MobiKwik ऐप में खामी का फायदा उठाकर ₹40 करोड़ का घोटाला, 2500 बैंक खाते हुए फ्रीज; हुई गिरफ्तारी

गुरुग्राम पुलिस ने MobiKwik ऐप में तकनीकी खामी का फायदा उठाकर किए गए 40 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी लेन-देन का खुलासा किया है. इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 2,500 बैंक खाते फ्रीज कर 8 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं.

मोबिक्विक से जुड़ा फ्रॉड Image Credit: @Canva/Money9live

MobiKwik Fraud Account Seal: गुरुग्राम पुलिस ने मंगलवार, 16 सितंबर को खुलासा किया कि उन्होंने MobiKwik ऐप में तकनीकी खामी यानी ग्लिच का फायदा उठाकर किए गए 40 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी लेन-देन का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपियों को सोमवार, 15 सितंबर को गुरुग्राम से पकड़ा गया और मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

2500 बैंक खाते सील, 8 करोड़ बरामद

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि जांच में करीब 2,500 बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन की पहचान की गई, जिन्हें फिलहाल फ्रीज कर दिया गया है. इन खातों से अब तक करीब 8 करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं. पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने जानबूझकर ऐप की उस खामी का फायदा उठाया, जिससे बिना पर्याप्त बैलेंस, गलत पासवर्ड या असफल ट्रांजैक्शन के बावजूद पैसे भेजने का लेनदेन सफल दिखाया जाता था. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान रेहान, मोहम्मद साकिल, वकार यूनुस, वसीम अकरम, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद अंसार के रूप में हुई है. इसी तकनीकी खामी का इस्तेमाल कर उन्होंने कंपनी को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया और खुद को आर्थिक फायदा दिलाया.

शिकायत पर हुई कार्रवाई

यह मामला तब सामने आया जब One MobiKwik Systems Limited की ओर से 13 सितंबर को गुरुग्राम के सेक्टर-53 थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई. कंपनी ने बताया कि 12 सितंबर को इंटरनल ऑडिट के दौरान संदिग्ध लेनदेन का पता चला. ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि कुछ रजिस्टर्ड मर्चेंट्स और अज्ञात लोगों ने ऐप की तकनीकी खामी का फायदा उठाया और असफल लेन-देन को सफल दिखाकर अपने बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करा लिया. इससे कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा.

कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच

इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) (कीमती सुरक्षा की धोखाधड़ी) और धारा 314 (संपत्ति का बेईमानी से गबन) के तहत केस दर्ज किया है. फिलहाल पुलिस अन्य लोगों की पहचान करने और उनकी गिरफ्तारी के लिए जांच जारी रखे हुए है. अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, फ्रॉड की कुल राशि और भी बढ़ सकती है.

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

गौर करने वाली बात यह है कि यह पहला मामला नहीं है. अगस्त 2025 में Policybazaar Insurance Brokers Pvt Ltd ने भी गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया था कि अज्ञात लोगों ने कंपनी के कर्मचारियों के नाम, पहचान पत्र और ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर ग्राहकों को ठगा. उस मामले में 11 ग्राहकों से 8,510 रुपये से लेकर 35,000 रुपये तक वसूले गए, और कुल राशि 2,08,645 रुपये तक पहुंच गई.

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