Windows 10 सपोर्ट खत्म होने पर माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ मचा बवाल, 40 करोड़ कंप्यूटर पर संकट

माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विंडोज 10 के फ्री सिक्योरिटी अपडेट बंद करने की योजना पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. कंज्यूमर रिपोर्ट्स और PIRG जैसे संगठनों ने कंपनी से इस फैसले को बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि यह कदम 40 करोड़ से अधिक कंप्यूटरों को कबाड़ में बदल सकता है, क्योंकि ये डिवाइस हार्डवेयर सीमाओं की वजह से विंडोज 11 पर अपग्रेड नहीं हो पाएंगे.

माइक्रोसॉफ्ट Image Credit: Getty Images Editorial

Microsoft Windows 10 support: टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट की विंडोज 10 के लिए फ्री सिक्योरिटी अपडेट को खत्म करने की योजना पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. वैश्विक उपभोक्ता संगठन कंज्यूमर रिपोर्ट्स ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्या नडेला को पत्र लिखकर इस फैसले को तुरंत बदलने और विंडोज 10 उपयोगकर्ताओं के लिए मुफ्त सेफ्टी सहायता जारी रखने का आग्रह किया है. संगठन का तर्क है कि यह कदम उन लाखों उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को जोखिम में डालेगा, जिनके डिवाइस हार्डवेयर जरूरतों के कारण विंडोज 11 पर अपग्रेड नहीं हो सकते.

14 अक्तूबर से नहीं मिलेगा मुफ्त सेफ्टी अपडेट

माइक्रोसॉफ्ट ने 14 अक्टूबर, 2025 की तारीख तय की है, जिसके बाद विंडोज 10 को मुफ्त सेफ्टी अपडेट मिलना बंद हो जाएंगे. इसके बाद उपयोगकर्ताओं को अपने सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए शुल्क देकर सहायता लेनी होगी. कंज्यूमर रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त 2025 तक दुनिया भर में लगभग 46.2 फीसदी लोग अभी भी विंडोज 10 का इस्तेमाल कर रहे थे. इनमें से एक बहुत बड़ी संख्या ऐसे उपयोगकर्ताओं की है, जो हार्डवेयर सीमाओं के चलते विंडोज 11 की ओर नहीं बढ़ पा रहे हैं.

‘पाखंडी’ रवैया बताया

संगठन ने माइक्रोसॉफ्ट के रवैये को “पाखंडी” बताया है. संगठन के मुताबिक, एक तरफ कंपनी उपभोक्ताओं को साइबर सुरक्षा के लिए अपग्रेड करने का आग्रह करती है, वहीं दूसरी तरफ विंडोज 10 उपकरणों को असुरक्षित छोड़ देती है. पत्र में उस 30 डॉलर के चार्ज पर भी सवाल उठाया गया है, जो माइक्रोसॉफ्ट महज एक साल की अतिरिक्त सुरक्षा के लिए वसूल रहा है.

कंज्यूमर रिपोर्ट्स का आरोप है कि कंपनी की मुफ्त सहायता के विकल्प भी उपयोगकर्ताओं को माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे कंपनी प्रतिस्पर्धियों पर “बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने का प्रयास” करती है.

40 करोड़ कंप्यूटरों के कबाड़ बनने का खतरा

इस मामले में कंज्यूमर रिपोर्ट्स को पब्लिक इंटरेस्ट रिसर्च ग्रुप (PIRG) जैसे सार्वजनिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. PIRG ने भी सपोर्ट की अवधि बढ़ाने के लिए याचिका दायर की है. समूह का अनुमान है कि “विंडोज 11 पर अपग्रेड नहीं हो सकने वाले 40 करोड़ से अधिक पूरी तरह से ठीक काम करने वाले कंप्यूटरों को फेंका जा सकता है.” यह चिंता इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-वेस्ट) में भारी बढ़ोतरी और उन उपयोगकर्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर है, जो पुराने हार्डवेयर पर निर्भर हैं.

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