16% लुढ़कने के बाद भी RIL का दम बरकरार, ये 4 चीजें अंबानी के हक में पलट सकती हैं बाजी

मंगलवार को 6 ब्रोकरेज कंपनियों जैसे- जेपी मॉर्गन, जेफरीज, नोमुरा, यूबीएस, एक्सिस कैपिटल और सिटी की ओर इसका टारगेट प्राइस कम कर दिया गया है, जिससे आरआईएल के शेयर 2% कम हो गए है. मगर विश्‍लेषकों का अनुमान है कि कुछ फैक्‍टर्स कंपनी की दशा बदल सकते हैं.

आरआईएल के शेयर का क्‍या है हाल Image Credit: freepik/gettyimages

भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर भले ही पिछले 3 महीनों में 16% तक लुढ़क गए हो, लेकिन इसका करिश्‍मा अभी भी बरकरार है. यही वजह है निवेशक इसका साथ नहीं छोड़ रहे हैं. विश्‍लेषकों के अनुमान के मुताबिक भी स्‍टॉक में अभी भी दम बाकी है. ज्‍यादातर जानकारों का मानना है कि ई-कॉमर्स बाज़ार में इसकी हिस्सेदारी और कंपनी के भविष्‍य की रणनीति को देखते हुए स्‍टॉक के अच्‍छा प्रदर्शन करने की उम्‍मीद है. मंगलवार को 6 ब्रोकरेज कंपनियों जैसे- जेपी मॉर्गन, जेफरीज, नोमुरा, यूबीएस, एक्सिस कैपिटल और सिटी की ओर इसका टारगेट प्राइस कम कर दिया गया है, जिससे आरआईएल के शेयर 2% कम हो गए है. मगर 4 ऐसे फैक्‍टर्स हैं जो पूरी बाजी पलट सकते हैं और अंबानी की कंपनी के शेयर को दोबारा उठा सकते हैं. तो कौन-से हैं वो 4 ट्रिगर आइए जानते हैं.

जियो टैरिफ बढ़ोतरी

जुलाई से लागू टैरिफ बढ़ोतरी और फिक्स्ड ब्रॉडबैंड में आई मजबूती के कारण जियो का ARPU (प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व) Q2 में 7% बढ़कर 195 रुपये हो गया है, ऐसे में आरआईएल को उम्मीद है कि जुलाई में टैरिफ में की गई बढ़ोतरी अगले 2-3 तिमाहियों तक एआरपीयू को बढ़ा सकती है. सिटी रिसर्च का कहना है कि जियो के टैरिफ बढ़ाने का ये फैसला मुद्रीकरण की दिशा में इसके रुख में बदलाव को दिखाती है. भविष्य इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है. गोल्डमैन सैक्स ने भी जियो के लिए मार्च 2025 के लिए 216 रुपये के एआरपीयू का अनुमान लगाया है. जेफरीज का अनुमान है कि बढ़ते टैरिफ और होम ब्रॉडबैंड बिजनेस के बढ़ते बिजनेस को देखते हुए आरआईएल के रेवेन्‍यू में बढ़ोतरी होगी, जिससे शेयर अच्‍छी स्थिति में मूव कर सकते हैं.

डीमर्जर का मिल सकता है फायदा

आजकल तमाम बड़े डीमर्जर के मामले देखने को मिल रहे हैं, ऐसे में आरआईएल से जियो और रिटेल बिजनेस को अलग करने से आरआईएल को फायदा मिल सकता है. अगले कुछ वर्षों में जियो और रिटेल बिजनेस के डीमर्जर के जरिए लिस्टिंग से आरआईएल के शेयरधारकों के लिए वैल्यू बन सकती है. इससे आरआईएल के लिए रीवैल्‍यूएशन की संभावना होगी.

रिटेल सेक्‍टर की वापसी

दूसरी तिमाही में फैशन और लाइफस्‍टायल सेग्‍मेंट में मांग में गिरावट आई. बी2बी व्यवसाय के कैलिब्रेशन के कारण रिलायंस रिटेल का सालाना रेवेन्‍यू 4% घट गया था. ऐसे में विश्‍लेषकों को उम्‍मीद है कि 2025 की पहली छमाही में रिटेल सेक्‍टर में वृद्धि वापस आ सकती है. गोल्डमैन के मुताबिक रिलायंस रिटेल कुछ ऐसे स्टोर बंद करने की प्रक्रिया में है, जिनके मीट्रिक कमजोर हैं. इस फैसले से संचालन बेहतर होगा जिसका फायदा कंपनी को मिलेगा. इसके अलावा 2025 की तीसरी तिमाही से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन में खपत बढ़ेगी, जो आरआईएल स्टॉक के लिए एक ट्रिगर साबित हो सकता है.

न्‍यू एनर्जी बिजनेस की शुरुआत

मार्च 2025 तक कंपनी की ओर से न्‍यू एनर्जी संचालन की शुरुआत की जा सकती है जो आने वाले महीनों में आरआईएल के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रिगर हो सकती है. आरआईएल ने न्‍यू एनर्जी गीगा-फैक्ट्रियों में से पहली इस साल के अंत तक शुरू करेगा. वह सौर पीवी मॉड्यूल का उत्पादन करेगा. अपने एजीएम में आरआईएल ने 5-7 वर्षों में न्‍यू एनर्जी बिजनेस में आय में संभावित 50% से अधिक की वृद्धि की बात कही. इसका फायदा कंपनी के शेयर ग्रोथ में देखने को मिल सकती है.

डिसक्‍लेमर– मनी9लाइव आपको किसी शेयर या म्‍यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां सिर्फ जानकारी दी गई है. इंवेस्‍टमेंट से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्‍य लें.