इन 5 स्मॉल-कैप कंपनियों के पास 40000 करोड़ तक के ऑर्डर; हाथ में रेलवे-डैम-हाइवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट; रखें रडार में
स्मॉल-कैप सेगमेंट की ये कंपनियां दिखा रही हैं कि मजबूत ऑर्डर बुक किसी भी कंपनी के भविष्य की मजबूती की गारंटी हो सकती है. चाहे पावर सेक्टर हो, इंफ्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स या मीटरिंग सॉल्यूशंस, ये सभी कंपनियां अपने-अपने क्षेत्र में लगातार बड़े प्रोजेक्ट हासिल कर रही हैं.

शेयर बाजार में अक्सर निवेशक बड़ी कंपनियों की ओर देखते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वहीं पर भविष्य की स्थिरता और विकास छुपा है. लेकिन कई बार छोटे शेयर भी बड़ी कहानियां रचते हैं. स्मॉल-कैप सेगमेंट की कुछ कंपनियों ने इतना मजबूत ऑर्डर बुक बना लिया है कि वह किसी दिग्गज कंपनी से कम नजर नहीं आतीं. इनमें कुछ के पास 40000 करोड़ रुपये तक का ऑर्डर बुक है, जो उनके आने वाले सालों की आय और कारोबार की मजबूती का साफ संकेत देता है. ऐसे माहौल में ये कंपनियां निवेशकों के लिए नजदीकी नजर रखने लायक बन गई हैं.
Transrail Lighting Limited
ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड का मार्केट कैप करीब 9,886 करोड़ रुपये है. बीएसई पर इसका शेयर 736.40 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले कारोबारी दिन से कमजोर रहा. कंपनी ने इस वित्त वर्ष में अब तक 1,748 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर हासिल किए हैं. जून 2025 तक इसका अनएक्जिक्यूटेड ऑर्डर बुक 14,654 करोड़ रुपये का था, जो सालाना आधार पर 44 फीसदी ज्यादा है. अगर एल-1 ऑर्डर भी शामिल कर लें तो कुल ऑर्डर बुक 15,637 करोड़ रुपये पर पहुंच जाता है.
कंपनी का ज्यादातर कारोबार पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ा है, जो इसके ऑर्डर बुक का 93 फीसदी हिस्सा है. इसके अलावा सिविल (4 फीसदी), रेलवे (2 फीसदी) और पोल व लाइटिंग (1 फीसदी) भी शामिल हैं. ट्रांसरेल डिजाइन, टेस्टिंग से लेकर मैन्युफैक्चरिंग और इंस्टॉलेशन तक पूरी EPC सेवाएं देती है.
Cemindia Projects Limited
सिमइंडिया प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, जिसे पहले ITD Cementation India कहा जाता था, का मार्केट कैप 13,719 करोड़ रुपये है. बीएसई पर यह शेयर 798.65 रुपये पर बंद हुआ. जून तिमाही में कंपनी का कुल ऑर्डर बुक 18,820 करोड़ रुपये का था. इसी दौरान 2,900 करोड़ रुपये से ज्यादा के नए ऑर्डर भी मिले.
कंपनी के क्लाइंट्स में सरकार (46 फीसदी), पीएसयू (7 फीसदी) और निजी क्षेत्र (47 फीसदी) शामिल हैं. सेगमेंटल योगदान में समुद्री संरचनाएं 36.8 फीसदी, औद्योगिक ढांचे 23.8 फीसदी और शहरी बुनियादी ढांचा व एयरपोर्ट्स 22.2 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. इसके अलावा हाईवे, डैम, टनल और वाटर प्रोजेक्ट्स भी इसमें शामिल हैं.
Sona BLW Precision Forgings Limited
सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिशन फॉर्जिंग्स लिमिटेड का मार्केट कैप 25,468.80 करोड़ रुपये है. इसका शेयर बीएसई पर 409.65 रुपये पर सपाट बंद हुआ. कंपनी का ऑर्डर बुक जून तिमाही में 26,200 करोड़ रुपये का था, जो FY25 की आय का 7.4 गुना है.
कंपनी का सबसे बड़ा फोकस इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट है, जहां से 75 फीसदी यानी 19,800 करोड़ रुपये का ऑर्डर आया है. नॉन-ईवी सेगमेंट से 5,400 करोड़ और रेलवे सेगमेंट से 1,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं. कंपनी गियर्स, मोटर्स और ऑटोमोटिव पार्ट्स बनाने में अग्रणी है और ईवी ट्रेंड का बड़ा लाभ ले रही है.
Genus Power Infrastructures Limited
जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का मार्केट कैप 9,366 करोड़ रुपये है. इसका शेयर बीएसई पर 308 रुपये पर बंद हुआ. कंपनी देश में बिजली मीटरिंग सॉल्यूशन की सबसे बड़ी कंपनियों में गिनी जाती है.
जून 2025 तक कंपनी का ऑर्डर बुक करीब 29,321 करोड़ रुपये का था. इसमें से 27,500 करोड़ रुपये के ऑर्डर एडवांस्ड मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर्स (AMISP) से जुड़े हैं. वहीं 1,800 से 1,900 करोड़ रुपये का बिजनेस निजी कंपनियों और यूटिलिटीज से आता है. ये प्रोजेक्ट्स 8 से 10 साल की अवधि के हैं, जिससे लंबे समय तक कंपनी को आय की स्थिरता मिलेगी.
KEC International Limited
केईसी इंटरनेशनल लिमिटेड का मार्केट कैप 22,520 करोड़ रुपये है. बीएसई पर इसका शेयर 846 रुपये पर बंद हुआ. जून तिमाही में कंपनी का कुल ऑर्डर बुक 34,409 करोड़ रुपये का था. साथ ही एल-1 ऑर्डर मिलाकर यह 40,000 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच जाता है.
सेगमेंट के हिसाब से देखें तो ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन का हिस्सा सबसे बड़ा है, करीब 60 फीसदी. इसके बाद सिविल (28 फीसदी), ट्रांसपोर्टेशन (9 फीसदी) और बाकी हिस्से रिन्यूएबल्स, ऑयल एंड गैस व केबल्स से आते हैं. सिर्फ इसी तिमाही में कंपनी ने 5,517 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर हासिल किए.
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