ब्लॉक डील नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी में SEBI, ऑर्डर साइज और प्राइस रेंज बढ़ाने पर विचार; 15 सितंबर तक स्टेकहोल्डर्स से मांगी राय

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ब्लॉक डील नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है. ड्राफ्ट सर्कुलर के अनुसार, ऑर्डर साइज 10 करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये और प्राइस रेंज में बदलाव का सुझाव दिया गया है. F&O शेयरों के लिए ±1 फीसदी और नॉन-F&O शेयरों के लिए ±3 फीसदी प्राइस रेंज तय की जाएगी. इसके अलावा, रेफरेंस प्राइस की अवधि भी 30 मिनट करने का प्रस्ताव है.

सेबी Image Credit: Canva

SEBI block deal: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ब्लॉक डील से जुड़े नियमों में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव रखा है. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि भारतीय पूंजी बाजार का साइज पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ चुका है. शुक्रवार को जारी ड्राफ्ट सर्कुलर के अनुसार, SEBI ने ब्लॉक डील के लिए प्राइस रेंज बढ़ाने और न्यूनतम ऑर्डर साइज को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया है. ब्लॉक डील मैकेनिज्म के तहत दो पक्षों के बीच पूर्व-निर्धारित सौदों को एक्सचेंज पर विशेष समयावधि में निपटाया जाता है, ताकि प्राइस मैनिपुलेशन को रोका जा सके.

मौजूदा नियमों के तहत, F&O सेगमेंट में उपलब्ध शेयरों के लिए प्राइस रेंज रेफरेंस प्राइस के ±1 फीसदी के भीतर रखने का सुझाव दिया गया है, जबकि नॉन-F&O शेयरों के लिए यह सीमा ±3 फीसदी होगी. कार्यसमूह ने सुझाव दिया था कि सुबह की विंडो में 5 फीसदी और दोपहर की विंडो में 3 फीसदी प्राइस रेंज रखी जाए, हालांकि एक एक्सचेंज ने ±2 फीसदी का सुझाव दिया था.

ऑर्डर साइज में बदलाव

SEBI ने प्रस्तावित किया है कि ब्लॉक डील का न्यूनतम ऑर्डर साइज 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये किया जाए. इसके पीछे तर्क है कि पिछले 10 वर्षों में बेंचमार्क इंडेक्स का साइज तीन गुना बढ़ा है. SEBI के विश्लेषण में पाया गया कि FY25 में NSE पर 90 फीसदी ब्लॉक डील 14 करोड़ रुपये से अधिक की थीं, जबकि 75 फीसदी सौदे 26 करोड़ रुपये से ऊपर थे, वहीं 60 फीसदी सौदे 50 करोड़ रुपये से अधिक और 50 फीसदी सौदे 84 करोड़ रुपये से अधिक के थे.

इससे यह स्पष्ट हुआ कि मौजूदा सीमा पुरानी हो चुकी है. SEBI ने आखिरी बार अक्टूबर 2017 में ब्लॉक डील साइज में बदलाव किया था. नए प्रावधान लागू होने के बाद 25 करोड़ रुपये से कम के सौदे सामान्य बाजार में किए जाएंगे, जिससे ब्लॉक डील विंडो में बड़े और अधिक लिक्विड सौदों की संभावना बढ़ेगी.

रेफरेंस प्राइस का नया नियम

ड्राफ्ट सर्कुलर में SEBI ने एक समान 30 मिनट की रेफरेंस प्राइस अवधि का सुझाव दिया है. अभी सुबह की विंडो (8:45–9:00 बजे) के लिए पिछले दिन के अंतिम 30 मिनट का VWAP लिया जाता है, जबकि दोपहर की विंडो (2:05–2:20 बजे) के लिए 1:45–2:00 बजे के बीच के ट्रेड्स का VWAP लिया जाता है. नए प्रस्ताव के तहत दोपहर की विंडो का रेफरेंस प्राइस 1:30–2:00 बजे के VWAP पर आधारित होगा और 2:00–2:05 बजे के बीच यह जानकारी एक्सचेंज द्वारा जारी की जाएगी.

यह भी पढ़ें: Cello World पर MNCL का बुलिश आउटलुक, शॉर्ट-टर्म में मार्जिन दबाव के बावजूद 35% तक भाग सकता है शेयर

15 सितंबर तक मांगा सुझाव

SEBI ने इस प्रस्ताव पर 15 सितंबर तक स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे हैं. इसके बाद अंतिम सर्कुलर जारी किया जाएगा. यह बदलाव ब्लॉक डील को अधिक पारदर्शी, लिक्विड और बाजार की मौजूदा स्थिति के अनुरूप बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.