर कंपनियों के हिसाब से देखें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्य 40,462 करोड़ रुपये घटकर 18,64,436 करोड़ रुपये पर आ गया. इंफोसिस ने 38,095 करोड़ रुपये खो दिए और अब इसका मूल्य 6,01,805 करोड़ रुपये रह गया. HDFC बैंक की मार्केट कैप 33,033 करोड़ रुपये कम होकर 14,51,783 करोड़ रुपये पर आ गई, जबकि ICICI बैंक ने 29,647 करोड़ रुपये गंवाए और उसका मूल्य 9,72,007 करोड़ रुपये रह गया. भारती एयरटेल की स्थिति भी कमजोर रही, जिसका बाज़ार मूल्य 26,030 करोड़ रुपये घटकर 10,92,922 करोड़ रुपये रह गया.

इन कंपनियों में भी दिखी गिरावट

इसके अलावा, सरकारी बीमा कंपनी LIC ने 13,694 करोड़ रुपये गवाए और अब उसका मूल्य 5,51,919 करोड़ रुपये है. हिंदुस्तान यूनिलीवर को भी 11,278 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और इसका मूल्य घटकर 5,89,947 करोड़ रुपये रह गया. वहीं बजाज फाइनेंस 4,978 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 6,12,915 करोड़ रुपये पर आ गया. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI का मूल्य भी 4,846 करोड़ रुपये घटकर 7,91,064 करोड़ रुपये रह गया.

रैंककंपनी का नाममार्केट कैप (₹ करोड़)पिछले हफ्ते का नुकसान (₹ करोड़)
1रिलायंस इंडस्ट्रीज18,64,436.4240,462.09
2एचडीएफसी बैंक14,51,783.2933,032.97
3भारती एयरटेल10,92,922.5326,030.11
4टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS)10,49,281.5697,597.91
5आईसीआईसीआई बैंक9,72,007.6829,646.78
6स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)7,91,063.934,846.07
7बजाज फाइनेंस6,12,914.734,977.99
8इंफोसिस6,01,805.2538,095.78
9हिंदुस्तान यूनिलीवर5,89,947.1211,278.04
10एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम)5,51,919.3013,693.62

आईटी और फार्मा पर दिखे दबाव का असर

गिरावट के बावजूद मार्केट वैल्यू के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज अभी भी देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है. इसके बाद HDFC बैंक, भारती एयरटेल, TCS, ICICI बैंक, SBI, बजाज फाइनेंस, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और LIC का स्थान रहा. कुल मिलाकर, वैश्विक आर्थिक दबाव, अमेरिकी नीतियों और रुपये की कमजोरी ने भारतीय शेयर बाजार को झकझोर कर रख दिया है. आईटी और फार्मा कंपनियों पर सबसे ज्यादा दबाव देखा गया, जबकि बैंकिंग और वित्तीय कंपनियों को भी नुकसान झेलना पड़ा. निवेशकों की संपत्ति में बड़ी गिरावट से बाजार में चिंता और अनिश्चितता का माहौल साफ नजर आ रहा है.

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