रिलायंस का RSI 30 से नीचे, गिरावट में मौका या खतरे की घंटी? जानें ब्रोकरेज ने क्या दे रखा है टारगेट

रिलायंस इंडस्ट्रीज का RSI 29.7 तक गिर चुका है, जो इसे तकनीकी रूप से ओवरसोल्ड ज़ोन में रखता है. कंपनी के हालिया तिमाही नतीजे, ब्रोकरेज हाउस की खरीदारी की राय और मौजूदा शेयर प्राइस को देखते हुए निवेशकों के बीच यह सवाल है कि क्या यह गिरावट लॉन्ग टर्म में एंट्री का मौका हो सकती है. देखें पुरी रिपोर्ट.

रिलायंस इंडस्ट्रीज Image Credit: @AI/Money9live

Reliance Industries Ltd RSI Below 30: शेयर बाजार में टेक्निकल इंडिकेटर की अपनी अहमियत होती है. इनमें से एक प्रमुख इंडिकेटर RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स है. यह इंडिकेटर बताता है कि किसी शेयर में खरीदारी की रफ्तार ज्यादा है या बिकवाली का दबाव. इन दिनों, भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी Reliance Industries Limited (RIL) को लेकर अब उसी इंडिकेटर की चर्चा है. आज, मंगलवार 29 जुलाई को रिलांयस के शेयर का भाव 1400 रुपये से नीचे गिरकर 1,394 रुपये (दोपहर 01:20 बजे) पर ट्रेड कर रहा है. Trendlyne के मुताबिक, रिलायंस का RSI 29.7 तक गिर चुका है. तकनीकी भाषा में यह स्तर Oversold Zone में आता है. इस खबर के बाद सवाल खड़ा होता है कि क्या यह रिलायंस में निवेश का यह सही मौका है?

क्या होता है RSI?

RSI, यानी Relative Strength Index, एक मोमेंटम इंडिकेटर है जो यह मापता है कि किसी स्टॉक को हाल के समय में कितना खरीदा या बेचा गया है. इसका स्कोर 0 से 100 के बीच होता है. अगर किसी शेयर का RSI 70 से ऊपर चला जाता है, तो उसे “Overbought” यानी जरूरत से ज्यादा खरीदा हुआ माना जाता है. इससे संकेत मिलता है कि अब उसमें गिरावट आ सकती है.

रिलायंस के लिए क्या है मतलब?

अगर RSI 30 से नीचे आता है, तो वह “Oversold” जोन में माना जाता है, और यह दर्शाता है कि शेयर पर जरूरत से ज्यादा बिकवाली का दबाव बन चुका है और अब वह रुक सकता है या वापस ऊपर जा सकता है. इसका मतलब यह है कि रिलायंस के RSI का 29.7 तक गिरना यह दिखाता है कि स्टॉक पर काफी दबाव आ चुका है, और तकनीकी रूप से अब उसमें रिकवरी की संभावना बन रही है.

रिलायंस का प्रदर्शन और RSI में गिरावट की वजह

रिलायंस ने हाल ही में अपनी पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजे पेश किए थे. कंपनी की टेलीकॉम सेक्टर Jio ने स्थिर ग्रोथ दिखाई, लेकिन रिटेल सेगमेंट में उम्मीद से थोड़ी धीमी बढ़त देखने को मिली. इसके अलावा ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) बिजनेस पर भी इंटरनेशनल क्रूड प्राइस और ग्रोथ में सुस्ती का असर देखा गया. हालांकि कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट साल-दर-साल के आधार पर 78 फीसदी बढ़कर 26,994 करोड़ रुपये हो गया. पिछले साल के समान तिमाही पर ये आंकड़ा 15,138 करोड़ रुपये था. नतीजों के बाद स्टॉक में हल्की गिरावट आई, जिसे कई निवेशकों ने मुनाफावसूली के रूप में देखा.

क्या है ब्रोकरेज की राय?

ब्रोकरेज फर्म Systematix Institutional Equities ने 20 जुलाई को जारी किए गए अपने एक रिपोर्ट में रिलायंस को लेकर अपनी राय दी थी. ब्रोकरेज ने रिलायंस के शेयर क को लेकर Buy रेट किया था. इसी के साथ फर्म ने रिलायंस के शेयरों को लेकर नया टारगेट दिया. ब्रोकरेज का अनुमान है कि रिलायंस के शेयर 1,680 रुपये तक जा सकते हैं. इससे इतर, तिमाही नतीजों से पहले यानी 9 जुलाई को Axis Capital ने भी रिलायंस इंडस्ट्रीज को लेकर ब्रोकरेज रिपोर्ट जारी की थी. रिलायंस को लेकर एक्सिस कैपिटल ने Buy कॉल दिया था. साथ ही स्टॉक को लेकर 1,720 रुपये का टारगेट प्राइस दिया. उस वक्त के करेंट प्राइस (1,538 रुपये) के मुकाबले ब्रोकरेज ने 12 फीसदी अपसाइड का टारगेट दिया था. कुछ बिंदुओं में समझते हैं ब्रोकरेज सिस्टेमैट्रिक्स ने बाय कॉल क्यों दिया-

EBITDA में अच्छी ग्रोथ, खासकर Jio और रिटेल से

नेट प्रॉफिट में बड़ा उछाल

Jio और रिटेल का लगातार मजबूत प्रदर्शन

भविष्य की ग्रोथ और टारगेट प्राइस बढ़ा

क्या है शेयर का हाल?

मंगलवार, 29 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर फिलहाल 0.54 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 1,394 रुपये (दोपहर 01:20 बजे) पर कारोबार कर रहा है. पिछले एक महीने में स्टॉक का भाव 8.15 फीसदी तक गिरा है. रिलायंस का 52 वीक हाई 1,551 रुपये और लो 1,115.55 रुपये है. रिलायंस का मार्केट कैप 18,77,359 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.